Banana Price: छठ पर महंगा होगा केला, जलजमाव और प्राकृतिक आपदा से किसानों को भारी नुकसान
छठ पूजा के दौरान केले की कीमतें बढ़ने की आशंका है। जलजमाव और प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को केले की फसल में भारी नुकसान हुआ है, जिससे उत्पादन में कमी आई है। त्योहार के समय मांग बढ़ने से कीमतों पर और दबाव पड़ेगा।

छठ पर महंगा होगा केला
जागरण संवाददाता, बिदुपुर। हाजीपुर का नाम सुनते ही जुबान पर एक ही नाम सहसा उभर जाता है ,केला। इस क्षेत्र का मालभोग हो या चिनिया या अल पान।सभी का अपना अपना स्वाद और विशेषताएं है। इस क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति मुख्य रूप से केला बगान पर ही निर्भर है।
केला बगान की फसल के माध्यम से किसानों की आर्थिक एवम सामाजिक दशा सुधारने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका है।परन्तु समय समय पर प्राकृतिक आपदा के कारण इस फसल के उत्पादकों को आर्थिक दृष्टि से कमर ही तोड़ देता है।
सरकार के द्वारा केला फसल को फसल बीमा में शामिल नही किये जाने की वजह से इस क्षेत्र के किसानों को काफी आर्थिक क्षति प्रति वर्ष उठाने पड़ते है।खासकर इस क्षेत्र से मालभोग एवम चिनिया प्रजाति के केला लगभग समाप्त ही हो चुके है।
सैकड़ों एकड़ भूमि में केले के फसल बर्बाद
छठ पर्व में केला के घौद की किल्लत होने का अनुमान लगाया जा रहा है।वर्तमान समय में निरंतर बारिश होने के कारण केला बागान में महीनों से जलजमाव होने के कारण चेचर,कुतुबपुर,मधुरापुर,मथुरा,गोखुला आदि जगहों पर सैकड़ों एकड़ भूमि में केले के खासकर आलपान किस्म के पौधे गिर रहे है,जिस कारण केला उत्पादक किसानों को काफी आर्थिक क्षति पहुंचने का अनुमान अनुमान है।
वर्तमान समय मे बिदुपुर प्रखण्ड के सैदपुर गणेश,कंचनपुर,पानापुर धर्मपुर,रजासन,पकौली,भैरोपुर,माइल पकड़ी,दाउदनगर,खिलवत,बिदुपुर,रामदौली,आमेर,विशनपुर,राजखण्ड,शीतलपुर, कमालपुर,मधुरापुर,नावानगर,चेचर,गोखुला,मथुरा,मजलिशपुर,कुत्तूपुर,मनियारपुर,आदि गांव के हजारों हेक्टेयर भूमि में केला की फसल लहलहाती है।
केला की फसल की खेती व्यापक रूप से
वहीं हाजीपुर प्रखण्ड के सहदुल्लहपुर,कर्णपुरा,बाकरपुर,मदारीपुर,चंद्रा लय,हरौली,अस्तीपुर,डुमरी,राघोपुर प्रखण्ड के तेरसिया,सराय पुर,दीवान टोक आदि गांवो में केला की फसल की खेती व्यापक रूप से किये जाते है।
वर्तमान समय मे केला उत्पादकों के समय काफी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गए है।फसल उत्पादक लागत में वृद्धि,कीट व्याधियों का प्रकोप,एवम बाजार की समस्या ने किसानों को धीरे धीरे इस खेती से मुंह मोड़ने को बाध्य कर दिया है।
केला की खेती करना घाटे का सौदा
वर्तमान समय में, निरंतर बारिश होने के कारण खेतों में जल जमाव हो जाने के कारण केला के पौधे गल गल कर गिर रहे है,जिस कारण भविष्य में केला की किल्लत रहने का अनुमान है।प्राकृतिक प्रकोप के बाद भी सरकार के द्वारा केला उत्पादक किसानों को किसी तरहः की आर्थिक सहायता नही दिए जाते है,जिस कारण किसान केला की खेती करना घाटे का सौदा मानकर खेती करने से मुंह मोड़ रहे है।
इस क्षेत्र में केला पकाने की कोई संयंत्र सरकार के द्वारा नहीं लगाए गए और न ही चिप्स एवं अन्य सामग्री बनाने के उद्योग धंधे ही लगाए गए।।जबकि हाजीपुर प्रखण्ड के हरिहरपुर में केला अनुसन्धान केंद्र स्थापित है।केला के रेशे से विभिन्न तरहः के वस्तुएं निर्माण तो किये जाते है परन्तु तकनीक का विस्तार व्यापक रूप से नही हुआ है।
छठ पर महंगा होगा केला
हाजीपुर में फल संस्करण उद्योग की स्थापना करना जरूरी है। भैरोपुर ड्योढी निवासी सह सरपंच विनोद कुमार सिंह,चेचर निवासी चन्द्रभूषण सिंह,बिदुपुर डीह निवासी शत्रुध्न राय, मथुरा निवासी प्रमोद राय,गोखुला निवासी धीरज यादव,रामदौली निवासी रितेश कुमार सिंह बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, कमालपुर निवासी राम कुमार सिंह उर्फ मन्नू सिंह,अधिवक्ता दीनबन्धु सिंह,विशनपुर राजखण्ड निवासी अभय सिंह ,मधुरापुर निवासी टिंकज कुमार सिंह,बाजीतपुर सैदात निवासी अधिवक्ता गजेन्द्र भगत,आदि ने सरकार से केला फसल को फसल बीमा में शामिल करने की मांग की है।
छठ पर्व पर अन्य प्रदेशों से आने वाले केला पर ही पर्व होने की उम्मीद जताई जा रही है।वर्तमान समय में केला चार सौ रुपए से लेकर सात सौ रुपए प्रति घोर बिक्री किए जाने की सूचना है।जल जमाव के कारण केला फसल को काफी क्षति पहुंची है।छठ वृत्तियों को महंगा केला खरीदना पर रहा है।
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