राघोपुर में गंगा का कटाव जारी, दहशत में ग्रामीण; हजारों आशियाने हो चुके तबाह
राघोपुर प्रखंड में गंगा का जलस्तर घटने के बावजूद चक सिंगार और बहरामपुर में कटाव जारी है जिससे ग्रामीण चिंतित हैं। पहले भी कई परिवार विस्थापित हुए हैं और अब लोगों को फिर से विस्थापन का डर सता रहा है। ग्रामीणों ने सरकार से कटाव रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
संवाद सूत्र, राघोपुर। गंगा का जलस्तर पिछले कई दिनों से घट रहा है, जिससे राघोपुर प्रखंड के लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन इसके बावजूद चक सिंगार और बहरामपुर सहित कई इलाकों में गंगा किनारे तेजी से हो रहे कटाव ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। नदी किनारे बसे लोग सहमे हुए हैं।
चक सिंगार पंचायत के शिवनगर लंका टोला वार्ड नंबर 11 और 12, तथा बहरामपुर पंचायत के केवला घाट के पास कटाव तेजी से हो रहा है। पूर्व में भी कटाव के कारण सैकड़ों परिवार विस्थापित हो चुके हैं। कटाव और संभावित बाढ़ की आशंका से लोग अपने ठिकाने तलाशने लगे हैं।
स्थानीय लोगों ने बिहार सरकार और डीएम वर्षा सिंह से तुरंत कारगर कदम उठाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि कटाव रोकने के लिए सरकारी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही, जिससे नाराजगी बढ़ रही है।
चकसिंगार पंचायत के शिवनगर लंका टोला वार्ड नंबर 11, 12 और बहरामपुर पंचायत के केवला घाट के पास कटाव तेजी से हो रहा है। हालांकि, बहरामपुर पंचायत में घनी आबादी से कटाव अभी दूर है। लेकिन जिस रफ्तार से कटाव हो रहा है, उससे लोगों के एक बार फिर से विस्थापन का डर सताने लगा है।
कटाव से गांव के लोगों में भय का माहौल
शिवनगर लंका टोला निवासी रामसिंगार कुमार, मुन्ना राय, सरोज राय, मनोज, रामदहीन राय, छबीला राय, खिलाड़ी राय, उमाशंकर राय, पंचा राय, धनी राय, चंद्रदेव राय, इंद्रदेव राय, भिखखन राय, महाचंद्र राय, सुरेश राय, ननहक राय, पंकज राय, रामसकल राय, बिगिन राम और मनोज राम सहित कई लोगों ने बताया कि बीते दो दिनों से कटाव तेजी से हो रहा है।
रामसिंगार कुमार ने कहा कि कटाव की वजह से ग्रामीणों में भय का माहौल है। उन्होंने बिहार सरकार और जिला प्रशासन से कटाव निरोधी कार्य कराने की मांग की। भाजपा नेता गौतम सिंह ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जल संसाधन मंत्री से तुरंत कटाव निरोधी कार्य शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जल्द ही मंत्री से मिलकर इस मुद्दे को उठाएंगे।
हजारों आशियाने समा चुके हैं गंगा की गोद में
चारों तरफ से गंगा से घिरे राघोपुर की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ और कटाव है। कभी बाढ़ तबाही मचाती है तो लगभग हर वर्ष कोई न कोई इलाका कटाव की चपेट में आ जाता है। पिछले दो दशकों में हजारों आशियाने गंगा में समा चुके हैं। कई गांव पूरी तरह नदी में विलीन हो गए।
हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि भी गंगा में समा चुकी है। विस्थापित लोगों को अन्य जगहों पर बसना पड़ा है। कटाव की समस्या यहां नई नहीं, बल्कि काफी पुरानी है। पिछले डेढ़ दशक में करोड़ों रुपये कटाव निरोधी कार्य पर खर्च किए गए, लेकिन नतीजा खास नहीं निकला। दरअसल कटाव की समस्या गंगा के प्रवाह पर निर्भर करती है।
कई बार कटाव निरोधी कार्य भी बेअसर साबित होते हैं। जहां काम होता है, उसके बगल से कटाव शुरू हो जाता है और जमीन नदी में समा जाती है।राघोपुर में अस्थायी समाधान के बजाय स्थायी योजना बनाना जरूरी है। तभी यहां के लोगों को कटाव की समस्या से स्थायी निजात मिल सकेगी।
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