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वर्चस्व की लड़ाई के भंवर में फंसा सोनपुर का विकास

वर्ष 2002 में गठित सोनपुर नगर पंचायत 16 वर्षों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जो अब हो रहा है। इसके पहले भी राजनीतिक उठापटक के बीच नगर अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव सहित गंभीर आरोप लगाए जाते रहे हैं ¨कतु यह सभी आरोप मर्यादा के दायरे में थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 09:29 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 09:29 PM (IST)
वर्चस्व की लड़ाई के भंवर में फंसा सोनपुर का विकास
वर्चस्व की लड़ाई के भंवर में फंसा सोनपुर का विकास

वर्ष 2002 में गठित सोनपुर नगर पंचायत 16 वर्षों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ जो अब हो रहा है। इसके पहले भी राजनीतिक उठापटक के बीच नगर अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव सहित गंभीर आरोप लगाए जाते रहे हैं ¨कतु यह सभी आरोप मर्यादा के दायरे में थे। आज यहां चल रहे आरोपों की आंधी के बीच न सामाजिक आचरण का ख्याल रहा और न ही मर्यादा का। सोनपुर नगर पंचायत की बेपटरी हुई राजनीति अब लुढककर न केवल कीचड़ में सन गई है बल्कि ¨हसक मोड़ पर भी पहुंच गई है। कब क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। वार्ड पार्षद चुनने वाले नगर के मतदाताओं को यह समझ से परे हो रहा है कि आखिर इस घटिया राजनीति का अंत कब होगा।

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बीते शुक्रवार को हुई गोली चलने की घटना के बाद युवा जदयू के सोनपुर नगर अध्यक्ष जितेंद्र ¨सह ने यह आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई की नगर पंचायत के अध्यक्ष अमजद हुसैन तथा उनके छोटे भाई ने हत्या की नियत से उन पर गोली चलाई। इसके पहले युवा जदयू के नगर अध्यक्ष ने लगभग तीन हफ्ते पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष श्री हुसैन के खिलाफ शराब पीने और एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यही नहीं वीडियो वायरल हुए इस मुद्दे को लेकर मची खलबली के बीच श्री हुसैन के विरुद्ध कुछ ¨हदू संगठनों ने मशाल जुलूस निकालते हुए उनका पुतला दहन किया था। दूसरी तरफ नगर पंचायत अध्यक्ष के समर्थक दर्जनभर से ऊपर वार्ड पार्षदों ने सोनपुर एसडीपीओ को एक ज्ञापन सौंपकर सारे मामले का खुलासा करते हुए उन्हें निर्दोष बताया था।।

यह सब चल ही रहा था की शुक्रवार को गोलीकांड के आरोप से नगर पंचायत की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया। मामले का सच और झूठ क्या है यह तो पुलिस के अनुसंधान का विषय है। तत्काल लोगों में चर्चा यह है कि इन आरोप-प्रत्यारोपों से नगर पंचायत की प्रगति प्रभावित हो रही है। विकास और निर्माण से जुड़ी इस नगर पंचायत में अनेक ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें सुलझाने के लिए लंबे समय से मांग उठती रही है। ¨कतु अभी तो नगर पंचायत खुद ही भंवर में फंसा हुआ है। देखें कब तक पुन: सामान्य स्थिति बहाल होती है।


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