Bihar News: लखनऊ के पीजीआई-केजीएमयू में नहीं मिला वैशाली के शिवम को बेड, पिता की गोद में कैंसर पीड़ित बेटे ने तोड़ा दम
बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले 17 वर्ष के शिवम ने कैंसर से अपना दम तोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि उसके पिता इलाज के लिए उसे लेकर लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई पहुंचे। रात दो बजे इमरजेंसी का दरवाजा खटखटाया लेकिन डॉक्टर शिवम को देखने तक नहीं आए। कैंसर पीड़ित शिवम का दर्द असहनीय हो गया था।
निशांत यादव, लखनऊ। बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले 17 वर्ष के शिवम को लेकर पिता रणविजय महतो लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई पहुंचे। रात दो बजे इमरजेंसी का दरवाजा खटखटाया, लेकिन डॉक्टर शिवम को देखने तक नहीं आए। कैंसर पीड़ित शिवम का दर्द असहनीय हो गया था।
पिता ने सिर्फ दर्द की ही कोई दवा देने की गुहार लगाई, लेकिन स्टाफ ने बेड खाली न होने का हवाला देते हुए उनको किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। पिता केजीएमयू पहुंचे को यहां भी डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया।
गंभीर रूप से बीमार था छात्र
समय गुजरने के साथ ही हालत बिगड़ती गई और शिवम जिंदगी की जंग हार गया। इस घटना पर पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान कहते हैं कि शिवम गंभीर रूप से बीमार नहीं था।
फिर सवाल यह है कि कुछ घंटे बाद ही उसकी मृत्यु कैसे हो गई? अस्पतालों का यह रवैया तब है, जब सरकार ने स्पष्ट तौर पर निर्देश दे रखे हैं कि कोई भी गंभीर मरीज बिना इलाज के वापस न लौटे। गंभीर मरीजों के इलाज को लेकर सिस्टम की संवदेनहीनता का यह प्रत्यक्ष उदाहरण है।
नहीं हो सका अस्पताल में इलाज
लखनऊ के दो बड़े अस्पताल के बीच कैंसर से पीड़ित एक किशोर को इलाज नहीं मिल सका। बिहार के वैशाली जिले के विशुनपुर गढ़ के रहने वाले रणविजय महतो मजदूरी करते हैं। शिवम उनकी तीन संतान में सबसे बड़ा था।
दो महीने पहले उसे दर्द और उल्टी होने लगी। पहले एक निजी अस्पताल फिर एम्स पटना में उपचार कराया। हालत में सुधार नहीं हुआ तो परिचित ने एसजीपीजीआई लाने की बात कही।
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