नारायण नाम के जाप से दूर होते हैं कष्ट
चौतरवा (पच), संवाद सूत्र : रतवल में श्रीमद भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में प्रवचन करते हुए पंडित सुबोध म
चौतरवा (पच), संवाद सूत्र : रतवल में श्रीमद भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में प्रवचन करते हुए पंडित सुबोध मणि त्रिपाठी ने कहा कि भगवान का नाम लेने पर घोर पापी भी पाप से मुक्त हो जाता है। इसी नाम के सहारे महापापी पुरुष भी भवसिद्धी को पार कर जाते हैं। इस संबंध में अजामिल कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि अजामिल महापापी चोरी व लंपट ब्राम्हण था। संतों की संगति में आकर अपने छोटे पुत्र का नाम नारायण रखा। उसने अपना पाप कार्य जारी रखा। तथापि मृत्यु के समय यमदूतों को देखकर व्याकुल होकर नारायण नारायण चिल्लाने लगा। यह सुनकर भगवान नारायण ने अपने चार दूतों को उसकी रक्षा के लिए भेज दिया। भगवान के दूतों ने यमदूतों का प्रतिकार किया। यह बताया कि भगवान के नाम से पाप करने वाले पुरुष भी पवित्र बन जाते हैं। इसलिए अब नरक नहीं अपितु हमारे साथ यह बैकुण्ठ में जाएगा इस बात का समर्थन स्वयं धर्मराज ने भी किया। किंतु यह सारी घटना अजामिल स्वप्न में ही देख रहा था। नींद खुलने पर वह उठकर बैठ जाता है। ज्ञान का मोल पता चलता है। कहा कि मेरे जैसे पापी के मुंह से नारायण नाम उच्चारित होने पर भगवान ने मेरी रक्षा के लिए देवदूतों को भेज दिया। इसके बाद अजामिल ने वैराग्य धारण कर गंगा के किनारे नारायण नाम का जप किया। जब उसका अंत समय आया तो वह परम धाम को प्राप्त हुआ। भगवान का नाम जीवन को संस्कार देता है।
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