'सर्विस में नहीं चलेगी अकड़, थाने पर फरियादियों का करें सम्मान', DGP ने पुलिस अफसरों को दिया निर्देश
पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा कि साइबर अपराध पुलिस के लिए चुनौती है और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई होगी। सोनपुर मेला में अपराध निरोध प्रदर्शनी में उन्होंने कहा कि पुलिस नई तकनीक से साइबर अपराध रोक रही है। निवेशकों को सुरक्षा देना पुलिस की जिम्मेदारी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को जनता के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने का निर्देश दिया और जन सहयोग पर जोर दिया।

संवाद सहयोगी, सोनपुर। बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने कहा कि अपराध के नए-नए तौर-तरीकों के बीच साइबर क्राइम पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक फैले भ्रष्टाचार पर भी सख्त प्रहार किया जाएगा। वे सोमवार को विश्वविख्यात हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला में आयोजित अपराध निरोध प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद पर्यटन विभाग के मुख्य पंडाल में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अपराध रोकने के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं। साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए पुलिस नई तकनीक का उपयोग कर रही है। हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में सरकार को मिले प्रचंड बहुमत ने सरकार के साथ-साथ पुलिस की जिम्मेदारी और बढ़ा दी है।
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में बिहार में औद्योगिक विकास तेजी से होगा और निवेशकों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में यह सुनिश्चित करना होगा कि यहां निवेश करने वालों को कहीं से भी रंगदारी या किसी अन्य प्रकार की मांग का भय न हो। पुलिस की जिम्मेदारी है कि निवेशकों को पूरी तरह सुरक्षित माहौल मिले।
वैज्ञानिक अनुसंधान में अग्रणी रहा है बिहार
डीजीपी ने कहा कि अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा लगाई गई यह प्रदर्शनी पुलिस की विभिन्न इकाइयों के कार्यकलापों को दर्शाती है। इसका उद्देश्य जनता को यह बताना है कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने बताया कि बिहार वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में पहले से ही अग्रणी रहा है।
डीजीपी ने कहा, वर्ष 1958 में ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला की शुरुआत हो चुकी थी। वर्ष 1960 में पुलिस साइंस कांग्रेस का पहला आयोजन भी बिहार से ही हुआ था। वर्ष 1971 से सोनपुर मेले में अपराध अनुसंधान विभाग की प्रदर्शनी लगातार लगाई जा रही है।
वैज्ञानिक तरीके से साइबर अपराध पर हो रहा वार
साइबर अपराध पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अपराधियों के नए तौर-तरीकों से निपटने के लिए पुलिस भी वैज्ञानिक स्तर पर अनुसंधान कर रही है। उन्होंने हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि कभी चुनाव के दौरान दर्जनों अपराध सामने आते थे, लेकिन इस बार एक भी हिंसा या अप्रिय घटना नहीं हुई। यह पुलिस की बेहतर विधि-व्यवस्था और कौशल का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि निगरानी अन्वेषण विभाग बहुत अच्छा काम कर रहा है, लेकिन अब छोटे-छोटे भ्रष्टाचार के मामलों से आगे बढ़कर स्थापित भ्रष्टाचार पर प्रहार करना होगा।
जनता को सुरक्षा प्रदान करना है पुलिस का कर्तव्य
उन्होंने डीएसपी से लेकर एसएचओ तक के अधिकारियों को निर्देश दिया कि थाने पर आने वाले शिकायतकर्ताओं और आगंतुकों का सम्मानपूर्वक स्वागत करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सर्विस में अकड़ नहीं चलेगा। पंचायत स्तर तक पुलिस और जनता के बीच समन्वय बढ़ाने और बैठकें आयोजित करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जनता के सहयोग के बिना अपराध पर नियंत्रण पाना कठिन है। पुलिस का मुख्य कर्तव्य जनता को सुरक्षा प्रदान करना है। समारोह के आरंभ में अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी पारस नाथ ने अतिथियों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि पुलिस के लिए जनसहयोग बहुत महत्वपूर्ण है और डिजिटल युग में साइबर अपराध से निपटना चुनौतीपूर्ण कार्य है।
श्वान दस्ते ने दिखाया करतब
प्रदर्शनी परिसर में श्वान दस्ते ने भी डीजीपी के सामने प्रदर्शन किया। श्वान दस्ते में शामिल डाग ने दिखाया कि वे कैसे बैग में रखे आग्नेयास्त्र और बम आदि को सूंघकर गार्ड को सूचना देते हैं और आग के गोले को पार कर सकते हैं। इन करतबों को देखकर लोग चकित रह गए।
अपराध निरोध प्रदर्शनी में एसटीएफ का अलग स्टाल भी लगाया गया था, जहां एसटीएफ द्वारा प्रयोग किए जाने वाले अत्याधुनिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। डीजीपी ने यहां लगे पुलिस विभाग की विभिन्न इकाइयों का अवलोकन किया और संबंधित पदाधिकारियों से जानकारी ली।
इसी मौके पर डीजी जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी पंकज दरार, पूर्व डीजीपी नीलमणि, एडीजी सुनील कुमार, आईजी अमित जैन तथा सुधांशु कुमार, एडीजी स्पेशल ब्रांच सुनील कुमार, पंकज दरार, कमल किशोर सिंह, सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक डा. कुमार आशीष सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

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