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    बाढ़ ने छीनी छत अब तिरपाल में गुजर रही जिंदगी, शिविरों में दूध और बिस्किट के लिए भी तरस रहे बच्चे

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 04:23 PM (IST)

    राघोपुर में बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों में उचित सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। गंगाब्रिज थाना के पास शिविर में भोजन और दवा की व्यवस्था तो ह ...और पढ़ें

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    बाढ़ राहत शिविर में छोटे-छोटे बच्चे को नहीं मिल रहा दूध और बिस्किट

    रविकांत सिंह, हाजीपुर। पिछले कई दिनों से राघोपुर प्रखंड की सभी पंचायतें, नगर परिषद हाजीपुर के कुछ वार्ड, महनार एवं बिदुपुर प्रखंड की कुछ पंचायतों में बाढ का लबालब भरा हुआ है। हालांकि दो दिनों से पानी में कुछ कमी हुई है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है।

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    राघोपुर में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन के द्वारा तमाम सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। वहीं, गंगाब्रिज थाना के निकट जिला प्रशासन की ओर से राहत शिविर लगाया गया है, जहां में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोई के माध्यम से दो टाइम चावल, दाल, सब्जी की व्यवस्था की गई है। वहीं शिविर लगाकर छोटे बच्चों, महिला, पुरुष, बुजुर्ग एवं मवेशी के लिए दवा का वितरण किया जा रहा है।

    बच्चों को नहीं मिल पा रहा दूध

    पशु राहत शिविर में पशु के लिए चारा की व्यवस्था की गई है। वहीं, सामुदायिक रसोई में छोटे-छोटे बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था नहीं की गई है। बच्चों के अभिभावक दूध के लिए परेशान हैं। राहत शिविर में अपनी व्यवस्था से तिरपाल टांग कर बाढ़ पीड़ित सो रहे हैं। मोबाइल चार्ज करने के लिए भी लोग इधर-उधर भटक रहे हैं।

    प्रशासन के स्तर पर पॉलीथिन शीट का वितरण नहीं कराया गया है। शिविर में शौचालय की व्यवस्था भी नहीं की गई है। भीषण गर्मी में बालू पर बने राहत शिविर में लोग रात-दिन किसी तरह काट रहे हैं। भीषण गर्मी में बाढ़ पीड़ित पन्नी और तिरपाल के नीचे रह रहे हैं। यहां पंखा की व्यवस्था नहीं की गई है।

    बाढ़ पीड़ितों की समस्या जानने के लिए सोमवार को दैनिक जागरण को टीम ने आन द स्पाट के तहत राहत शिविर और सामुदायिक रसोई की पड़ताल की तो कई समस्या सामने आईं। दैनिक जागरण के प्रतिनिधि को बाढ़ पीड़ितों ने खुलकर अपनी समस्याएं बताईं।

    दो टाइम मिलता है भोजन 

    गंगाब्रिज थाना के निकट बने सामुदायिक रसोई में खाना के लिए काउंटर बनाया गया है। कुछ लोग बैठकर खाना खा रहे थे। लोगों ने बताया कि सामुदायिक रसोई में दो टाइम चावल, दाल, सब्जी खाने में मिलता है। लोगों ने बताया कि सुबह 10:00 बजे से खाना लोगों के लिए शुरू कर दिया जाता है। बहुत लोग खाना खाकर यहां से चले गए। कुछ लोग शिविर में बैठकर आराम कर रहे थे। लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से चावल, दाल, सब्जी खाकर मन उब गया है। वहीं पानी पीने के लिए टैंकर लगाया गया है। लोग ग्लास लेकर टैंकर के निकट पानी पी रहे हैं।

    पशुओं का भी हाल बेहाल

    सामुदायिक रसोई के बगल में पिकअप लगाकर पशुपालन विभाग के कर्मी मवेशी के लिए चारा का वितरण किसानों के बीच कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक जानवर को 5 किलो चारा दिया जा रहा है। भीषण गर्मी में खुले में महिला-पुरुष पशु चारा के लिए लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि यहां भूसा के बदले धान के कुट्टी का वितरण किया जा रहा है। बाढ़ आ जाने के कारण पशु चारा की दिक्कत हो रही है। पशु के दूध पर भी असर पड़ा रहा है।

    केले की खेती को हुआ भारी नुकसान 

    पशु राहत शिविर में तेरसिया पंचायत के कुछ लोग बैठकर सत्तू खा रहे हैं। तेरसिया निवासी शत्रोहन महतो, पुकार महतो एवं अरविंद महतों ने बताया कि बताया कि बाढ़ के पानी के कारण केला और अमरूद की फ़सल को काफी नुकसान हुआ है। बाढ़ के पानी में केला गिर गया। हम लोग केला काटकर एवं अमरूद लेकर पटना बिक्री करने जाते हैं। वहीं रात्रि में शिविर में रूक जाते हैं। तेरसिया पंचायत में सरकार के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग अपने हाल पर जी रहे हैं।

    शिविर में 160 लोग बीमार

    बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए दवा काउंटर बनाया गया है। दवा काउंटर पर मौजूद इला श्री, डॉक्टर निभा एवं स्वास्थ्य कर्मी पूजा, उमर खान, लेखराज बेरवा मरीजों को दवा दे रहे हैं। एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि वह आघे घंटे से गर्मी में परेशान हैं। जेनरेटर बंद कर दिया है। यहां हमेशा ऐसे ही किया जा रहा है। दवा वितरण में काफी परेशानी होती है।

    डॉक्टर इला श्री ने बताया कि अभी तक शिविर में करीब 160 लोगों को बुखार, लूज मोशन, सर्दी खासी एवं अन्य दवा दी गई है। वहीं मवेशी के लिए बनाए गए दवा काउंटर पर मौजूद कर्मी राजा ठाकुर ने कहा कि अभी तक 52 किसानों को पशु के लिए कीरा, भूख लगने एवं घाव अन्य बीमारी की दवा वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन करीब 250 किसान को पशुओं के लिए दवा दी जा रही है। वहीं पशु चारा का वितरण भी किया जा रहा है।

    बिजली ने भी बढ़ाई समस्या 

    बाढ़ राहत शिविर के बगल में बालू पर नगर परिषद क्षेत्र के चक मोहम्मद चिश्ती के लोग तिरपाल और पन्नी टांगकर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से बाढ़ का पानी आने के कारण यहां बच्चों के साथ रह रहे हैं। शिविर में दो टाइम का भोजन मिल रहा है। पशु चारा एवं दवा मिल रही है, लेकिन रात्रि में बिजली की सुविधा नहीं रहने के कारण मोबाइल चार्ज करने में परेशानी हो रही है।

    गनौर दास एवं लाल किशुन दास ने कहा कि शिविर में बच्चों के लिए दूध एवं बिस्किट की व्यवस्था नहीं की गई है। बच्चों को दूध और बिस्किट के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। जिला प्रशासन को बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था शिविर में करना चाहिए।