Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रूसी सैनिकों को पसंद आ रहा 'मेड इन हाजीपुर' जूता, CM नीतीश ने किया कंपनी का भ्रमण

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 04:37 PM (IST)

    हाजीपुर, जो कभी केलों के लिए मशहूर था, अब अपने विशेष जूतों के लिए जाना जा रहा है। यहां बने जूते यूरोपीय देशों और रूसी सेना में लोकप्रिय हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हाजीपुर के औद्योगिक क्षेत्र का दौरा किया। इन जूतों की कीमत 4,000 से 80,000 रुपये तक है और ये माइनस 40 डिग्री तक तापमान सह सकते हैं, इसलिए रूसी सैनिकों को यह 'मेड इन हाजीपुर' जूता पसंद आ रहा है।

    Hero Image

    सीएम नीतीश कुमार ने किया जूता फैक्ट्री का दौरा।

    जागरण संवाददाता, हाजीपुर। कभी अपने चिनिया और मालभोग केले के स्वाद के लिए देश-दुनिया में पहचान रखने वाला हाजीपुर अब एक नए उद्योग के कारण सुर्खियों में है। हाजीपुर के औद्योगिक क्षेत्र में निर्मित विशेष डिजाइन के जूते अब यूरोपीय देशों के साथ-साथ रूसी सेना के बीच भी धूम मचा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अपनी आरामदायक गुणवत्ता व मजबूती की वजह से मेड इन हाजीपुर जूता को रूसी सैनिक काफी पसंद कर रहे हैं। सोमवार को हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र का भ्रमण करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न सिर्फ इस फैक्ट्री का निरीक्षण किया, बल्कि यहां के कार्यों को भी बारीकी से देखा।

    मालूम हो कि वर्ष 2018 में हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में कांपिटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक यह कंपनी खोली गई थी। अपनी विशिष्ट डिजाइन, उच्च मजबूती और आरामदायक गुणवत्ता के कारण इन जूतों ने यूरोपीय देशों के बाजारों में तेजी से अपनी धाक जमाई।

    प्रबंधन के अनुसार, कंपनी का सालाना टर्नओवर अब 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इन जूतों की कीमत चार हजार रुपये से लेकर 80 हजार रुपये तक है।

    माइनस 40 डिग्री तक तापमान सहने की क्षमता, रूसी सैनिकों को खास पसंद

    यहां रूसी सैनिकों के लिए खास तरह के जूते बनाए जाते हैं। हर वर्ष लाखों की संख्या में इसकी सप्लाई भी की जा रही है। इन जूतों की खासियत यह है कि ये काफी हल्के होते हैं, लेकिन इनके तलवे का विशेष डिजाइन फिसलन से बचाता है।

    इनकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि ये जूते माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के अत्यधिक ठंडे तापमान का सामना कर सकते हैं। इसी वजह से ये जूते रूसी सैनिकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। इस कंपनी की खास बात यह है कि यहां काम करने वाले वर्करों में 60 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हैं और वे स्थानीय हैं।