दाखिल-खारिज के साथ शुद्धि पत्र जरूरी
जागरण संवाददाता, बेतिया : यदि दाखिल -खारिज के साथ-साथ कोई भी राजस्व कर्मचारी आवेदक को शुद्धि पत्र नह
जागरण संवाददाता, बेतिया : यदि दाखिल -खारिज के साथ-साथ कोई भी राजस्व कर्मचारी आवेदक को शुद्धि पत्र नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। कई जगहों से इस बाबत मिली शिकायत के आधार पर अपर समाहर्ता विभागीय जांच व्यास मुनि प्रधान ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश जारी किया है। निर्देश में सभी सीओ को अपने क्षेत्राधीन पड़ने वाले हल्का में इस व्यवस्था को बनाये रखने को कहा गया है। इसके लिए सभी हल्का कर्मचारियों को दाखिल-खारिज के साथ-साथ शुद्धि पत्र देने की बात बताई गई है। ताकि आवेदकों को अपनी जमीन की जमाबंदी के बारे में सही रूप से जानकारी मिल सके। यह आदेश इसलिए महत्वपूर्ण है कि इससे आवेदकों उनकी जमीन की जमाबंदी के इतिहास की जानकारी संक्षिप्त रूप से हो सके। इतना हीं नहीं भविष्य में उनकी जमाबंदी से संबंधित किसी भी विवाद के होने की संभावना बचा जा सके। अपर समाहर्ता व्यास मुनि प्रधान ने बताया लोगों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए वे शीघ्र हीं अल्का कार्यालयों को निरीक्षण करेंगे। ताकि लोगों को इस परेशानी से निजात मिल सके।
इनसेट
शुद्धि पत्र मिलने से क्या है लाभ
* जमीन की सही स्थिति से मिलेगी जानकारी
* नये जमाबंदी खोले जाने पर पुराने के बारे में मिल सकती है हुलिया
* खतियानी जमीन के मामले में पुराने जमाबंदी की जगह नया जमाबंदी कायम करने का रहेगा जिक्र
* यदि सिडयूल दो में दस्तावेज के मुताबिक जमीन नहीं है, तो फर्जी दाखिल-खारिज से बचा जा सकेगा
* शुद्धि पत्र देने से कोई भी राजस्व कर्मचारी आवेदक को गलत जमाबंदी नहंी दे सकते हैं
* फर्जीवाड़ा से बच सकते हैं आवेदक
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