बिहार में यहां बन रहा एक और रेलवे बाईपास, जंक्शन पर खत्म होगा इंजन बदलने का झंझट
सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड पर बैजनाथपुर से झाझा तक बन रहे बाईपास रेल मार्ग पर बरसात के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की संभावना है। रेल बांध का निर्माण पूरा हो गया है और मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हो गया है। बाईपास के शुरू होने से सरायगढ़ जंक्शन पर इंजन बदलने का झंझट खत्म हो जाएगा जिससे यात्रियों का समय बचेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड पर बैजनाथपुर रेलवे हॉल्ट से झाझा गांव तक बनाए जा रहे बाईपास रेल मार्ग से बरसात के बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की संभावना है। रेलवे इस निर्माण कार्य को तेज गति से आगे बढ़ा रहा है। रेल अधिकारियों का मानना है कि इस बाईपास रेल के शुरू होने से यात्रियों का न केवल समय बचेगा, बल्कि परिचालन व्यवस्था भी सुगम होगी।
पूरा हुआ रेल बांध, शुरू हुआ मालगाड़ी का परिचालन
सूत्रों के अनुसार बैजनाथपुर से झाझा के बीच रेल बांध का निर्माण पूरा कर लिया गया है। फिलहाल इस पर मालगाड़ियों का आवागमन शुरू किया गया है। मालगाड़ी संचालन से निर्माण कार्य के लिए आवश्यक सामग्रियों की ढुलाई सरल हो गई है।
निर्माण से जुड़े लोगों ने बताया कि बरसात के बाद इसी पटरी से यात्री गाड़ियों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद सहरसा से दरभंगा, पटना और अन्य दूरियों के लिए ट्रेनों को सरायगढ़ जंक्शन तक नहीं आना पड़ेगा।
सरायगढ़ जंक्शन पर खत्म होगा इंजन बदलने का झंझट
वर्तमान में सहरसा से दरभंगा जाने वाली सभी ट्रेनें सरायगढ़ जंक्शन होकर गुजरती हैं। यहां इंजन को आगे–पीछे करना पड़ता है, जिससे यात्रा में विलंब होता है।
विभाग का कहना है कि बाईपास के शुरू हो जाने के बाद इंजन बदलने की आवश्यकता नहीं होगी और ट्रेनों को सीधा मार्ग मिलेगा। इससे समय की बचत होगी और परिचालन भी अधिक प्रभावी तरीके से हो सकेगा।
वर्षों से लंबित प्रोजेक्ट अब पटरी पर
जानकारी के मुताबिक जब दरभंगा-सरायगढ़ बड़ी रेल लाइन का शिलान्यास हुआ था, तभी निर्मली स्टेशन से आगे झाझा गांव के पास से बैजनाथपुर तक बाईपास रेल बनाने की योजना बनाई गई थी। हालांकि बीच में कार्य की रफ्तार धीमी हो गई थी, लेकिन अब विभाग इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने की दिशा में जुटा है।
बैजनाथपुर स्टेशन पर वॉशिंग पिट की मांग
स्थानीय लोगों ने बैजनाथपुर रेलवे हॉल्ट, जो अब स्टेशन का रूप ले चुका है, के अगल–बगल वॉशिंग पिट बनाने की मांग उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि स्टेशन के आसपास रेलवे की काफी जमीन उपलब्ध है। यदि वहां वाशिंग पिट का निर्माण हो जाए तो न केवल ट्रेनों की धुलाई-मरम्मत का कार्य सुगमता से होगा, बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
बरसात के बाद बैजनाथपुर–झाझा बाईपास रेल मार्ग पर यात्री गाड़ियों का परिचालन शुरू होते ही क्षेत्र के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। समय की बचत, इंजन बदलने की परेशानी से छुटकारा और रोजगार की संभावनाओं से यह बाईपास रेल न सिर्फ रेलवे के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी वरदान साबित होगा।
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