Bihar Board: स्कूल न जाने वाले नहीं दे सकेंगे बोर्ड परीक्षा, 75 फीसदी उपस्थिति जरूरी; CBSE वालों का क्या होगा?
Bihar News बिहार बोर्ड ने सभी के लिए अब स्कूलों में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। बिहार बोर्ड के सचिव के निर्देश के बाद जिले के हाई और प्लस टू स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पर सख्ती बढ़ाई गई है। अब जनवरी 2024 तक जिन बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी होगी वहीं मैट्रिक और इंटर परीक्षा में शामिल हो पाएंगे।
संवाद सहयोगी, बेतिया (पश्चिम चंपारण)। बिहार बोर्ड ने भी अब स्कूलों में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। अब मैट्रिक और इंटर 2024 की परीक्षा में वहीं छात्र शामिल होंगे, जिनकी उपस्थिति 75 प्रतिशित रहेगी।
बिहार बोर्ड के सचिव के निर्देश के बाद जिले के हाई और प्लस टू स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पर सख्ती बढ़ा दी गई है। अभी तक मैट्रिक और इंटर परीक्षा में शामिल होने के लिए स्कूल में उपस्थिति अनिवार्य नहीं थी। छात्र स्कूल आए या ना आए उन्हें बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल जाता था।
छात्रों के लिए केवल मैट्रिक और इंटर के सेंटअप परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होता था, लेकिन अब बिहार बोर्ड ने नौवीं से बारहवीं तक स्कूल आना अनिवार्य कर दिया है। अब जनवरी 2024 तक जिन बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी होगी, वहीं मैट्रिक और इंटर परीक्षा में शामिल हो पाएंगे।
स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश जारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि बोर्ड के आदेश के बाद सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को निर्देश जारी कर दिया गया है। निर्देश में इस बात को भी जोड़ा गया है सरकार की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना आदि के लाभ के लिए नौवीं कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
निरीक्षण में 10वीं और 12वीं में कक्षाएं खाली
जुलाई में स्कूल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में यह देखा गया है कि दसवीं और 12वीं में ज्यादातर स्कूलों में उपस्थिति दस से 15 प्रतिशत रहती है। वहीं, नौवीं में छात्र उपस्थित पाये गए। इससे पता चलता है कि नौवीं में छात्र स्कूल इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें योजना का लाभ लेना होता है।
सीबीएसई स्कूलों में भी 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य
इस बार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने भी नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए 75 उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। अगस्त के पहले सप्ताह से नियमित उपस्थिति नहीं होगी तो आंतरिक मूल्यांकन में अंक काट लिए जाएंगे।
सीबीएसई ने सभी स्कूलों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति हर दिन देखी जाए। नियमित स्कूल नहीं आने वालों की सूची संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय भेजी जाएगी।
कोरोना काल में बोर्ड ने छात्र-छात्राओं को उपस्थिति में छूट दी थी। अब कोरोना संक्रमण जैसी कोई बात नहीं है। फिर भी 11वीं और 12वीं के छात्र स्कूल जाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
11वीं में सिर्फ नामांकन करने वाले स्कूलों पर शिकंजा
जिले में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त कई ऐसे स्कूल हैं, जहां 11वीं और 12वीं की कक्षाएं नहीं चलती हैं। वहां सिर्फ उन छात्रों का नामांकन होता है, जो मैट्रिक पास कर आइआइटी और नीट की तैयारी करना चाहते हैं। उनको एक ऐसे स्कूल की तलाश होती है, जो नामांकन कर लें और बगैर स्कूल में जाए बॉर्ड का फॉर्म भरवा दें।
कुछ स्कूल तो ऐसे भी हैं, जो 11वीं की परीक्षा के लिए भी छात्रों को नहीं बुलाते हैं। ऐसे स्कूलों पर सीबीएसई बोर्ड ने शिकंजा कसा है। हर दिन स्कूल में कितने छात्र उपस्थित हुए, इसका रिकॉर्ड बनाने के लिए कहा गया है।
बताया जाता है कि बोर्ड ने जून में देशभर के स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की उपस्थिति की समीक्षा की। इससे पता चला कि ज्यादातर स्कूलों में 11वीं व 12वीं में 40 से 45 प्रतिशत छात्र नियमित स्कूल आते हैं। नौवीं से 10 वीं में 50 से 55 प्रतिशत उपस्थिति रहती है।
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