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    Bihar Voter List 2025: लिस्ट से हटाए गए योग्य मतदाताओं को नए सिरे से भरना होगा फॉर्म, जानिए पूरी डिटेल

    भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सुपौल जिले में मतदाता पुनरीक्षण कार्य पूरा हो गया है। 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित मतदाता सूची से मृतकों स्थानांतरित और अनुपस्थित लोगों के नाम हटाए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने 14 अगस्त को अंतरिम आदेश जारी किया जिसके बाद हटाये गए मतदाताओं की सूची पंचायत कार्यालयों में चस्पा की जा रही है। बरुआरी पंचायत में 818 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।

    By Sanoj Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 18 Aug 2025 05:01 PM (IST)
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    सूची से नाम हटाए गए योग्य मतदाताओं को नए सिरे से भरना होगा फॉर्म

    जागरण संवाददाता, सुपौल। भारत निर्वाचन आयोग एवं बिहार निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिले में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण कार्य की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसी कड़ी में 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की गई, जिसमें कई कारणों से मतदाताओं के नाम हटाए गए। इनमें अस्थायी रूप से मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित, दोहरी प्रविष्टि सहित अन्य मामलों को प्रमुख आधार बनाया गया।

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    ज्ञात हो कि इस प्रक्रिया को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर हुई थी। इस पर भारत निर्वाचन आयोग ने 14 अगस्त को अंतरिम आदेश जारी किया। आदेश के आलोक में उन सभी निर्वाचकों की अलग सूची तैयार की गई है, जिनका नाम 2025 की प्रारूप प्रकाशन से पूर्व की मतदाता सूची में था, परंतु 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित सूची में हटा दिया गया है।

    निर्वाचन आयोग के निर्देश के तहत यह सूची अब विधानसभा क्षेत्रवार, मतदान केंद्रवार तैयार कर कारण सहित पंचायत कार्यालयों, प्रखंड कार्यालयों एवं नगर निकायों के सूचना पटल पर चस्पा की जा रही है।

    बरुआरी पंचायत में हटाए गए 818 मतदाता

    सदर प्रखंड की बरुआरी पंचायत भवन की दीवारों पर भी बीएलओ एवं पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में यह सूची प्रदर्शित की गई। इस कार्य की निगरानी बीएलओ पर्यवेक्षक अशोक कुमार कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बरुआरी पंचायत में कुल 11 मतदान केंद्र (344 से 354 तक) हैं।

    1 अगस्त 2025 की सूची के अनुसार यहां कुल मतदाता 8767 थे। पुनरीक्षण के बाद 818 मतदाताओं के नाम हटाए गए। इन मतदाताओं के नाम हटाने के कारणों में मृत लोगों को हटाया गया, अस्थायी रूप से बाहर जाना, लंबे समय से अनुपस्थित रहना, एक से अधिक जगह पर नाम होना (दोहरी प्रविष्टि) आवश्यक कागजात की कमी आदि शामिल है।

    पूर्व सूची में नाम रहने से स्वतः पुनः प्रविष्टि संभव नहीं

    पर्यवेक्षक ने बताया कि जिनका नाम सूची से हटाया गया है, वे यदि योग्य हैं तो उन्हें पुनः मतदाता सूची में शामिल होने के लिए नए सिरे से फॉर्म भरना होगा। केवल पूर्व सूची में नाम रहने से स्वतः पुनः प्रविष्टि संभव नहीं है।

    निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार यह प्रक्रिया राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर की जा रही है। हर प्रखंड और पंचायत में हार्ड कॉपी के रूप में मतदाता सूची चस्पा की जा रही है, ताकि कोई भी मतदाता जानकारी से वंचित न रह सकें।