Sonpur Mela 2025: सजने लगा सोनपुर मेला का बाजार, मनोरंजन का डोज बढ़ाने लगेंगे 5 थियेटर
विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में कश्मीरी व्यापारियों का आगमन शुरू हो गया है, जिससे बाजार में रौनक लौट आई है। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए पांच थिएटर लगाए जा रहे हैं। पर्यटन विभाग परिसर में स्विस कॉटेज बनाए जा रहे हैं। यात्री शेड की रंगाई-पुताई पूरी हो चुकी है, और आर्ट एंड क्राफ्ट विलेज में तेजी से काम चल रहा है। अधिकारियों के शिविर और कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा रहे हैं।

सजने लगा सोनपुर मेला का बाजार
जागरण संवाददाता, हाजीपुर। विश्व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला में कश्मीरी व्यापारियों का आगमन शुरू हो गया है। आधा दर्जन से अधिक कश्मीरी दुकानदार अपने गर्म कपड़ों के साथ मेला परिसर में पहुंच चुके हैं और उनकी दुकानों को सजाने-संवारने का काम तेजी से चल रहा है। कश्मीरी बाजार में रौनक लौट आई है और चहल-पहल बढ़ने लगी है। कश्मीरी व्यापारियों के अनुसार फिलहाल दुकानों को व्यवस्थित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यहां हर उम्र के लोगों के लिए कपड़ों की विविध सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। बाजार में हर कीमत की चादर, शाल, ऊनी वस्त्र, लेदर जैकेट, टोपी, दस्ताने और फर वाले जैकेट बिकते हैं। जाड़े में मेले की समाप्ति के बाद भी लगभग एक माह तक कश्मीरी बाजार में बिक्री जारी रहती है।
इस बार मेले में पांच थियेटर लगने की तैयारी
देशी-विदेशी पर्यटकों और आम दर्शकों के मनोरंजन के लिए इस बार मेले में पांच थियेटर लगने वाले हैं। इनमें एक बाघ वाले बच्चा बाबू के हाता में, एक हथिसार में और तीन मेला नखास क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं। तीन थियेटर थिएटर थाना के आगे सड़क के पश्चिमी हिस्से में तैयार हो रहे हैं।
गाय बाजार स्थित शहीद महेश्वर चौक के पास भी एक थियेटर लगना था, लेकिन वहां जलजमाव के कारण इस बार उसके आयोजन पर संदेह है।
पर्यटन विभाग परिसर में छह स्विस कॉटेज तैयार हो रहे
अंग्रेजी बाजार-प्रशासनिक शिविर क्षेत्र में स्थित पर्यटन विभाग परिसर में देशी-विदेशी पर्यटकों के ठहराव के लिए छह स्विस काटेज बनाए जा रहे हैं।
हर काटेज में दो पर्यटकों के रहने की सुविधा होगी। मेले की अवधि में इन्हें निर्धारित शुल्क पर उपलब्ध कराया जाएगा। भोजन से लेकर भ्रमण तक के लिए पर्यटकों को गाइड की भी सुविधा दी जाती है।
कई विदेशी पर्यटक पटना और हाजीपुर में ठहरकर मेला घूमते हैं और उसकी झलक कैमरे में कैद कर लौट जाते हैं। इन पर्यटकों में नेपाली श्रद्धालुओं की गणना नहीं की जाती, क्योंकि वे धार्मिक उद्देश्य से बसों में सवार होकर सैकड़ों की संख्या में बाबा हरिहरनाथ मंदिर पहुंचते हैं।
उनकी पूजा-पाठ के लिए यहां लाल मोहरिया पंडा तैनात रहते हैं, जिन्हें नेपाल राजशाही से नेपाली हिंदुओं के पूजा-अनुष्ठान कराने की आधिकारिक मुहर प्राप्त है।
यात्री शेड की रंगाई-पुताई पूरी
गज-ग्राह चौक के पास स्थित यात्री रैन बसेरा की रंगाई-पुताई का कार्य पूरा हो गया है। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दिन और संपूर्ण मेलावधि में यहां यात्रियों का ठहराव होता है। इस यात्री निवास का शिलान्यास 10 अप्रैल 2003 को तत्कालीन राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रमई राम ने किया था और 26 नवंबर 2004 को उन्हीं के हाथों इसका उद्घाटन हुआ था।
आर्ट एंड क्राफ्ट विलेज में तेजी से निर्माण कार्य जारी
सोनपुर मेला की खूबसूरती बढ़ाने में आर्ट एंड क्राफ्ट विलेज की बड़ी भूमिका है। यह मेला का वह आकर्षक स्थल है जहां परिवार संग मेलार्थी घूमते हैं, अपनी पसंद की वस्तुएं खरीदते हैं और सेल्फी प्वाइंट से यादें संजोते हैं।
बच्चे झूलों का आनंद लेते हैं और तरह-तरह के नाश्ते व भोजन का लुत्फ उठाते हैं। इस स्थल पर तेजी से कार्य चल रहा है। यहां पुरुष और महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री होती है। बांस शिल्प की कलाकृतियां भी विशेष आकर्षण हैं।
अफसरों के शिविर और कंट्रोल रूम का निर्माण कार्य भी शुरू
जिला परिषदीय डाकबंगला और गांधी लैंड-अंग्रेजी बाजार रोड क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारियों के शिविर और पंडाल तनने लगे हैं। कई अफसरों के तंबू गाड़ दिए गए हैं। यहां सारण प्रमंडल के कमिश्नर से लेकर जिला स्तर के बड़े पदाधिकारियों के शिविर लगते हैं।
मेला प्रभारी का कंट्रोल रूम भी इसी परिसर में स्थापित होता है। सारण पुलिस लाइन का अस्थायी शिविर भी मेलावधि भर यहीं संचालित होता है, जिसका निर्माण एक बड़े क्षेत्र में किया जा रहा है। यह कैंप एसपी शिविर से जुड़ा होता है।

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