ईश्वर भक्ति का मार्ग धारण करने से मिल जाता है मुक्ति का माध्यम : गुप्तेश्वर
संवाद सहयोगी सोनपुर लोकसेवा आश्रम हरिहरक्षेत्र सोनपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान

संवाद सहयोगी, सोनपुर :
लोकसेवा आश्रम हरिहरक्षेत्र सोनपुर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार की संध्या पूर्व डीजीपी सह कथावाचक गुप्तेश्वर पांडेय महाराज ने कहा कि काम, क्रोध, लोभ से ग्रसित, जीवन से विरक्त रहकर मनुष्य ईश्वर भक्ति का मार्ग धारण कर ले तो उसे मुक्ति का माध्यम मिल जाता है। श्रीमद्भागवत कथा को सुनने मात्र से जिस प्रकार चित्त की शुद्धि हो जाती है वैसी चित्त शुद्धि अन्य उपायों से नहीं होती।
कहा कि मनुष्य सांसारिक जीवन प्राप्त कर काम, क्रोध, लोभ मद में चूर होकर अन्य प्राणियों को सताने लगता है उसकी प्रवृत्ति दुष्टों की हो जाती है. जबकि वहीं दूसरे स्वभाव वाला व्यक्ति धर्म, सत्संग, देव मार्ग पर चलकर समाज का भला करता है। जो अपने मनुष्य तन के लिए मुक्ति पाने के लिए ईश्वर सेवा, भक्ति में लीन रहता है उसका जीवन सफल माना गया है। अपनी कथा में मानव कर्तव्यों का बोध कराते हुए उन्होंने कहा कि शांति का परम सुख भगवान के चरणों में है। इसी भक्ति और तपस्या के बल पर ऋषि मुनि ने उन्हें प्राप्त किया।
ईश्वर की भक्ति के बिना कोई कार्य संभव नहीं है। इसलिए अपने व्यस्त समय में अगर कुछ पल ही सच्चे मन से प्रभु सेवा के लिए निकाल लिया जाए तो मुक्ति मिल जाएगी। इसका सरल माध्यम भजन, पूजा, पाठ सत्संग है. भागवत कथा सुनने से जीव जगत माया का ज्ञान होता है। इसके पूर्व लोक सेवा आश्रम के मंच से अयोध्या से पधारे संत देवेशाचार्य महाराज ने राम कथा की अद्भुत प्रस्तुति की।
श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्ति दायिनी है तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। इसलिए रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है. उक्त बातें लोक सेवा आश्रम के संत विष्णु दास उदासीन मौनी बाबा ने कहा कि शनि देव एवं सूर्य देव भगवान की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा 08 मई को होना निश्चित है। जिसे लेकर यह कार्यक्रम चल रहा है 06 मई को जल यात्रा एवं 07 मई को नगर भ्रमण का आयोजन किया जाएगा।
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