औद्योगिक क्षेत्र के फैक्ट्रियों से निकले गंदे पानी व कचरे से आसपास की खेती हो रहे बर्बाद
औद्योगिक क्षेत्र के फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकलयुक्त गंदे पानी और कचरे ने आसपास की खेती वाले बड़े भूभाग को बर्बाद कर दिया है। यहां लगातार जलजमाव से धान की फसल तो डूब ही गई अब गेहूं के भी आसार नहीं दिखते। आसपास के लोगों का कहना है कि कारखाने की गंदगी से खेती तो बर्बाद हो ही रही है घरों में रहना भी दुश्वार हो रहा है। इस मामले में दिग्घी कलां पूर्वी गांव सहित आसपास के ग्रामीणों ने हाजीपुर बीडीओ और सीओ को आवेदन देकर समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, हाजीपुर :
औद्योगिक क्षेत्र के फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकलयुक्त गंदे पानी और कचरे ने आसपास की खेती वाले बड़े भूभाग को बर्बाद कर दिया है। यहां लगातार जलजमाव से धान की फसल तो डूब ही गई अब गेहूं के भी आसार नहीं दिखते। आसपास के लोगों का कहना है कि कारखाने की गंदगी से खेती तो बर्बाद हो ही रही है, घरों में रहना भी दुश्वार हो रहा है। इस मामले में दिग्घी कलां पूर्वी गांव सहित आसपास के ग्रामीणों ने हाजीपुर बीडीओ और सीओ को आवेदन देकर समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
ग्रामीणों के आवेदन पर अधिकारियों के जांच आदेश से पंचायत सचिव और राजस्व कर्मचारी ने संयुक्त रूप से औद्योगिक क्षेत्र इलाके का स्थल जांच की है। बीडीओ और सीओ को सौंपे गई संयुक्त जांच रिपोर्ट में पंचायत सचिव एवं राजस्व कर्मचारी ने ग्रामीणों के शिकायत को सही बताया है। जांच रिपोर्ट में भी बताया गया है कि औद्योगिक क्षेत्र के कल-कारखानों से निकलने वाले गंदे पानी और कचरे के कारण दिग्घी कलां पूर्वी पंचायत के खेती योग्य बड़ा भू-भाग बर्बाद हो गया है। यहां के अनेक फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी खेती वाले इलाके में लगातार फैल रहा है। किसानों के धान की फसल पूरी तरह डूबकर बर्बाद हो गए हैं वहीं जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के चलते इनके रबी फसल पर भी संकट बना हुआ है।
जांच रिपोर्ट में इस समस्या से निराकरण के लिए संबंधित फैक्ट्री प्रबंधकों को जल निकासी की सही व्यवस्था करने के लिए नोटिस करने की अनुशंसा की है। इसके साथ ही इसके लिए औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के वरीय अधिकारियों से भी पत्राचार कर समस्या का समाधान कराने की सलाह दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है खेती योग्य भूमि और फसल बर्बाद होने से यहां के किसानों में काफी रोष है, जिससे यहां किसानों एवं फैक्ट्री संचालकों के बीच कभी भी अप्रिय घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। पंचायत सचिव एवं राजस्व कर्मचारी ने अधिकारियों से इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की भी सलाह दी है।
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