केरल के कपल की 6 साल बाद पूरी हुई चाहत, बिहार में मिली 4 साल की बच्ची 120 दिन से कर रही थी इंतजार
चार वर्षीय बालिका को डीएम ने केरल से आए दंपती को प्री-अडॉप्शन फोस्टर केयर के तहत सौंपा। आठ माह पूर्व हाजीपुर रेलवे स्टेशन से परित्यक्त अवस्था में चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से बच्ची को प्राप्त किया गया था। 120 दिनों तक कोई दावेदार सामने नहीं आया। केरल के कपल ने 2019 में पुत्री के लिए पंजीकरण कराया था। उन्हें बच्ची सौंपी गई।

जागरण संवाददाता, हाजीपुर। विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, हाजीपुर में आवासित चार वर्षीय बालिका को शनिवार को डीएम यशपाल मीणा ने केरल से आए दंपती को प्री-अडॉप्शन फोस्टर केयर के तहत सौंपा। बच्ची को करीब आठ माह पूर्व हाजीपुर रेलवे स्टेशन से परित्यक्त अवस्था में चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त किया गया था।
तलाश के लिए समाचार पत्रों में छपवाए विज्ञापन
चाइल्ड हेल्पलाइन के सहयोग से बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। समिति के आदेश पर उसे विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में निवासित कराया गया। इसके बाद जिला बाल संरक्षण इकाई ने बच्ची के माता-पिता की तलाश के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराया, लेकिन 120 दिनों तक कोई दावेदार सामने नहीं आया।
2019 में कैरिंग पोर्टल पर किया था आवेदन
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने अधिसूचित दत्तक ग्रहण विनियमन 2022 के अंतर्गत अब बच्ची को दत्तक प्रदान किया है। केरल के दंपती ने वर्ष 2019 में कैरिंग पोर्टल (carings.wcd.gov.in) पर पुत्री के लिए पंजीकरण कराया था। छह वर्षों के लंबे इंतजार के बाद उन्हें यह रेफरल प्राप्त हुआ, जिससे उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
कानूनी प्रक्रिया के तहत ही गोद लें बच्चा
इस अवसर पर जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने कहा कि बच्चा हमेशा कानूनी प्रक्रिया के तहत ही गोद लेना चाहिए। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2021 की धारा 56 से 65 और दत्तक ग्रहण विनियमन, 2022 के प्रावधानों का अनुपालन आवश्यक है। किसी अन्य माध्यम से किया गया दत्तक ग्रहण अवैध और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
दस्तावेजों की जांच के बाद मिली अनुमति
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक रूपा कुमारी ने भावी दत्तक माता-पिता के दस्तावेजों की मूल प्रति से जांच कर उन्हें समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। समिति ने दंपती को दत्तक ग्रहण के लिए उपयुक्त पाया। इसके पश्चात सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, विनोद कुमार ठाकुर ने जिलाधिकारी से प्री-अडॉप्शन फोस्टर केयर की अनुमति मांगी, जिसके आलोक में बालिका को विधिवत सुपुर्द किया गया। इस अवसर पर सहायक निदेशक विनोद कुमार ठाकुर, संस्थान की समन्वयक रूपा कुमारी सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
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