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    Hajipur News: मानवाधिकार चेतना संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का बोर्ड लगाना पड़ा महंगा, पुलिस ने 5 लोगों को किया गिरफ्तार

    Updated: Sat, 28 Sep 2024 01:07 PM (IST)

    Hajipur News हाजीपुर में पुलिस ने मानवाधिकार आयोग के नाम पर लोगों को गुमराह करने वाले 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। ये व्यक्ति राष्ट्रीय मानवाधिकार चेतना संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का बोर्ड लगाकर समाहरणालय परिसर में थे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उन्हें हिरासत में लिया और प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की। ये सभी भोले-भाले लोगों को गुमराह कर रहे थे।

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    मानवाधिकार चेतना संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का बोर्ड लगाने वाले गिरफ्तार (जागरण)

    जागरण संवाददाता, हाजीपुर। Hajipur News: हाजीपुर में नगर थाना की पुलिस पदाधिकारी ने गुप्त सूचना के आधार पर चारपहिया वाहन पर मानवाधिकार आयोग के बोर्ड लगाकर मानवाधिकार के नाम पर लोगों को गुमराह करने की सुचना पर पांच व्यक्ति को समाहरणालय परिसर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किया गया सभी व्यक्ति को थाने पर लाकर पूछताछ के बाद प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई में जुटी है।

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    गिरफ्तार किए गए सभी व्यक्ति महुआ और हरलोचनपुर थाना क्षेत्र का बताया गया है। बताया गया कि सभी पांच व्यक्ति राष्ट्रीय मानवाधिकार चेतना संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का बोर्ड लगाकर समाहरणालय परिसर पहुंचे थे।  गुलदस्ता लेकर सभी एसपी से मिलने गए थे। एसपी को शक होने पर इसकी सूचना नगर थाना के पुलिस पदाधिकारी को दी गई।

    सूचना पर पहुंची पुलिस ने समाहरणालय परिसर से पांचों व्यक्ति को गिरफ्तार कर थाने पर लाकर पूछताछ के बाद आवश्यक कार्रवाई में जुटी है। सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर बेल बांड पर छोड़ दिया गया है। प्राथमिकी के अनुसार बताया गया कि मानवाधिकार आयोग का एक चारपहिया वाहन पर बोर्ड लगाकर पांच व्यक्ति समाहरणालय परिसर में लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

    गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर थाने पर लाकर पूछताछ के बाद प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई में जुटी है। थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना प्राप्त हुई है कि एक चार पहिया वाहन से जिसके आगे राष्ट्रीय मानवाधिकार चेतना संगठन प्रदेश अध्यक्ष का बोर्ड लगा हुआ है। जिससे कुछ व्यक्ति संदिग्ध परिस्थिति में हाजीपुर समाहरणालय में आए हुए हैं तथा भोले-भाले लोगों को मानवाधिकार के नाम पर गुमराह कर रहे है।

    समाहरणालय पहुंचा तो पाया कि एक चार पहिया वाहन जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर डब्लूबी 02AJ9070 जिसके आगे नेशनल मानवधिकार चेतना संगठन प्रदेश अध्यक्ष विहार का बोर्ड लगा हुआ है। जिस पर पांच व्यक्ति बैठे हुए हैं। बैठे हुए व्यक्ति से मानवाधिकार के संबंध में पूछताछ किया तो उन सभी के द्वारा मानवाधिकार चेतना संगठन का सदस्य बताया गया।

    तत्पश्चात सभी व्यक्ति से बारी-बारी से नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम राजीव कुमार उम्र 34 वर्ष पिता कृष्ण नन्दन दास ग्राम मकसूदपुर थाना महुआ, मोनु निगम उम्र 26 वर्ष पिता रामविलास सिंह ग्राम अफजलपुर पुरैना थाना हरिलोचनपुर सुक्की, प्रमोद कुमार सिंह उम्र 43 वर्ष पिता जलेश्वर सिंह ग्राम अफजलपुर पुरैना थाना हरिलोचनपुर सुक्की, सुमित कुमार उम्र 22 वर्ष पिता जग नरायण दास ग्राम मकसूदपुर थाना महुआ, नितीन कुमार उम्र 22 वर्ष ग्राम मकसूदपुर थाना महुआ सभी जिला वैशाली बताया।

    जिसमें राजीव कुमार के द्वारा अपने आप को प्रदेश अध्यक्ष बताते हुए अपना जिसका आई कार्ड नंबर डीएल DL/2023/0341141 है। सभी व्यक्ति को लेकर पुछताछ हेतू थाना लाया तथा इनके द्वारा मानवधिकार चेतना संगठन से सम्बंधित कोई वैद्य कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया तत्पश्चात शुक्रवार को बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग, पटना से उक्त संगठन के संबध में जांच व सत्यापन कराया गया तो संयुक्त सचिव, बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग, पटना के द्वारा मानवाधिकार कार्यालय का ज्ञापांक बीएच आरसी स्थापना -49 2023 485 11 जनवरी 2024 के माध्यम से एक पत्र प्राप्त हुआ।

    जिसके अवलोकन से ज्ञात होता है कि ऐसा प्रायः पाया जा रहा है कि कतिपय संस्थाओं द्वारा कार्यालय खोलकर एवं वाहनों पर बोर्ड , प्लेट लगाकर मानवाधिकार आयोग का दुरूपयोग किया जा रहा है। बिहार मानवाधिकार आयोग, पटना क्षेत्रीय एवं निजी स्तर पर गठित किसी भी मानवाधिकार समिति प्रदान नहीं करता है।

    उल्लेखनीय है कि बिहार मानवाधिकार आयोग, पटना, बिहार में मानवाधिकार से संबंधित मामलों दिनांक के देख-रेख के लिए एक मात्र राज्य सरकार की वैद्यानिक संस्था है, जिसकी कोई अन्य शाखा नहीं है। अतः संयुक्त सचिव, मानवाधिकार आयोग पटना के पत्रांक बीएच आरसी/स्थापना -49 2023 485 11/01/24 के आलोक में बिहार में मानवाधिकार का अन्य कोई शाखा उपलब्ध नहीं है।

    इस प्रकार से बिहार में मानवाधिकार का शाखा एवं संस्थान का झूठा दावा करना या शाखा को चलाना, या अपने निजी वाहन पर मानवाधिकार के नाम का बोर्ड लगाकर परिवहन करना, मानवाधिकार के नाम पर लोगो को गुमराह करना एक संज्ञेय अपराध है। अतः जांच उपरांत इस अपराध के लिए उक्त नामजद पांचों व्यक्ति को आरोपित करता करते हुए औपचारिक प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।