Russian Army Boots: रूस की सेना पहन रही हाजीपुर में बने जूते, माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक कारगर
दुनिया की सबसे खतरनाक आर्मी में शामिल रूस की सेना को हाजीपुर में बने जूते रास आ रहे हैं। हल्का होने के साथ मजबूत और माइनस डिग्री वाले तापमान में भी ये जूते कारगर साबित हो रहे हैं। जिस फैक्ट्री में इन जूतों को बनाया जाता है वहां 70 प्रतिशत महिलाएं काम करती हैं। फैक्ट्री में कुल 300 कर्मचारी हैं। हाजीपुर सांसद चिराग पासवान भी फैक्ट्री का निरीक्षण करने आएंगे।

अभिषेक शाश्वत, हाजीपुर। Hajipur Shoes Russian Army 1955 की हिंदी फिल्म श्री 420 के चर्चित गाने 'मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंग्लिशतानी, सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी' के संदर्भ दक्ष हाथों ने बदल दिए हैं। अब दिल व दक्षता दोनों हिंदुस्तानी हैं, जो रूसियों के लिए जूते बना रहे हैं। ये संभव हो सका है, भारत में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल व कौशल विकास से।
विश्व की महाशक्ति रूस की सेना को बिहार के हाजीपुर की औद्योगिक इकाई से जूतों की आपूर्ति की जा रही है। ये जूते माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक कारगर हैं। श्रम और कौशल समाज के हर वर्ग की महिलाओं का है, पुरुष सहयोगी की भूमिका में हैं।
हाजीपुर में कॉम्पेटेंस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की जूता फैक्ट्री के प्रबंधक शिवकुमार बताते हैं कि गत छह वर्षों से चमड़े के ऐसे जूते बना रहे हैं, जिसकी आपूर्ति केवल रूसी सेना को की जा रही है। अब तक लाखों जोड़ी जूते भेजे जा चुके हैं। अब यूरोप के बाजार में भी उतरने की तैयारी है।
साथ ही स्थानीय बाजार की मांग व आवश्यकताओं के अनुसार भी जूते लांच किए जाएंगे। कंपनी की प्रमुख इकाई उत्तर प्रदेश के कानपुर में ही। गत वर्ष कंपनी का टर्न ओवर लगभग एक सौ करोड़ था। जो दिनोंदिन बढ़ रहा है।
सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानकों पर शत-प्रतिशत खरा
प्रबंधक के अनुसार कारखाने में लेदर कटिंग से लेकर उसे जूतों के लिए उपयुक्त बनाने तक अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। खास यह कि ठंड से बचाव के लिए जूते के ऊपरी हिस्से में फर लगाया जाता है। जूते के तलवे और सोल का अलग डिजाइन व अलग मैटेरियल है, जिससे जूते हल्के होते हैं और बर्फ में फिसलते भी नहीं।
उन्होंने बताया ति इससे बर्फ के बीच चलने में सेना के जवानों को सुविधा होती है। यहां का बना जूता सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय मानकों पर शत प्रतिशत खरा उतरा है। इसी कारण रूसी सेना से जूतों के आर्डर प्रतिवर्ष मिलते हैं।
300 कर्मियों में 70 प्रतिशत महिलाएं
कंपनी के प्रबंधक ने बताया कि फैक्ट्री में लगभग तीन सौ कर्मी काम करते हैं। इनमें 70 प्रतिशत महिलाएं हैं। ये महिलाएं हाजीपुर और इसके आसपास की हैं। जिन्हें गहन प्रशिक्षण दिया गया है। सतत अभ्यास से इनका हुनर और निखर गया है। समाज की सभी वर्ग की महिलाएं यहां कार्य करती हैं और कमाई से परिवार का जीवनस्तर सुधार रहीं हैं। .
केंद्रीय मंत्री चिराग आएंगे फैक्ट्री का निरीक्षण करने
रूस की सेना के लिए हाजीपुर में जूते तैयार किए जाने की जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री सह हाजीपुर सांसद चिराग पासवान ने एक्स हैंडल पर शीघ्र ही फैक्ट्री के निरीक्षण की बात कही है। लिखा है कि वे यहां काम करने वाली हुनरमंद महिलाओं से अवश्य मिलेंगे।
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