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    चुनाव में संदिग्ध खातों, नकद खर्च और सोशल मीडिया पर रहेगी कड़ी निगरानी, चंदा लेने से पहले जान लें ये नियम

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 01:03 PM (IST)

    चुनाव आयोग आगामी चुनावों को निष्पक्ष बनाने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। संदिग्ध बैंक खातों, नकद खर्च और सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चंदा लेने से पहले नियमों का पालन करना होगा। आयोग का उद्देश्य चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    चुनाव में संदिग्ध खातों, नकद खर्च और इंटरनेट मीडिया पर रहेगी पैनी नजर

    जागरण संवाददाता, हाजीपुर। स्वच्छ, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने को लेकर शुक्रवार को व्यय अनुश्रवण और अनुवीक्षण नोडल पदाधिकारियों की बैठक हाजीपुर सर्किट हाउस में हुई। 

    भारत निर्वाचन आयोग के व्यय प्रेक्षक रूपेश सुकुमारन, आशुतोष शर्मा और विजेंद्र चौधरी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम वर्षा सिंह, एसपी ललित मोहन शर्मा व व्यय अनुवीक्षण नोडल पदाधिकारी कार्तिक कुमार सिंह तथा अन्य संबंधित अधिकारी के साथ विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिया। 

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    संयुक्त खाता स्वीकार्य नहीं 

    व्यय प्रेक्षकों ने निर्देश दिया कि प्रत्येक अभ्यर्थी को चुनावी व्यय के लिए अलग बैंक खाता खोलना अनिवार्य होगा। यह खाता केवल उसी अभ्यर्थी के नाम से होना चाहिए, किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त खाता स्वीकार्य नहीं होगा। 

    उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी किसी संदिग्ध खाते से राशि के हस्तांतरण या असामान्य लेन-देन की स्थिति में तत्काल जानकारी व्यय अधिकारी और जिला निर्वाचन कार्यालय को देंगे।

    उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवार अपने व्यय का भुगतान केवल रेखांकित या अकाउंट पेई चेक, डिमांड ड्राफ्ट, आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से ही कर सकेंगे। 

    उन्होंने चेतावनी दी कि उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा अधिक राशि नकद खर्च या नकद चंदा लेने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कहा कि यदि किसी व्यक्ति को उड़न दस्ता (एफएसटी), स्टैटिक निगरानी दल (एसएसटी) या पुलिस टीम द्वारा अनुमेय सीमा से अधिक नकदी के साथ पकड़ा जाता है, तो राशि जब्त की जाएगी और उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

    इंटरनेट मीडिया पर भी कड़ी निगरानी

    बैठक में इंटरनेट मीडिया संबंधी दिशा-निर्देशों पर भी विशेष चर्चा हुई। अधिकारियों ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रचार-प्रसार की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। 

    संभावित उम्मीदवारों को निर्देश दिया गया कि वे प्रचार सामग्री जारी करने से पहले अनुमोदन प्रक्रिया का पालन करें। बिना अनुमोदन के प्रचार सामग्री प्रसारित करने पर संबंधित उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, और उस पर होने वाला खर्च चुनावी व्यय में जोड़ा जाएगा। 

    इसके साथ ही अभद्र भाषा, धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले संदेश या जातिगत टिप्पणियों जैसी सामग्री पर कड़ी रोक लगाने का निर्देश दिया गया। बैठक में एमसीएमसी कोषांग, व्यय अनुश्रवण कोषांग, महनार, राजापाकर, महुआ और पातेपुर के एसएसटी टीमों, मध-निषेध अधीक्षक, बैंकिंग एवं वीएसटी कोषांगों के नोडल अधिकारी तथा सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।