38 साल पहले रखी गई थी नारी सशक्तिकरण की नींव, पटना सटे इस इलाके में सैकड़ों महिलाओं की अनोखी कहानी
बिदुपुर में मधुरापुर महिला दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। 1987 में स्थापित यह समिति आज 350 से अधिक सदस्यों के साथ प्रतिदिन 1600 लीटर दूध का उत्पादन करती है। समिति की अध्यक्ष प्रमिला देवी और सचिव सुमन देवी के नेतृत्व में यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

संवाद सूत्र, बिदुपुर। नारी सशक्तिकरण की दिशा में बिदुपुर प्रखंड के मधुरापुर गांव स्थित वैशाल पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति लिमिटेड के तत्वाधान में संचालित मधुरापुर महिला दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति काफी प्रगति कर रही है।
इस समिति के सभी सदस्य केवल महिलाएं ही है। लगभग 34 वर्षों से संचालित दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति बेरोजगार महिलाओं के लिए एक रोजगार के साधन बन गई है। दुधारू पशुओं को पालकर महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही है।
1987 में हुआ था गठन
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समिति का गठन वर्ष 1987 के 24 जनवरी को किया गया था। प्रारम्भ में इस समिति में 21 सदस्य थे और लगभग 25 से 50 लीटर दूध सेंटर पर आते थे परन्तु वर्तमान समय मे समिति प्रगति के मार्ग पर बढ़ती गयी और वर्तमान समय मे लगभग 350 से अधिक सदस्य है और प्रतिदिन औसतन दूध दोनो टाइम में 1हजार 6 सौ लीटर पशुपालकों के द्वारा पहुंचाया जाता है।
समिति के अध्यक्ष प्रमिला देवी एवं सचिव सुमन देवी पति स्वर्गीय मधुसूदन प्रसाद सिंह है। सचिव के कठिन परिश्रम और दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण ही समिति दिन दूना रात चौगुना की दर से प्रगति कर रही है।जबकि सचिव आठवीं उतीर्ण है,उसके बाद भी उनकी सोच काफी सराहनिय है।
ऑटोमेटिक फैट मापने की मशीन
वर्तमान समय में वे अपनी भूमि समिति के भवन के लिए दिए,जिसपर बड़ी भवन वर्ष 1999 में समिति की बनी। इस समिति के सेंटर पर ऑटोमेटिक फैट मापने की मशीन एवम दूध मापने की मशीन है,जनरेटर की सुविधा आदि भी है।
समिति के माध्यम से पशुपालकों को सुधा दाना,दवा,टिका,घी आदि अनुदानित दर पर उपलब्ध कराए जाते है।इस सेंटर का निरीक्षण पूर्व में वर्तमान उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित कई मंत्री गण कर चुके है।
बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक दुग्ध सेंटर की के पाठ
यह समिति महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं के प्रेरणा स्रोत है ।काफी संख्या में महिलाएं भी पशुपालन कर जीविकोपार्जन कर रही है।इस समिति का पटना क्षेत्र में काफी नाम है।
गत वर्ष तक इस दुग्ध सेंटर की चर्चा बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक के वर्ग अष्टम के नागरिक विषय के सहकारिता पाठ में थी। जो विद्यार्थियों को यह मधुरापुर दुग्ध सेंटर की पाठ पढ़ाए जाते थे। अब एन सी ई आर टी की पुस्तक पढ़ाए जाने लगे है। महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने के लिए यह सेंटर प्रेरणा स्रोत का कार्य कर रही है।
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