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    नौ कांवरियों की मौत के एक वर्ष बाद भी ईंट के सहारे टिकाकर रखा गया है ट्रांसफॉर्मर

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 06:16 PM (IST)

    शहर के सबसे वीआईपी मोहल्ले एसडीओ रोड में निर्माण के वर्षों बाद भी सड़क पर से बिजली विभाग ने ट्रांसफॉर्मर को हटाना मुनासिब नहीं समझा। सबसे हैरतअंगेज दृश्य तो पासवान चौक से सटे हाजीपुर-जंदाहा एनएच का है। यहां सुल्तानपुर के निकट बीते वर्ष सावन के दौरान बड़ा हादसा हुआ था।

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    नौ कांवरियों की मौत के एक वर्ष बाद भी ईंट के सहारे टिकाकर रखा गया है ट्रांसफार्मर

    रवि शंकर शुक्ला, हाजीपुर। नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के निदेशक राहुल कुमार के अल्टीमेटम का हाजीपुर में कोई असर होता नहीं दिख रहा है। निदेशक के मेंटेनेंस के एक सप्ताह के निर्देश का असर यह है कि शहर के सबसे वीआईपी मोहल्ले एसडीओ रोड में निर्माण के वर्षों बाद भी सड़क पर से बिजली विभाग ने ट्रांसफॉर्मर को हटाना मुनासिब नहीं समझा। सबसे हैरतअंगेज दृश्य तो पासवान चौक से सटे हाजीपुर-जंदाहा एनएच का है। यहां सुल्तानपुर के निकट बीते वर्ष सावन के दौरान बड़ा हादसा हुआ था।

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    डीजे ट्रॉली के हाई-वोल्टेज ट्राली के संपर्क में आ जाने से नौ कांवरियों की मौत हो गई थी। इस बड़े हादसे के बाद राज्य स्तर पर काफी हाय-तौबा मचा था। तत्कालीन डीएम यशपाल मीणा के आदेश पर तब बिजली के तार को तो ऊंचा कर दिया गया था पर आज तक वहां से ट्रांसफॉर्मर को शिफ्ट नहीं किया गया। आज की तिथि में यहां एनएच के किनारे नीचे से ईंट के सहारे टिकाकर ट्रांसफॉर्मर को रखा गया है।

    पड़ताल के दौरान यहां स्थानीय लोगों ने कहा कि तब इस ट्रांसफॉर्मर को शिफ्ट करने का आदेश दिया गया था। नाराजगी जताते हुए लोगों ने कहा कि इतने बड़े हादसे के बावजूद आज तक यहां से ट्रांसफॉर्मर को शिफ्ट नहीं किया गया।

    सोमवार को की गई पड़ताल के दौरान वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर शहर में विभागीय लापरवाही का एक से बढ़कर एक अजीबोगरीब दृश्य सामने आया। एसडीओ रोड में निर्माण के वर्षों बाद भी सड़क पर ट्रांसफॉर्मर को रखा गया है।

    हैरत की बात है कि यहां ट्रांसफॉर्मर खराब होने के बाद सड़क पर ही ट्रांसफॉर्मर को चार्ज करने के लिए एक और मशीन को लाकर विभाग ने रख दिया, जो एक माह से अधिक समय से यहां पर पड़ा हुआ है। इधर, शहर के डाकबंगला चौक के निकट सड़क पर ही ट्रांसफॉर्मर है। इसे आज तक शिफ्ट नहीं किया गया। यहां बताते चलें कि हाजीपुर-कौनहारा मार्ग काफी व्यस्त सड़क है। इस सड़क का उपयोग बाइपास के रूप में किया जाता है। इस मार्ग पर वाहनों का भारी दवाब है।

    हाजीपुर-कोनहारा मार्ग पर ही शहर के अनवरपुर चौक के निकट भी सड़क पर ही ट्रांसफॉर्मर लगा हुआ है। इधर, पासवान चौक के निकट हाजीपुर-जंदाहा एनएच मोड़ के निकट भी सड़क पर ही ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। वहीं हाजीपुर शहर के स्टेशन मार्ग पर बिजली का एक पोल टेढ़ा होकर झुक गया है। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। सड़क पर ट्रांसफॉर्मर होने का कारण है कि हाल के वर्षों में शहर के अधिकतर सड़कों का चौड़ीकरण के साथ निर्माण कराया गया।

    नियमानुसार सड़क निर्माण के पहले ही इन ट्रांसफॉर्मर और बिजली के पोल काे शिफ्ट कर दिया जाना चाहिए था। इधर, हाल यह है कि सड़क निर्माण के वर्षों बाद भी इन ट्रांसफॉर्मर और पोल को नहीं हटाया गया।

    बारिश के दिनों में इस तरह के हालात पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल हैं। वहीं दूसरी ओर से इसके कारण फाल्ट की समस्या भी काफी बढ़ गई है। इससे बिजली की नियमित आपूर्ति नहीं हो पा रही है। विभाग का यह हालात तब है जब सोमवार (19 अगस्त ) को नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के निदेशक राहुल कुमार ने क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक में निर्देश दिया था कि बिजली कंपनी की वजह स्पर्शाघात के मामले अगर सामने आते हैं तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    यह निर्देश दिया कि सभी अभियंता अपने क्षेत्रांतर्गत विद्युत तार एवं अन्य मेंटेनेंस कार्य अगले एक सप्ताह तक में पूरा कर लें। निदेशक के निर्देशों के बाद भी कोई असर नहीं हुआ और मेंटेनेंस के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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