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    गंडक नदी किनारे मिट्टी कटाई पर ग्रामीणों का आक्रोश, बाढ़ और गांव विलीन होने का खतरा

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 07:17 PM (IST)

    भारत माला परियोजना के तहत लालगंज में गंडक नदी किनारे मिट्टी कटाई को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी बिना मानक के मिट्टी काट र ...और पढ़ें

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    गंडक नदी किनारे मिट्टी कटाई पर ग्रामीणों का आक्रोश

    संवाद सूत्र, लालगंज। भारत माला परियोजना के तहत 139 डब्ल्यू सड़क निर्माण कार्य में सड़क निर्माण कंपनी द्वारा गंडक नदी किनारे मिट्टी कटाई को लेकर पीड़ापुर पंचायत के ग्रामीण आक्रोशित हो गए हैं। 

    ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी बिना मानक के मिट्टी काटने का प्रयास कर रही है। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। बताया गया कि इस मुद्दे को लेकर हाल ही में हुई बीडीसी की बैठक में पंचायत समिति सदस्य अमरनाथ राय ने सवाल उठाया था। 

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    इसके बाद लालगंज की अंचलाधिकारी बुधवार को पीड़ापुर पंचायत पहुंचीं और जांच कर अपनी रिपोर्ट एसडीएम को भेजी थी।

    गांव के नदी में विलीन होने का खतरा

    जांच रिपोर्ट के बाद गुरुवार को हाजीपुर सदर एसडीओ रामबाबू बैठा खनन विभाग के पदाधिकारी के साथ पीड़ापुर दियारा पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने बताया कि गंडक नदी से पीड़ापुर रिंग बांध और वहां स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी मात्र 400 मीटर है। 

    यदि इस क्षेत्र में मिट्टी कटाई की गई तो आने वाले समय में नदी का कटाव बढ़ेगा और गांव के नदी में विलीन होने का खतरा पैदा हो जाएगा। इस पर एसडीओ ने खनन विभाग के पदाधिकारी से दूरी मापने को कहा। 

    जहां एक ओर ग्रामीणों ने मैप के आधार पर दूरी लगभग 400 मीटर बताई, वहीं खनन विभाग के पदाधिकारी ने नदी के किनारे से दूरी करीब 800 मीटर बताई, जिससे ग्रामीण और आक्रोशित हो गए।

    इस दौरान एसडीओ ने घाट को दो भागों में विभाजित बताते हुए ए ग्रुप में मिट्टी कटाई करने तथा बी ग्रुप में मिट्टी कटाई नहीं करने का निर्देश दिया और इसके बाद मौके से लौट गए। 

    अधिक मिट्टी कटाई होने पर बाढ़ का खतरा

    इस दौरान मुखिया संघ अध्यक्ष गणेश राय भी मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यदि घाट से उजला रेत कटाई का टेंडर हुआ है और एजेंसी मानक के अनुसार कार्य करती है तथा सूचना बोर्ड लगाती है तो ग्रामीणों को कोई आपत्ति नहीं होगी। 

    लेकिन मानक से अधिक मिट्टी कटाई होने पर बाढ़ का खतरा बढ़ेगा, जिसे ग्रामीण किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।