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Bageshwar Baba से प्रेरणा लेकर नौशीन की घर वापसी: गंगा में डुबकी लगाकर छोड़ा इस्लाम; मंदिर में रचा ली शादी

मुजफ्फरपुर की एक युवती ने बाबा बागेश्वर से प्रेरणा लेकर हिंदू धर्म अपना लिया। युवती ने गंगा में स्नान कर पूरे विधि-विधान से घर वापसी की। फिर मंदिर में मंगल गीत के बीच अपने प्रेमी के साथ सात फेरे लिए।

By Suresh KumarEdited By: Aditi ChoudharyPublished: Mon, 29 May 2023 01:00 PM (IST)Updated: Mon, 29 May 2023 01:00 PM (IST)
Bageshwar Baba से प्रेरणा लेकर नौशीन की घर वापसी: गंगा में डुबकी लगाकर छोड़ा इस्लाम; मंदिर में रचा ली शादी
Bageshwar Baba से प्रेरणा लेकर नौशीन की घर वापसी: गंगा में डुबकी लगाकर छोड़ा इस्लाम; प्रेमी संग लिए सात फेरे

लालगंज (हाजीपुर), जागरण संवाददाता। पटना में कार्यक्रम के बाद बिहार में बागेश्वर बाबा की फैन फॉलोइंग काफी बढ़ गई है। लोग उनकी भक्ति में लीन है। इसी बीच बाबा के प्रवचन से प्रभावित होकर मुजफ्फरपुर की एक युवती नौशीन परवीन से रुक्मणि बन गई है।

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इस्लाम छोड़कर सनातनी बनी नौशीन ने गंगा में डुबकी लगाई और हिंदू रीति-रिवाज के साथ वैशाली के रहने वाले प्रेमी संग सात फेरे लिए। मंदिर में लड़के के परिवारवालों ने गहने-कपड़े चढ़ाए। हल्दी और घृतढारी की भी रस्में हुई। वर पक्ष की महिलाओं ने बारी-बारी से दुल्हन को चुमाया। फिर मंगल गीत भी गाए।

बताया गया कि हाजीपुर में सहथा गांव निवासी उमाशंकर कुंवर के पुत्र रौशन कुमार को मुजफ्फरपुर जिले के गीजास गांव निवासी नौशीन परवीन से पढ़ाई के दौरान प्यार हो गया। हालांकि, अलग-अलग धर्मों से होने के कारण दोनों शादी के पवित्र बंधन में नहीं बंध पा रहे थे।

पंडित से जाना धर्मांतरण का विधि-विधान

युवती ने बताया कि इसी दौरान उसने बाबा बागेश्वर का प्रवचन सुना। उनका कार्यक्रम सुनकर धर्म बदलने की प्रेरणा मिली। इसके बाद वह अपने प्रेमी के साथ लालगंज के आचार्य कमलाकांत पाण्डेय और पंडित संजय तिवारी से मिलने पहुंची और धर्मांतरण के विधि-विधान के बारे में जाना।

गाय के दूध-घी-गोबर से किया स्नान

युवती ने पंडित द्वारा बताए गए विधानों पर चलने की ठानी और रविवार की सुबह गंगा की सहायक नदी नारायणी (गंडक) के तट पर पहुंची। वहां आचार्यों ने लड़की का धर्मांतरण यानी घर वापसी कराया। धर्मांतरण के तहत गंडक नदी में स्नान के साथ गाय के दूध, दही, घी, गोबर, सर्व औषधि, भष्म आदि से भी स्नान कराते हुए मंत्रोच्चारण के साथ लड़की का सनातन धर्म में प्रवेश कराया गया।

मंदिर में हिंदू रिवाज से की शादी

सनातन धर्म में आते ही गिजास गांव की नौशीन परवीन नारायणी नदी को साक्षी मानकर रुक्मणि बन गई। इसके बाद दोनों प्रेमी युगल लालगंज रेपुरा स्थित अर्धनारीश्वर शिव मंदिर पहुंचे। इस दौरान लड़के का पूरा परिवार भी मौजूद था।

मंदिर में पहले सत्यनाराण भगवान की पूजा की गई। इसके बाद विवाह विधि शुरू हुई। आचार्य ने शादी के सात वचनों से दूल्हा-दुल्हन को बांधा। कन्या दान की रस्म भी हुई और भगवान भोलेनाथ की परिक्रमा कर दोनों सात जन्मों के लिए एक-दूसरे के हो गए। 


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