Lalganj Vidhan Sabha Seat 2025: लालगंज विधानसभा क्षेत्र में डबल इंजन सरकार, सारी कोशिशों के बीच आज भी हांफता शहर
पांच वर्षों में डबल इंजन की सरकार में लालगंज की तरक्की के लिए खजाने को खोल दिया गया। केंद्र की बड़ी योजना करीब 1000 करोड़ की लागत से बोधगया-वैशाली एक्सप्रेस-वे की मंजूरी बीते केंद्रीय बजट में दी गई। इसका लाभ लालगंज को मिलेगा। बीते पांच वर्ष में लालगंज की तरक्की के लिए करीब 1000 करोड़ रुपये की योजनाओं की मंजूरी सरकार की ओर से दी गई।
रवि शंकर शुक्ला, हाजीपुर (वैशाली)। नारायणी नदी के तट पर स्थित लालगंज विधानसभा क्षेत्र का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। जिला मुख्यालय हाजीपुर से करीब 20 और ऐतिहासिक वैशाली से 15 किलोमीटर की दूसरी पर लालगंज स्थित है। बिहार के दूसरे सबसे पुराने नगरपालिका होने का गौरव लालगंज को प्राप्त है। 1869 में नगरपालिका की स्थापना हुई थी।
इस पावन भूमि पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद एवं राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जैसे महान विभूतियों का यहां बिहार के सबसे पुराने पुस्तकालयों में शुमार शारदा सदन पुस्तकालय में आगमन हो चुका है। यहां गुरु नानकशाही का काफी प्राचीन गुरुद्वारा भी है, जहां हस्तलिखित गुरुग्रंथ भी है। लालगंज, सराय और भगवानपुर जिले के प्रमुख व्यवसायिक केंद्र भी इसी विधानसभा क्षेत्र में हैं। बड़ी संख्या में किसान यहां कृषि से होने वाली आय पर आश्रित हैं।
बीते पांच वर्षों में डबल इंजन की सरकार में लालगंज की तरक्की के लिए खजाने को खोल दिया गया। केंद्र की बड़ी योजना करीब 1000 करोड़ की लागत से बोधगया-वैशाली एक्सप्रेस-वे की मंजूरी बीते केंद्रीय बजट में दी गई। इसका लाभ लालगंज को मिलेगा। बीते पांच वर्ष में लालगंज की तरक्की के लिए करीब 1000 करोड़ रुपये की योजनाओं की मंजूरी सरकार की ओर से दी गई। अधिकतर विकास के काम या तो पूरे हो चुके हैं या फिर पाइपलाइन में हैं। हालांकि, सरकार के स्तर पर लालगंज की तरक्की के लिए पानी की तरह पैसे बहाए जाने के बावजूद यहां के लोगों के दर्द भी हैं।
सबसे पुराने नगर परिषद क्षेत्र के हाल पर लोग आंसू बहाने को मजबूर हैं। शहर में जल जमाव और जर्जर सड़कें यहां लोगों की परेशानी का प्रमुख कारण है। कृषि पर आश्रित लाखों लोगों की बड़ी समस्या घाेड़परास से फसलों की क्षति है। हालांकि इनकी संख्या को सीमित करने की दिशा में यहां गंभीर कोशिश की गई है। लालगंज को अनुमंडल बनाने की चिरप्रतिक्षित घोषणा पर काम आधा पूरा हुआ है। अनुमंडल पुलिस मुख्यालय की स्थापना हो चुकी है, प्रशासनिक तौर पर अनुमंडल बनाने की कोशिश जारी है।
लालगंज विधानसभा क्षेत्र में बीते पांच वर्ष में तरक्की के जितने काम हुए आजादी के बाद पहली बार हुए। करीब 200 करोड़ रुपये सड़कों के निर्माण पर खर्च किए गए। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं के विकास पर 50 कराेड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई। नगर परिषद क्षेत्र में नाला और सड़कों के निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपये की मंजूरी उन्होंने दिलाई।
लालगंज का राजनीतिक परिदृश्य लालगंज विधानसभा क्षेत्र में 2020 के चुनाव में पहली बार कमल खिला था। यहां कमल खिलाने का सौभाग्य संजय कुमार सिंह काे प्राप्त हुआ था। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के करीबी संजय को उनके प्रयास से टिकट प्राप्त हुआ था। नित्यानंद ने ना सिर्फ संजय काे मैदान में उतारा था बल्कि दिन-रात एक करके उन्हें जीत भी दिलाई थी।
संजय ने यहां 70750 वोट प्राप्त कर पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के भतीजा कांग्रेस के प्रत्याशी राकेश कुमार को 26299 मतों के भारी अंतर से पराजित किया था। निकटतम प्रतिद्वंदी राकेश को 44451 मत मिले थे। पूर्व विधायक निर्दलीय विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को तीसरे स्थान पर रहे थे जिन्हें 27460 मत मिले थे।
सपना अब तक नहीं हुआ साकार
लालगंज का शारदा सदन पुस्तकालय बिहार के सबसे पुराने पुस्तकालय में शुमार है। इसकी 1914 में स्थापना की गई थी। इसके विकास की कोई कोशिश नहीं की गई। लालगंज-हाजीपुर सड़क का चौड़ीकरण नहीं किया गया। इस सड़क पर गाड़ियों का भार सबसे अधिक है। इसके कारण प्रति दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसके साथ ही लालगंज में आज तक नारायणी तट पर घाटों का निर्माण नहीं हुआ। शहर में जल-जमाव की गंभीर समस्या से लोग परेशान हैं। हर प्रखंड में डिग्री कालेज खोलने की घोषणा सरकार के स्तर पर की गई थी। लालगंज प्रखंड में अवध बिहारी सिंह डिग्री कालेज है जो बिहार सरकार से स्थाई संबद्धता प्राप्त है, इसका अंगीभूतिकरण नहीं किया गया। हर मानक का यह कालेज पालन कर रहा है।
नगर परिषद ने डीपीआर तक बनाकर अब तक नहीं दिया। भगवानपुर में जल-जमाव की समस्या से निजात के लिए योजना की मंजूरी दी गई है। लालगंज और भगवानपुर जीए स्कूल में खेल मैदान की मंजूरी दिलाई है। घोड़परास की समस्या से किसानों को मुक्ति दिलाने को गंभीर प्रयास किए गए। लालगंज को अनुमंडल बनाने की काेशिश आधी सफल हुई है।
संजय कुमार सिंह, विधायक लालगंज
लालगंज नगरपालिका की स्थापना 1869 ई में हुई जो बिहार में दूसरा सबसे पुराना नगरपालिका है लेकिन आज तक सरकार की उपेक्षा के कारण लालगंज अनुमंडल नहीं बनाया गया। सारे नेता और विधायक आश्वासन देते रहे लेकिन आज तक अनुमंडल नहीं बन सका। लालगंज शहर में जल जमाव का समस्या सबसे बड़ी है। थोड़ी सी बारिश होने पर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक पानी लग जाता है। लालगंज प्रखंड के निकट गंडक बांध है जो बसंता जहानाबाद घाट तक जाती है, उसका अभी तक ईंट सोलिंग एवं पक्कीकरण नहीं किया गया है जो सबसे आवश्यक कार्य है। लालगंज और वैशाली के लोग अपने परिवार के अंतिम संस्कार के लिए इस कच्ची सड़क पर दिन-रात चलते रहते हैं।
राकेश कुमार, निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस लालगंज
लालगंज में लगभग 140 से अधिक सड़कों का निर्माण विधायक संजय कुमार सिंह के प्रयासों से कराया गया है। जहां कभी घुटने भर गड्ढे होते थे आज वहां गाड़ी सरपट दौड़ रही है। लालगंज के तिरहुत तटबंध के रास्ते लालगंज विधानसभा क्षेत्र सहित आसपास के कई विधानसभा क्षेत्र के लोग दाह संस्कार के लिए आते हैं, उनकी समस्या को देखते हुए लगभग डेढ़ किलोमीटर में सड़क निर्माण कार्य का प्रक्रिया अंतिम रूप में है। बहुत जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
घनश्याम कुमार सिंह, विधानसभा प्रभारी, भाजपा लालगंज
लालगंज शहरी क्षेत्र में वर्ष 2021 में जब असामाजिक तत्वों के स्तर पर घाघरा नहर का बांध को तोड़ दिया गया था और रातों-रात लालगंज में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, उस समय लालगंज विधायक संजय कुमार सिंह कमर भर पानी जनता के साथ खड़े थे। ट्रैक्टर चलाकर बांध की मरम्मत के लिए सामग्री लेकर खुद जाते थे। जल जमाव से मुक्ति के लिए जगह-जगह बोरिंग लगवाई। लोगों को खाना उपलब्ध करवाया। नाव का परिचालन कराया था।
बबिता कुमारी, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा, भाजपा उत्तरी
लालगंज विधानसभा क्षेत्र में कई समस्याएं हैं। सरकारी कार्यालय में बिना रिश्वत का कोई कार्य नहीं होता है। गांव में सड़क की स्थिति जर्जर है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नल जल फेल हो चुका है। पहले चापाकल दिया जाता था तो कम से कम लोगों को पानी उपलब्ध होता था लेकिन अब नल जल से कब पानी आएगा कब नहीं इसका कोई पता नहीं है। लालगंज प्रखंड कार्यालय जाने वाले मुख्य सड़क की स्थिति इतनी जर्जर है कि कभी भी वहां राहगीर गिरकर गंभीर घटना का शिकार हो सकते हैं।
पवनदेव यादव, प्रखंड अध्यक्ष, राजद
लालगंज विधायक के स्तर पर 2020 के चुनाव में कई वादे किए गए थे जो पूरा नहीं किया गया। लालगंज शहरी क्षेत्र को जल जमाव से मुक्त नहीं कराया गया। भगवानपुर और सराय बाजार को नगर निकाय का दर्जा नहीं मिला। लालगंज में सड़क की जाल बिछाने की भी वादा किया था लेकिन किसी भी बस्ती को संपर्क पथ से नहीं जोड़ा गया। तिरहुत तटबंध में बाढ़ नियंत्रण हेतु विधायक के स्तर पर सकारात्मक कार्य नहीं किया गया जिससे बाढ़ के डर से लोग सहमे में रहते हैं।
गणेश राय, अध्यक्ष प्रखंड मुखिया संघ लालगंज
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