Bihar Teacher News: 'खेला' करने वाले 534 शिक्षकों पर गिरी गाज, DEO ने रोकी सैलरी; शोकॉज नोटिस जारी
सरकार द्वारा ई-शिक्षा कोष ऐप शुरू करने के बावजूद सुपौल जिले में 543 शिक्षकों ने 8 जुलाई को ऐप पर उपस्थिति दर्ज नहीं की। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी शिक्षकों का वेतन रोक दिया है और स्पष्टीकरण मांगा है। यह देखना होगा कि क्या इन शिक्षकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की जाती है।

जागरण संवाददाता, सुपौल। बेशक सरकार और विभाग ने शिक्षकों के समय से नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने को लेकर ई-शिक्षा कोष जैसा ऐप लॉन्च कर रखा है, बावजूद शिक्षक हैं कि वे अब भी इस व्यवस्था को धता बताने से बाज नहीं आ रहे हैं। स्थिति है कि चौतरफा निगरानी के बाद भी शिक्षक बिना सूचना विद्यालय से गायब रह रहे हैं।
जिले में कुछ ऐसा ही मामला तब सामने आया है जब विभाग ने 8 जुलाई के शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति दर्ज करने वाले ई-शिक्षा कोष ऐप की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि इस दिन जिले के 543 शिक्षकों ने ऐप पर अपनी उपस्थिति दर्ज ही नहीं की है। इन सभी शिक्षकों का ऐप पर न सेल्फ अटेंडेंस और न ही मार्क ऑन ड्यूटी दर्ज है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने का मन बना लिया है। फिलहाल, डीईओ ने संबंधित शिक्षकों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को आदेश जारी करते हुए इन सभी शिक्षकों से तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांग कर अपने मंतव्य के साथ कार्यालय को समर्पित करने को कहा है। डीईओ ने तत्काल इन सभी 543 शिक्षकों का 8 जुलाई का नो वर्क नो पे के सिद्धांत पर वेतन को स्थगित कर दिया है।
दरअसल, ई शिक्षा कोष के माध्यम से 8 जुलाई को जिले के शिक्षकों द्वारा बनाई गई दैनिक उपस्थिति की जब समीक्षा की गई तो पाया गया कि जिले के 543 शिक्षकों की हाजिरी न सेल्फ अटेंडेंस और न ही मार्क ऑन ड्यूटी दर्ज है। ऐसे में जिला शिक्षा पदाधिकारी का मानना है कि यह सभी शिक्षक 8 जुलाई को विद्यालय से बिना सूचना के अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहे हैं।
फिलहाल, डीईओ ने संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश जारी कर ऐसे सभी शिक्षकों से तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण व अपने मनतव्य के साथ समर्पित करने को कहा है। अब देखने वाली बात होगी कि विभागीय निर्देश को ठेंगा दिखाने वाले ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई होती है या पहले की तरह ही महज कागजी प्रक्रिया पूरी कर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
वैसे विभाग जो दावा कर ले, फिलहाल शिक्षकों का बिना सूचना विद्यालय से गायब रहने पर पूर्ण विराम नहीं लग पाया है। ऐसे कई शिक्षक हैं जो ऐप के माध्यम से हाजिरी दर्ज कर विद्यालय से फरार हो जाते हैं।
कई बार अधिकारियों के निरीक्षण में इस तरह के मामले सामने आए हैं। हालांकि, ऐसे शिक्षकों से स्पष्टीकरण भी मांग गया है, लेकिन इसके बाद क्या कार्रवाई हुई है, इसका पता किसी को नहीं चल पाता है। इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
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