चलो गांव की ओर:::::: खुले में शौच नहीं जाते भगवानपुर पंचायत के लोग
1द्बद्यद्यद्गद्दद्ग ह्य ठ्ठद्ग2ह्य ----------------- पंचायत का नाम- भगवानपुर जनसंख्या 8 हजार क्षेत्रफल 13 से 15 किलोमीट
----------------- पंचायत का नाम- भगवानपुर जनसंख्या: 8 हजार क्षेत्रफल: 13 से 15 किलोमीटर स्कूल: एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, तीन मध्य विद्यालय, चार प्राथमिक विद्यालय
स्वास्थ्य केंद्र: एक उपस्वास्थ्य केंद्र, एक होम्योपैथिक अस्पताल
साक्षरता दर: 50 फीसद
मुख्य रोजगार: कृषि
मुख्य समस्या: जलजमाव
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गौरीश मिश्रा, करजाईन बाजार (सुपौल) : बसंतपुर प्रखंड की प्रथम ओडीएफ पंचायत का गौरव प्राप्त करने वाली भगवानपुर पंचायत में अब लोग खुले में शौच नहीं जाते हैं। पंचायत की अधिसंख्य आबादी अब शौचालय का व्यवहार करती हैं। साफ-सफाई की स्थिति भी संतोषजनक दिखती है। स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा समय-समय पर सफाई अभियान चलाकर लोगों को प्रेरित किया जाता है। भगवानपुर, समदा, शिवनगर एवं पंचपड़रिया गांव को मिलाकर बनी पंचायत के लोगों का जीवोकोपार्जन का मुख्य साधन खेती एवं स्वरोजगार है। शिक्षा में सुधार के बाद पंचायत के युवा निजी एवं सरकारी नौकरी में भी जुड़े हैं। पंचायत के मध्य में भव्य पंचायत सरकार भवन अवस्थित है।
--------------------------------- पंचायत का इतिहास
1960-62 में स्थापित पंचपड़िया पंचायत के प्रथम मुखिया महादेव मेहता थे। 1977 से 2001 तक लंबे समय तक एसआर सिन्हा ने पंचायत का प्रतिनिधित्व किया। 2001 में नए परिसीमन के तहत भगवानपुर पंचायत की स्थापना की गई। जयप्रकाश पासवान यहां के मुखिया हैं। इस पंचायत में 14 वार्ड हैं।
--------------------------------- पंचायत की चौहद्दी
करीब 15 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली भगवानपुर पंचायत के पूरब में दीनबंधी पंचायत, पश्चिम में नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा, उत्तर में भीमनगर पंचायत एवं दक्षिण में रतनपुर पंचायत अवस्थित है।
--------------------------------- पंचपड़िया में रुके थे पांडव भगवानपुर पंचायत के अंतर्गत शामिल पंचपड़िया गांव के बारे में स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव एक रात इस गांव में भी रहे थे। इसलिए इस गांव का नाम पंचपड़िया पड़ा है। साथ ही पंचायत के समदा में चैती दुर्गा मंदिर एवं साहेवान में वैष्णवी दुर्गा मंदिर स्थापित है, जिसके प्रति लोगों की अगाध आस्था है।
--------------------------------- राजा तरुमल का है गढ़
भगवानपुर पंचायत के समदा में राजा तरुमल का गढ़ आज भी है, जो अभी समदा गढ़ी के नाम से जाना जाता है। खंडहर एवं जंगल में तब्दील समदा गढ़ी के अंदर राजा तरुमल के समय का कुआं भी है। बड़े-बुजुर्गों का कहना है कि एक नाई के द्वारा झूठी खबर फैलाने के बाद राजा के परिवार के लोगों ने इसी कुएं में कूदकर जान दे दी थी। पंचायत के समदा गढ़ी में स्थित राजा तरुमल के गढ़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। यहां उस काल के कई अवशेष मौजूद हैं।
--------------------------------- शुद्ध पेयजल का अभाव
पंचायत में शुद्ध पेयजल का अभाव है। हर घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नल-जल योजना के तहत लगभग सभी वार्डों में पाइप पहुंचा दिया गया है। अब सिर्फ पानी सप्लाई की जानी है।
--------------------------------- स्ट्रीट लाइट की नहीं है व्यवस्था
पंचायत में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है। स्थानीय मुखिया जयप्रकाश पासवान के अनुसार हर वार्ड में सोलर लाइट लगाने के लिए सर्वे हो चुका है, जल्द ही रोशनी व्यवस्था का प्रबंध हो जाएगा।
--------------------------------- स्वास्थ्य सेवा बदहाल पंचायत में स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। व्यवस्था की लापरवाही से यह उपस्वास्थ्य केंद्र लोगों के लिए सफेद हाथी बना हुआ है। पंचायत में अवस्थित होम्योपैथिक अस्पताल लंबे समय से बंद है। पंचायत में पशु अस्पताल नहीं होने से पशुपालकों को 15-से 20 किलोमीटर करजाईन या अन्यत्र जाना पड़ता है।
--------------------------------- शिक्षकों की कमी से जूझ रहा विद्यालय पंचायत का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। एक शिक्षक के भरोसे हाई स्कूल की पढ़ाई हो रही है। मध्य विद्यालय समदा का भवन जर्जर हालत में हैं। उच्च शिक्षा का केंद्र नहीं होने से स्थानीय छात्र एवं खासकर छात्राओं को काफी कठिनाई होती है।
--------------------------------- जलजमाव है विकट समस्या
पंचायत में जलजमाव की विकट समस्या है। खासकर बरसात के मौसम में कोसी नदी के सीपेज एवं वर्षा जल के जमाव से लोगों को काफी समस्या होती है। निचले इलाके में लोगों के घरों तक पानी पहुंच जाता है। इस समस्या के निदान की जरूरत है। मुखियाजी का कहना है कि नाले का निर्माण कराया जाएगा। --------------------------------- सम्मानित हो चुके हैं मुखिया
पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 2019 में नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार सम्मान समारोह में पंचायत के मुखिया जयप्रकाश पासवान को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया था जिसपर ग्रामीणों को गर्व भी है।
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फोटो फाइल नंबर-9एसयूपी-4 मुखियाजी बोल
मुखिया जयप्रकाश पासवान का कहना है कि उनके कार्यकाल में पंचायत का चहुंमुखी विकास हुआ है। सभी क्षेत्रों में काम हुआ है। पंचायत में सड़कों का जाल बिछाया गया है। पुल-पुलिया का निर्माण कराया गया है। किसानों की तरक्की के लिए नहरी एवं माइनरों की सफाई कराई गई है। पंचायत सरकार भवन में लंबे समय तक शिविर लगाकर बुजुर्ग एवं विधवा पेंशन संबंधी कार्य किए गए। कबीर अंत्येष्टी एवं कन्या विवाह योजना के लाभुकों को ससमय राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण कराया गया है। कोरोना काल में घर-घर पहुंचकर लोगों को मास्क एवं साबुन तथा जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराया गया। जनवितरण प्रणाली की दुकानों की विशेष निगरानी की जा रही है ताकि लाभुकों को कोई दिक्कत नहीं हो। जो काम अधूरा है उसे पूरा किया जा रहा है इसमें ग्रामीणों का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है।
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क्या कहते हैं ग्रामीण
फोटो फाइल नंबर-9एसयूपी-5
युवा प्रशांत कुमार कहते हैं कि पंचायत में सड़कों पर अच्छा काम हुआ है, लेकिन इस पंचायत को एक आदर्श पंचायत का गौरव मिलना चाहिए। पंचायत में शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत दयनीय है। लोगों को इलाज के लिए 20-25 किलोमीटर वीरपुर या सिमराही जाना पड़ता है। रोजगार की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के चलते पलायन यहां के लोगों की मजबूरी हो गई है। जलनिकासी एवं सिचाई व्यवस्था सुदृढ़ होनी चाहिए। ---------------------------------
फोटो फाइल नंबर-9एसयूपी-8
युवा आशीष कुमार का कहना है कि पंचायत के बच्चों एवं युवाओं के लिए खेल मैदान की सख्त जरूरत है। उन्होंने बताया कि खेल मैदान के लिए करीब ढाई एकड़ सरकारी जमीन भी है। तत्कालीन जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने भगवानपुर दौरे के दौरान खेल मैदान बनाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक इसपर अमल नहीं हुआ है। ठाकुरबाड़ी की जमीन का लेखा-जोखा भी ग्रामीणों को उपलब्ध कराया जाए। सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त करवाए जाने की आवश्यकता है।
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ग्रामीण सकलदेव पौद्दार का कहना है कि वर्तमान मुखिया के कार्यकाल में पंचायत के विकास को गति मिली है। सड़कों का जाल बिछा है। वंचित टोले तक सड़क पहुंची है। अन्य क्षेत्रों में भी संतोषजनक विकास हुआ है।
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फोटो फाइल नंबर-9एसयूपी-7
पूर्व मुखिया बुजुर्ग एसआर सिन्हा का कहना है कि शिक्षा ही विकास की कुंजी है इसलिए पंचायत में शिक्षा व्यवस्था की हालत में सुधार किए जाने की आवश्यकता है। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी जल्द दूर हो। उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज की स्थापना की जाए ताकि खासकर क्षेत्र की बेटियों को सुलभ शिक्षा मिल सके। साथ ही रोजगार सृजन के लिए व्यावसायिक शिक्षा दिए जाने की जरूरत है।
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