काशी विश्वनाथ की तर्ज पर सोनपुर में बनेगा बाबा हरिहरनाथ कॉरिडोर, 600 करोड़ रुपये से ज्यादा होंगे खर्च
हरिहरक्षेत्र सोनपुर में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर बाबा हरिहरनाथ कॉरिडोर का निर्माण होगा, जिसमें लगभग 600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अहमदाबाद की एज ...और पढ़ें

बाबा हरिहरनाथ मंदिर। (जागरण)
अवध किशोर शर्मा, हाजीपुर। विश्वप्रसिद्ध स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर सहित संपूर्ण हरिहरक्षेत्र सोनपुर का अगले पांच वर्षों में कायाकल्प संभावित है। इस महत्वाकांक्षी संकल्प को पूरा करने में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की भागीदारी होगी।
हरिहरनाथ मंदिर क्षेत्र में काशी विश्वनाथ से भी बड़े हरिहरनाथ मंदिर क्षेत्र कॉरिडोर के विकास का प्रस्ताव है, जिस पर लगभग 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने की संभावना जताई जा रही है।
बताया जाता है कि अहमदाबाद की एजेंसी हरिहरनाथ कॉरिडोर को लेकर सर्वे कार्य कर रही है। अनुमान है कि जनवरी 2026 में कॉरिडोर के निर्माण कार्य की शुरुआत हो सकती है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक तिथि की घोषणा नहीं की गई है।
वर्तमान में सोनपुर के कौनहारा घाट से लोअर बैलहट्टा सहित विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से मिट्टी की जांच और सर्वे कार्य जारी है। इस कार्य में सारण जिला प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है। कॉरिडोर के निर्माण से सोनपुर मेला क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है।
इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं। बीते 12 दिसंबर 2025 को सारण के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने अपर समाहर्ता को कॉरिडोर विकास के संदर्भ में भू-अर्जन से संबंधित प्रस्ताव यथाशीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई किए जाने की संभावना है।
जिलाधिकारी ने यह निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा प्रगति यात्रा के दौरान इस वर्ष घोषित योजनाओं की अद्यतन समीक्षा के क्रम में दिया था।
पर्यटन विभाग में लंबित है मेले के विकास की योजनाएं
हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला के सरकारी समापन के बाद 10 दिसंबर की रात नए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को कार्यभार सौंपने वाले तत्कालीन जिलाधिकारी अमन समीर ने बाबा हरिहरनाथ मंदिर और सोनपुर मेले को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयासों को दस्तावेज रूप में काफी टेबल बुक के माध्यम से प्रस्तुत किया था।
इसमें मेले के ऐतिहासिक पहलू, वर्तमान बदलाव और आर्थिक विकास की रणनीतियां शामिल हैं। तत्कालीन डीएम ने राज्य पर्यटन विभाग को एनएच-19 छपरा-हाजीपुर मुख्य मार्ग के ग्रैंड एंट्री प्वाइंट पर एक भव्य द्वार निर्माण का प्रस्ताव भेजा है, जो सीधे मेला ग्राउंड तक पहुंचेगा।
वर्तमान में मेला क्षेत्र तक पहुंचने के लिए कोई भी सीधा मार्ग नहीं है। साथ ही मेला क्षेत्र की आंतरिक सड़कों को चौड़ा करने की योजना बनाई गई है, क्योंकि वर्तमान में मुख्य मार्ग से जुड़ी अधिकांश सड़कें संकीर्ण या अतिक्रमण की शिकार हैं।
वाराणसी की तर्ज पर होगी अंडरग्राउंड बिजली व्यवस्था
मेले की भव्यता बढ़ाने के लिए वाराणसी की तर्ज पर बिजली के पोल को अंडरग्राउंड करने का प्रस्ताव भी बिजली विभाग को भेजा गया है। इससे न केवल मेले का स्वरूप आकर्षक होगा, बल्कि बड़े वाहनों के आवागमन में भी सुविधा होगी और सड़कें चौड़ी प्रतीत होंगी।
तत्कालीन डीएम ने बीते 10 दिसंबर को राज्य के पर्यटन, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री से अपील करते हुए कहा था कि यदि जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई योजनाओं को स्वीकृति मिलती है तो सोनपुर मेला और अधिक वृहद स्वरूप में विकसित होगा।
24.28 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति पहले ही मिल चुकी
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर बाबा हरिहरनाथ मंदिर क्षेत्र के विकास को लेकर पहले ही 24.28 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है, जिसके बाद सर्वे कार्य भी प्रारंभ हुआ।
एजेंसी द्वारा लगातार सर्वे किया जा रहा है। आने वाले दिनों में हरिहरनाथ कॉरिडोर निर्माण मंदिर और मेला क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होगा। यह योजना स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 के अंतर्गत सीबीडीडी उपयोगिता के तहत स्वीकृत की गई है।
इसके अंतर्गत प्रवेश द्वार, हाट निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, घाट तक संपर्क, पार्किंग और शटल सेवा का विस्तार किया जाना है। नए स्वरूप में प्लास्टिक मुक्त मेला क्षेत्र, अपशिष्ट प्रबंधन, सौर ऊर्जा और पर्यावरण जागरूकता अभियान जैसी हरित पहलों पर भी काम किया जाना है।
वहीं, डिजिटल पहल के तहत मेला मोबाइल ऐप, कैशलेस भुगतान, वर्चुअल दर्शन और स्मार्ट पार्किंग जैसी सेवाएं भी प्रस्तावित हैं।
गंगा-गंडक किनारे बनेगा रिवर फ्रंट
हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला क्षेत्र के काली घाट से दीघा पुल तक गंगा और गंडक नदियों के किनारे सौंदर्यीकरण एवं इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की योजना है। इसके तहत रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा।
तत्कालीन डीएम ने निरीक्षण के बाद अधिकारियों को नाव के माध्यम से नदी किनारे की वास्तविक स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया था, ताकि विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार की जा सके। इस परियोजना से पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय समुदाय की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
मरीन ड्राइव को होगा निर्माण, इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भी प्रयास
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी सोनपुर के विकास को लेकर कई घोषणाएं की है। सोनपुर में मरीन ड्राइव का निर्माण किया जाएगा और एक बड़े शहर के रूप में सोनपुर को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि अगले पांच वर्षों में सोनपुर पूरी तरह बदला हुआ नजर आएगा।
सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी कहा है कि सोनपुर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए प्रयास किए जा चुके हैं, जिसे अब जमीन पर उतारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में सोनपुर एक विकसित और वैश्विक पहचान वाला क्षेत्र बनेगा।

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