हर-हर बम-बम नारों से गूंजित गंगा घाट से डाक कांवरियों ने शुरू की यात्रा
सोनपुर (वैशाली)। गूंज रहा हरिहर क्षेत्र हर हर बम बम के नारों से अभिभूत है भक्तों की टोली बाबा हरि औ

सोनपुर (वैशाली)। गूंज रहा हरिहर क्षेत्र हर हर बम बम के नारों से अभिभूत है भक्तों की टोली बाबा हरि और हर के जयकारों से। रविवार को डाक कांवरियों के जयघोष से पहलेजा घाट धाम से लेकर सोनपुर तक आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ स्थान तक के लगभग 65 किलोमीटर की पैदल यात्रा में कांवरियों के लिए सोनपुर धार्मिक रूप से एक महत्वपूर्ण स्थान है। हालांकि डाक कांवरियों का जत्था नेशनल हाईवे 19 होकर गुजरता है। जबकि बाबा हरिहरनाथ मंदिर दूसरे रास्ते में है। बावजूद जैसे ही डाक कावंरिए एनएच पर पहुंचते हैं, बाबा हरिहर नाथ के जयकारे लगाते आगे बढते हैं।
प्रथम सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ पर जल अर्पण के लिए रविवार को सोनपुर के पहलेजा घाट धाम पर शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद कांवरियों ने विधि विधान के साथ कांवर की घाट पर पूजा अर्चना की। तत्पश्चात बोल बम का नारा लगाते हुए कांवरियों का अनेक जत्था मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुआ हुआ। पैदल ही नहीं बाइक सवार शिव भक्तों ने भी अपने मोटरसाइकिल से यह यात्रा शुरू किए। धार्मिक मान्यता है कि सावन की सोमवार को भगवान शिव पर जल अर्पण करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस मान्यता से हजारों की संख्या में नर-नारी वृद्ध-बच्चे भी कांवर यात्रा में शामिल होते हैं।
बाबा हरिहर नाथ मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील शास्त्री ने बताया कि पैदल चलकर जो भक्त मंदिर तक पहुंचते हैं और बाबा के शिवलिग पर जल अर्पण करते हैं उनका जन्म जन्मांतर के पापों का क्षय होकर पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान शिव का एक नाम आशुतोष भी है वह मात्र जल अर्पण और बेलपत्र आदि चढ़ाने से ही खुश हो जाते हैं। भगवान शिव को सावन का महीना बहुत ही प्रिय है। बाबा हरिहर नाथ मंदिर में स्थापित दिव्य विग्रह अद्भुत है, यहां भगवान हरि और हर एक साथ विराजते हैं।
दूसरी ओर पहलेजा घाट में कांवरिये को रास्ता दिखाने और उन्हें सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पहलेजा घाट मेला विकास समिति के अध्यक्ष लालबाबू राय अपने टीम के सदस्यों के साथ तत्पर थे। उन्होंने बताया शुक्रवार से सोमवार तक यहां गाड़ियों का प्रवेश बंद होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि कांवरियों की सुरक्षा के मद्देनजर किसी भी प्रकार का वाहन पहलेजा घाट में प्रवेश नहीं करना चाहिए। इससे कांवरियों को असुविधा होती है और कांवर मार्ग में जगह-जगह जाम की स्थित उत्पन्न हो रही है।
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