नए साल में हाजीपुर से वैशाली तक दौड़ने लगेंगी ट्रेनें
- पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 10 फरवरी 2004 को परियोजना का किया था कार्यारंभ - कार्यारंभ के वक्त रेल परियोजना का 5 वर्ष में काम को पूरा कर लेने का रखा गया था लक्ष्य - 372 करोड़ रुपये की परियोजना में विलंब होने को लेकर कई गुनी बढ़ गई लागत की राशि- पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 10 फरवरी 2004 को परियोजना का किया था कार्यारंभ - कार्यारंभ के वक्त रेल परियोजना का 5 वर्ष में काम को पूरा कर लेने का रखा गया था लक्ष्य - 372 करोड़ रुपये की परियोजना में विलंब होने को लेकर कई गुनी बढ़ गई लागत की राशि
वैशाली। जल्द ही लोकतंत्र का आंगन रेल का दीदार करेगी। वैशाली के लोग यहां से पहली बार ट्रेन की सफर का आनंद उठा सकेंगे। वर्ष 2020 में हाजीपुर से वैशाली के बीच ट्रेन दौड़ने लगेगी। रेल मार्ग के माध्यम से बुद्ध सर्किट से वैशाली जुड़ जाएगी। प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी ने बुद्ध सर्किट से वैशाली को जोड़ने के लिए करीब 372 करोड़ रुपये की लागत की हाजीपुर-सुगौली नई रेल परियोजना का कार्यारंभ आज से करीब 15 वर्ष पूर्व 10 फरवरी 2004 को वैशाली में किया था। उस वक्त रेलमंत्री नीतीश कुमार थे। बिहार में राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं। हाजीपुर से वैशाली के बीच महज 35 किलोमीटर में भी रेल परिचालन शुरू नहीं हो सका था। 372 करोड़ की इस रेल परियोजना का अनुमानित बजट बढ़कर 500 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया। करीब 16 वर्ष की लंबी प्रतिक्षा के बाद अब कुछ ही माह में नये वर्ष में यह सपना साकार हो जाएगा। इस रेल परिचालन का काम पूरा होने से रेल से वैशाली के जुड़ते ही और तेजी से विकास होगा। अब तक के बजटों में रेल परियोजना के लिए पर्याप्त राशि का आवंटन नहीं किए जाने से परियोजना के अब तक अधर में लटकी रही। हालांकि, वाजपेयी जी के बाद 10 वर्ष तक केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार रही, उस दौरान ही योजना ज्यादा लटकी। इधर, केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद पहले की तुलना में आवंटन ज्यादा मिला और तेजी से काम आगे बढ़ा। हालांकि, मोदी सरकार के पहले पांच वर्ष में काम पूरा नहीं हो सका और इसी दौरान इस योजना का कार्यारंभ करने वाले वाजपेयी जी भी इस दुनिया से चले गए। अगर उनके जीवनकाल में यह सपना साकार हो जाता तो शायद लोगों को ज्यादा खुशी होती। 2003-2004 के पूरक बजट में मंजूर की गई थी रेल परियोजना हाजीपुर से सुगौली के बीच करीब 171 किलोमीटर लंबी हाजीपुर-वैशाली रेल परियोजना की मंजूरी 2003-2004 के रेल बजट में दी गई थी। 372 करोड़ रुपये की लागत से इस रेल परियोजना की मंजूरी दी गई थी। उस वक्त प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। रेल मंत्री नीतीश कुमार थे। नीतीश कुमार के प्रयासों से ही इस बड़ी रेल परियोजना की मंजूरी दी गई थी। बुद्ध सर्किट से वैशाली को जोड़ने को लेकर दी गई थी मंजूरी भागवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को रेल से जोड़ने को लेकर इस बड़ी रेल परियोजना की मंजूरी दी गई थी। भगवान बुद्ध की कर्मभूमि वैशाली एवं केसरिया को रेल से जोड़ विकास का सपना देखा गया था, पर आज तक यह सपना साकार नहीं हो सका। कार्यारंभ के वक्त मंच से इस रेल परियोजना का कार्यारंभ करते हुए रेल मंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि अगले पांच वर्ष में इस परियोजना का काम पूरा कर लिया जाएगा। वैशाली, मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारण से जुड़ी है रेल परियोजना यह महत्वाकांक्षी रेल परियोजना तीन जिलों वैशाली, मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारण से जुड़ी है। वैशाली जिले में घोसवर, हरौली, फतेहपुर, घटारो, लालगंज एवं वैशाली में रेलवे स्टेशन प्रस्तावित है। वहीं, मुजफ्फरपुर के सरैया, पारू, देवरिया, साहेबगंज एवं पूर्वी चंपारण के केसरिया, सिसवा, पटना, विशुनपुर, मधुवन, अरेराज एवं हरसिद्धि रेलवे स्टेशन प्रस्तावित है। वैशाली जिले में लगभग सभी स्टेशन बन कर तैयार हैं। रेल परियोजना का 2009 में ही पूरा हो जाना था काम हाजीपुर-सुगौली रेल परियोजना का काम 2009 में ही पूरा हो जाना था। हाल यह है कि 15 वर्ष में आधा काम भी पूरा नहीं किया जा सका है। बाद में मार्च 2017 तक हाजीपुर से वैशाली तक परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था। बाद में दिसंबर 2019 में परिचालन शुरू करने की बात कही गई, लेकिन 16 वर्षों की लंबी प्रतिक्षा के बाद अब जल्द ही सपना साकार हो जाएगा। नये वर्ष में मार्च तक हाजीपुर से वैशाली तक ट्रेन दौड़ने लगेगी।
मालगाड़ी के वैशाली तक पहुंचने को लेकर खुशी से झूमे लोग
हाजीपुर से वैशाली के बीच नए वर्ष में ट्रेन को चलाने को लेकर काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। बीते सप्ताह वैशाली रेलवे स्टेशन पर पहली मालगाड़ी जैसे ही पहुंची इलाके के लोग खुशी से झूम उठे। हाजीपुर से वैशाली तक पहली मालगाड़ी गिट्टी लेकर गई थी। रेल लाइन का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। वर्ष 2020 के मार्च में हाजीपुर से वैशाली के बीच ट्रेनें चलने लगेंगी।