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    Vaishali News: अपार आईडी बनाने में लापरवाही बरत रहे प्राइवेट स्कूल, अभी तक सिर्फ 25 फीसदी हुआ काम

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 11:57 PM (IST)

    वैशाली के प्राइवेट स्कूल अपार आईडी बनाने में लापरवाही बरत रहे हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार, अभी तक केवल 25 फीसदी काम ही पूरा हुआ है। स्कूलों द्वारा दिख ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, हाजीपुर। वैशाली जिले में शिक्षा विभाग के लगातार प्रयास के बाद भी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का अपार आईडी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो रहा है।

    शिक्षा विभाग की ओर से 15 दिसंबर तक सभी विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राओं का अपार आईडी निर्माण शत-प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। बावजूद इसके सरकारी विद्यालयों को छोड़ निजी विद्यालय इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।

    आंकड़ों पर गौर करें तो जिले के सरकारी स्कूलों में 80 फीसदी बच्चों का अपार निर्माण पूरा हो गया है। यहां केवल 20 फीसदी बच्चों का ही अपार आईडी नहीं बन पाया है। जबकि प्राइवेट स्कूलों की बात करें तो यहां केवल 35 प्रतिशत बच्चों का अपार निर्माण कार्य पूरा हो पाया है। 15 दिसंबर तक यहां 65 प्रतिशत छात्र-छात्राओं का अपार आईडी निर्माण लंबित है।

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    मालूम हो कि अपार भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्तर पर सरकारी एवं निजी विद्यालयों में नामांकित कक्षा 01 से 12 तक के छात्र-छात्राओं का एक राष्ट्र एक पहचान कार्यक्रम के तहत आईडी निर्माण कार्य कराया जाता है। विद्यालय की ओर से यु डायस पोर्टल पर आईडी बनाया जाता है। बताया गया है कि यु डायस पोर्टल को 15 दिसंबर तक के लिए ही खोला गया था। लेकिन विभाग की ओर से 20 दिसंबर तक इसपर अपार आईडी निर्माण के लिए समय दिया गया है।

    शत-प्रतिशत अपार आईडी बनाने का 15 दिसंबर तक ही था डेडलाइन

    राज्य परियोजना निदेशक के स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की गई समीक्षा में जिले के अपार आईडी निर्माण की समीक्षा के क्रम में माह नवंबर और दिसंबर में सबसे कम आईडी निर्माण होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई।

    इसके बाद डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान संतोष कुमार ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, लेखा सहायक सह डाटा इंट्री आपरेटर को पत्र लिखकर अपार आईडी निर्माण को गंभीरता से लेते हुए 15 दिसंबर तक कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया। वहीं निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य पूर्ण नहीं कराए जाने की स्थिति में कार्रवाई करने की बात कही गई।

    तीन दिन कंप्यूटर शिक्षकों की सहायता से कैंप मोड कराया गया है कार्य

    शिक्षा विभाग के यु डायस पोर्टल पर बच्चों की इंट्री नहीं रहने पर उनका अपार आईडी नहीं बन पाने की वजह से जिला शिक्षा पदाधिकारी रवींद्र कुमार ने सभी प्रखंड संसाधन केंद्रों पर कंप्यूटर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करते हुए रविवार सहित 13 से 15 दिसंबर तक कैंप लगाकर सभी विद्यालय प्रधान को यु डायस पोर्टल पर की इंट्री, इम्पोर्ट एवं अपार कार्ड निर्माण संबंधी कार्य पूरा करने का निर्देश दिया था।

    जिले में सभी प्रकार के विद्यालय एवं कुल छात्र-छात्राओं की स्थिति

    स्कूल का प्रकार स्कूलों की संख्या बच्चों की कुल संख्या कुल अपार आईडी निर्माण कुल लंबित
    सभी प्रकार के स्कूल 2849 6,48,851 4,61,167 1,87,684
    सरकारी स्कूल 2256 5,20,162 4,16,243 1,03,919
    प्राइवेट स्कूल 559 1,24,033 42,617 81,416

    अपार आईडी निर्माण में शिथिलता बरतने वाले जिले के टॉप दस स्कूल

    क्रम संख्या स्कूल का नाम कुल लंबित
    1 स्वामी विवेकानंद शिक्षा निकेतन What 1981
    2 संत जांस एकेडमी 1177
    3 संत पाल हाई स्कूल 1174
    4 के ही आई राजापाकर 1122
    5 पीके झा उच्च माध्यमिक विद्यालय 1067
    6 आर्यण स्कूल ऑफ साइंस 1057
    7 संत पाल्स एकेडमी मीनापुर 1008
    8 विद्या निकेतन महनार 908
    9 नोवेल क्रिएटिव एकेडमी 854
    10 एसके सेमिनरी आवासीय उच्च विद्यालय 854

    सरकारी स्कूल

    क्रम संख्या स्कूल का नाम कुल लंबित
    1 उत्क्रमित मध्य विद्यालय चांदपुरा, राघोपुर 537
    2 मध्य विद्यालय पहाड़पुर, राघोपुर 521
    3 मध्य विद्यालय अफजलपुर पुरैना, पातेपुर 496
    4 भगवान शंकर उच्च विद्यालय, लालगंज 399
    5 उच्च विद्यालय, महनार 390
    6 गोनी उच्च विद्यालय कृष्णवारा, पातेपुर 371
    7 गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय सहदेई बुजुर्ग 360
    8 उच्च विद्यालय रामपुर, राघोपुर 357
    9 आशो कुंवर उच्च विद्यालय भरतीपुर, पातेपुर 348
    10 गांधी विद्या मंदिर तिसिऔता, पातेपुर 312

    क्या है अपार आईडी

    अपार कार्ड छात्रों के लिए 12 अंकों की यूनिक आईडी है जिसमें उनकी शैक्षणिक जानकारी डिजिटल रूप में होती है। भारत सरकार के स्तर पर एक राष्ट्र, एक छात्र आईडी पहल के तहत शुरू की गई अपार आईडी छात्रों के लिए एक जीवनभर की डिजिटल शैक्षणिक पहचान है जो उन्हें पढ़ाई के हर चरण में मदद करती है।

    अपार का मतलब आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री है। इसका उद्देश्य प्रत्येक छात्र के लिए एक विशिष्ट, स्थायी 12 अंक की डिजिटल पहचान बनाना है, जहां उनके मार्कशीट, प्रमाण पत्र, उपलब्धियां आदि सभी शैक्षणिक रिकार्ड सुरक्षित और सुलभ हों, जिससे शिक्षा में पारदर्शिता और आसान मूवमेंट हो सके। इसके तहत कक्षा एक से बारहवीं तक के बच्चों का आईडी निर्माण संबंधित विद्यालय की ओर से शिक्षा विभाग के यु-डायस पोर्टल पर किया जाता है।

    जिले के 32 हजार छात्रों के अपार आईडी है ड्राप बाक्स में

    जिला शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के सरकारी स्कूलों में अपार आईडी वाले 32,304 छात्र-छात्राएं ड्राप बाक्स में है। बताया गया है कि यु डायस पोर्टल पर ड्राप बाक्स की सुविधा दी गई है।

    इसमें वैसे बच्चों का नाम डाला जाता है जो किसी अन्य स्कूल में नामांकन के लिए स्थानांतरण प्रमाणपत्र ले लेते हैं अथवा विद्यालय से उच्चतम कक्षा से उत्तीर्ण हो जाते हैं। नए नामांकन की स्थिति में विद्यालय को उन्हें ड्राप बाक्स से इंपोर्ट करना होता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार ड्राप बाक्स से बच्चों को इंपोर्ट नहीं करने वाले स्कूलों को भी चिह्नित किया जाएगा।