Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुपौल में 250 एकड़ भूमि पर लगाए जाएंगे उद्योग, मिलेगा रोजगार; जमीन का होगा सोशल ऑडिट

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 03:41 PM (IST)

    बिहार सरकार सुपौल जिले के सरायगढ़ प्रखंड में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए 250 एकड़ जमीन के अधिग्रहण हेतु सोशल ऑडिट किया ...और पढ़ें

    Hero Image

    जमीन का होगा सोशल ऑडिट। (जागरण)

    संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। सरकार राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगातार प्रयासरत है।

    इसी कड़ी में सुपौल जिले के सरायगढ़ प्रखंड में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर मंगलवार को सोशल ऑडिट का आयोजन किया जा रहा है।

    यह सोशल ऑडिट सरायगढ़ भपटियाही स्थित टीसीपी भवन के प्रांगण में किया जाएगा, जहां औद्योगिक क्षेत्र से प्रभावित सभी जमीन मालिकों को अपनी बात खुलकर रखने का अवसर मिलेगा।

    प्रस्तावित योजना के तहत सरायगढ़ प्रखंड क्षेत्र में करीब 250 एकड़ जमीन पर औद्योगिक इकाइयां स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। इस योजना के माध्यम से न केवल क्षेत्र का औद्योगिक विकास होगा, बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकार का मानना है कि उद्योगों की स्थापना से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और पलायन पर भी रोक लगेगी। औद्योगिक क्षेत्र की जमीन के सोशल ऑडिट का जिम्मा ललित नारायण मिश्रा आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान, पटना को सौंपा गया है।

    संस्थान के अधिकारी निर्धारित समय पर टीसीपी भवन में उपस्थित रहेंगे और औद्योगिक क्षेत्र से प्रभावित जमीन मालिकों के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे। इस दौरान जमीन मालिकों की समस्याएं, सुझाव, आपत्तियां एवं अपेक्षाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा, ताकि आगे की प्रक्रिया में उन्हें शामिल किया जा सके।

    इस संबंध में जानकारी देते हुए अंचल अधिकारी धीरज कुमार ने बताया कि सोशल ऑडिट का कार्य मंगलवार सुबह 11 बजे से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया है, जिसमें प्रभावित लोगों की राय को विशेष महत्व दिया जाता है।

    अनसुनी नहीं की जाएगी जमीन मालिक की बात

    अंचल अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी जमीन मालिक की बात अनसुनी नहीं की जाएगी और सभी को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिलेगा। अंचल अधिकारी ने औद्योगिक क्षेत्र के लिए जिन-जिन जमीन मालिकों की भूमि प्रभावित हो रही है, उन सभी से अपील की है कि वे सोशल ऑडिट में अनिवार्य रूप से भाग लें।

    उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जमीन मालिकों के हितों की रक्षा के लिए ही की जा रही है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की असमंजस या विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो। सोशल ऑडिट के माध्यम से जमीन मालिकों की सहमति, मुआवजा, पुनर्वास और अन्य सामाजिक पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि औद्योगिक क्षेत्र सही तरीके से विकसित होता है, तो इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। छोटे व्यापारियों, मजदूरों और युवाओं को काम मिलेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। हालांकि कुछ जमीन मालिक अपनी भूमि को लेकर आशंकित भी हैं, जिसे लेकर वे सोशल ऑडिट में अपनी राय रखने की तैयारी कर रहे हैं।

    उल्लेखनीय है कि सुपौल जिले में यह अकेला औद्योगिक क्षेत्र नहीं होगा। जिले का दूसरा प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र पिपरा प्रखंड के बिशनपुर पंचायत में विकसित किया जा रहा है, जहां करीब 248 एकड़ जमीन चिह्नित एवं अधिकृत की गई है।

    बिशनपुर में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र के विकास से भी जिले को औद्योगिक नक्शे पर एक नई पहचान मिलने की उम्मीद है।
    प्रशासन का कहना है कि दोनों औद्योगिक क्षेत्रों के विकसित होने से सुपौल जिला औद्योगिक दृष्टि से मजबूत होगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

    फिलहाल सरायगढ़ में आयोजित होने वाला यह सोशल ऑडिट औद्योगिक परियोजना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि जमीन मालिक सोशल ऑडिट में क्या राय रखते हैं और आगे की प्रक्रिया किस दिशा में बढ़ती है।