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    वैशाली में अब आपसी समझौते के आधार पर तेजी से मिलेगा न्याय, स्थायी लोक अदालत सदस्यों ने की ज्वाइनिंग

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 06:38 PM (IST)

    वैशाली जिले में आपसी समझौते से न्याय मिलेगा। व्यवहार न्यायालय के लिए गठित लोक अदालत के दो सदस्यों ने योगदान दिया। अदालत जनहित सेवाओं जैसे परिवहन डाक टेलीफोन बिजली पानी और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विवादों का निपटारा करेगी। अदालत सुलह और समझौते के माध्यम से विवादों का समाधान करेगी और सुलह न होने पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय देगी।

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    वैशाली में अब आपसी समझौते के आधार पर तेजी से मिलेगा न्याय

    जागरण संवाददाता, हाजीपुर।  वैशाली जिले में अब आपसी समझौते के आधार पर लोगों को तेजी से न्याय मिलेगा। स्थानीय व्यवहार न्यायालय के लिए गठित तीन सदस्यीय स्थायी लोक अदालत के दो सदस्यों ने सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय में योगदान दिया।

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    सोमवार को यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ऋतु कुमारी ने बताया कि हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के स्थायी लोक अदालत में सेवानिवृत्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा त्रिवेदी को अध्यक्ष, कुमारी पूर्णिमा तथा राकेश कुमार को गैर न्यायिक सदस्य बनाया गया है।

    इन सदस्यों में से अध्यक्ष सुषमा त्रिवेदी तथा गैर न्यायिक सदस्य कुमारी पूर्णिमा ने सोमवार को योगदान दिया है। सचिव ने बताया कि इस अदालत में जनहित से जुड़ी सेवाओं जैसे परिवहन, डाक, टेलीफोन, बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विवादों का निपटारा किया जाएगा।

    बताया कि स्थायी अदालत सुलह और समझौते के माध्यम से विवादों का त्वरित समाधान प्रदान करती है और यदि सुलह नहीं होती है तो, गुण-दोष के आधार पर निर्णय भी ले सकती है। स्थाई लोक अदालत के कार्य में जनहित सेवाओं से जुड़े विवादों जैसे परिवहन, डाक, टेलीफोन, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विवादों का निपटारा करना है।

    सुलह और समझौते को प्रोत्साहित करना है लोक अदालत का काम

    विवादों को सुलझाने के लिए पक्षों को आपसी सहमति पर लाने का प्रयास करना लोक अदालत का काम है। यदि सुलह नहीं होती है तो गुण-दोष के आधार पर निर्णय करना,यदि सुलह का प्रयास विफल रहता है तो स्थायी लोक अदालत मामले के गुण-दोष के आधार पर निर्णय ले सकती है।

    स्थायी लोक अदालत का अवॉर्ड सभी पक्षों के लिए बाध्यकारी होता है और इसे सिविल कोर्ट की डिग्री के समान माना जाता है।

    लोक अदालत के फैसले पर नहीं की जा सकती है अपील

    सचिव ने बताया कि साथ ही साथ स्थायी लोक अदालत के अवार्ड के खिलाफ किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है। उन्होंने बताया कि विवादों की सुनवाई में तेजी लाई जाती है।

    उन्होंने बताया कि लोक अदालत में कोई न्यायिक शुल्क नहीं लगता है। स्थायी लोक अदालत के पास गवाहों को बुलाने, दस्तावेजों की मांग करने और शपथ पर साक्ष्य प्राप्त करने का अधिकार है।

    स्थायी लोक अदालत का उद्देश्य विवादों को सुलझाने के लिए पक्षों को समझौते पर लाना और त्वरित तथा किफायती न्याय उपलब्ध कराना है।