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    Vaishali Crime: कई दिनों से लापता...नदी में तैरता मिला शव; दहेज के लालच में नवविवाहिता की हत्या

    वैशाली जिले में दहेज के लालचियों ने 22 वर्षीय शिवांगी तिवारी की जान ले ली। शादी के कुछ समय बाद से ही ससुराल वाले उसे प्रताड़ित कर रहे थे। 9 दिन से लापता शिवांगी का शव मुजफ्फरपुर में नदी में तैरता मिला। परिवार का आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर उसकी हत्या की गई। घटना के बाद ससुराल वाले फरार हैं।

    By Digital Desk Edited By: Rajesh Kumar Updated: Sun, 24 Aug 2025 11:20 PM (IST)
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    वैशाली जिले में दहेज के लालचियों ने 22 वर्षीय शिवांगी तिवारी की जान ले ली। फाइल फोटो

    डिजटल डेस्क, वैशाली। बिहार के वैशाली ज़िले के नंदलालपुर गाँव से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहाँ दहेज के लोभियों ने एक और मासूम बेटी की बेरहमी से जान ले ली। 22 वर्षीय शिवांगी तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से पूरा गाँव सदमे में है और परिवार वालों की आँखें अभी भी नम हैं।

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    9 दिनों से लापता थी शिवांगी, नदी में तैरता मिला शव

    शिवांगी की शादी को अभी कुछ ही समय हुआ था। वह अपने ससुराल में थी और परिवार को अक्सर उसके साथ हो रहे अत्याचारों की आवाज़ें आती रहती थीं। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह हिंसा उसकी जान ले लेगी।

    शिवांगी पिछले 9 दिनों से लापता थी। उसके ससुराल वालों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और टालमटोल करते रहे। आखिरकार जब परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो उसकी तलाश शुरू हुई। 9 दिन बाद, उसका शव मुजफ्फरपुर के पारौल थाना क्षेत्र में एक नदी में तैरता हुआ मिला।

    दहेज जानलेवा साबित हुआ, ससुराल वाले फरार

    परिवार वालों का आरोप है कि ससुराल वाले लगातार दहेज की मांग कर रहे थे। शिवांगी को कई बार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। उन्होंने यह भी बताया कि पहले भी मारपीट की घटनाएँ हुई थीं, लेकिन समाज और रिश्तों की मर्यादा के कारण वे चुप रहे।

    अब यही खामोशी उनकी लाडली बेटी की मौत का कारण बन गई। घटना के बाद से सभी ससुराल वाले फरार हैं।

    परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस भी मामले में कोई ठोस कदम उठाती नहीं दिख रही है। वजह यह है कि मामला गंभीर होने के बावजूद अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

    ससुराल के बाहर शव जलाया, परिजन भड़के

    अपनी बेटी का क्षत-विक्षत शव देखकर शिवांगी के परिवार वाले गुस्से और दर्द से फूट पड़े। वे शिवांगी के शव को सीधे उसके ससुराल ले गए और घर के बाहर ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। एक तरह से, यह परिवार का विरोध था, एक खामोश चीख कि अब वे चुप नहीं रहेंगे।

    इस घटना के बाद गाँव में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग भी इस मामले को लेकर गुस्से में हैं।

    पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन न्याय अभी दूर

    परिवार की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसमें दहेज हत्या, मारपीट और सबूत छिपाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। लेकिन लोगों का सवाल है कि गिरफ्तारी कब होगी? शिवांगी को न्याय कब मिलेगा?

    अब सवाल सिर्फ़ शिवांगी का नहीं

    शिवांगी की कहानी अकेली नहीं है। देश में हर साल हज़ारों बेटियाँ दहेज के कारण अपनी जान गँवा रही हैं। समाज में शिक्षा और आधुनिकता के बावजूद, दहेज का यह काला साया आज भी बेटियों को निगल रहा है।