जहां मरीजों का होता है इलाज, वहां चला लात-घूंसा, GMCH में रसोई विवाद ने लिया हिंसक रूप
West champaran Latest News : बेतिया के जीएमसीएच में रसोई को लेकर विवाद हो गया, जिसने हिंसक रूप ले लिया। मरीजों का जहां इलाज होता है, वहां लात-घूंसे चल ...और पढ़ें

मारपीट की घटना में घायल युवक।
जागरण संवाददाता, बेतिया । राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जीएमसीएच) में एक बार फिर विवाद और मारपीट की गंभीर घटना सामने आई है। सोमवार को इंटरन/जूनियर डाक्टरों और जीविका दीदी की रसोई में कार्यरत महिलाओं के बीच खाने को लेकर विवाद हुआ और देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गया।
इस घटना में करीब आधा दर्जन जीविका दीदियां घायल हो गईं, जिन्हें जीएमसीएच में ही भर्ती कर इलाज कराया जा रहा है। वहीं रसोई के अन्य स्टाफ भी चोटिल हुए हैं। घायल जीविका दीदियों का आरोप था कि इंटरन डाक्टर रसोई में भोजन करने पहुंचे थे और दही व आमलेट का आर्डर दिया था।
भोजन तैयार होने के बाद दही लेने से इनकार कर दिया गया। इसी बात को लेकर रसोई में कार्यरत सिद्धार्थ ने एक साथ आर्डर देने की बात कही, जिस पर डाक्टर द्वारा आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया। इसके बाद कहासुनी बढ़ गई और कथित तौर पर डॉक्टर ने रसोई स्टाफ के साथ मारपीट शुरू कर दी।
घटना के बाद आक्रोशित जीविका दीदियों ने संबंधित डाक्टर को पकड़कर अधीक्षक के पास ले जाने का प्रयास किया। आरोप है कि इसी दौरान अन्य इंटरन डाक्टरों को बुला लिया गया, जिसके बाद रसोई पर हमला किया गया। महिलाओं के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई, यहां तक कि कई जीविका दीदियों के गहने और मंगलसूत्र तक टूट गए।
इसके विरोध में जीविका दीदी की रसोई को बंद कर दिया गया है। इधर अस्पताल अधीक्षक डा. सुधा भारती ने बताया कि आज इंटरन डाक्टरों और जीविका दीदी की रसोई के बीच भोजन को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद कहासुनी और मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो गई।
उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर जीविका दीदियों ने डीपीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद जीएमसीएच के प्रिंसिपल कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें घटना की समीक्षा की गई और दोषी पाए जाने वाले इंटरन डॉक्टरों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई (पनिशमेंट) देने पर चर्चा हुई है।
फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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