शहीद राजेंद्र सिंह की 98 वर्षीया पत्नी सुरेश देवी का निधन
सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पटना सचिवालय पर भारतीय ध्वज फहराने में शहीद सोनपुर नयागांव बनवारचक के शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी सुरेश देवी का मंगलवार को पटना में निधन हो गया। वह पटना के दानापुर चित्रगुप्त नगर स्थित अपने भतीजा कृष्णा सिंह के साथ रहती थी।
संवाद सहयोगी, सोनपुर :
सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान पटना सचिवालय पर भारतीय ध्वज फहराने में शहीद सोनपुर नयागांव बनवारचक के शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी सुरेश देवी का मंगलवार को पटना में निधन हो गया। वह पटना के दानापुर चित्रगुप्त नगर स्थित अपने भतीजा कृष्णा सिंह के साथ रहती थी। बताते हैं कि शहीद राजेंद्र सिंह की नई-नई शादी हुई थी वह उस समय छात्र जीवन में ही थे। तभी 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का नारा दिया। इसके बाद देश मे चारों तरफ आंदोलन तेज हो गया। इसी क्रम में शहीद राजेंद्र सिंह 11 अगस्त 1942 को पटना में आंदोलनकारियों के साथ मिलकर सचिवालय पर भारतीय झंडा फहराने के लिए आगे बढ़ रहे थे। ब्रिटिश हुकूमत के सिपाहियों ने गोलियां चलाई और राजेंद्र सिंह ने देश पर हंसते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उनकी नई नवेली पत्नी सुरेश देवी की हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी, लेकिन एक तपस्विनी की तरह उन्होंने शहीद राजेंद्र सिंह की याद में अपना संपूर्ण जीवन गुजार दिया। वह अकीलपुर दुधिया स्थित अपने मायके में ही रहा करती थीं। लगभग 98 वर्षीया सुरेश देवी के निधन ने एक बार फिर शहीद राजेंद्र सिंह की याद ताजा हो गई। मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर शोक जताते हुए राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने की घोषणा की। इसके बाद पटना में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन पर अनेक लोगों ने शोक व्यक्त किया है। मालूम हो कि शहीद राजेंद्र सिंह यहां स्व. शिवनारायण सिंह तथा जीरा देवी के पुत्र थे। नयागांव बाजार में स्थित शहीद राजेंद्र सिंह की प्रतिमा स्थल पर प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को धूमधाम से उनकी जयंती मनाई जाती है।