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    पथ निर्माण विभाग ने किया बर्खास्त, भवन निर्माण मान रहा अभियंता

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 19 Aug 2019 06:56 PM (IST)

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    पथ निर्माण विभाग ने किया बर्खास्त, भवन निर्माण मान रहा अभियंता

    -11 वर्ष पूर्व भवन निर्माण विभाग के दो कनीय अभियंताओं को सरकारी राशि गबन के मामले में किया गया था बर्खास्त

    जागरण संवाददाता, सुपौल: सरकारी राशि के गबन एवं सेवा से बर्खास्त दो कनीय अभियंता पर वरीय पदाधिकारी के मेहरबान होने का एक मामला प्रकाश में आया है। सरकार के द्वारा 11 वर्ष पूर्व भवन निर्माण विभाग के दो कनीय अभियंता को सरकारी राशि के गबन के मामले में निगरानी एवं लोकायुक्त के आदेश पर सेवा से बर्खास्त किए जाने के बावजूद आज भी सेवा में बने रहने के आधार पर विभागीय पत्राचार किए जाने का मामला सूचना के अधिकार के तहत सामने आया है। भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के अनिल कुमार सिंह के द्वारा मांगी गई सूचना के आलोक में भवन निर्माण विभाग भवन प्रमंडल सुपौल के कार्यपालक अभियंता के द्वारा दी गई सूचना से मामले का खुलासा हुआ है।

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    11 वर्ष पूर्व ही गबन के मामले में दो कनीय अभियंता हुए थे बर्खास्त

    मनोज कुमार रंजन तत्कालीन कनीय अभियंता भवन प्रमंडल सुपौल के पदस्थापन काल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्मली एवं मरौना की विशेष मरम्मती कार्य हेतु 30 मार्च 2004 को 3 लाख रुपये की अग्रिम सहायक अभियंता से प्राप्त किया। अग्रिम राशि 18 महीने से अपने पास रखकर अभियंता द्वारा कार्य स्थल पर कोई कार्य नहीं कर सरकारी राशि के गबन के मामले में लोकायुक्त बिहार पटना ने अपने पत्रांक 1259 दिनांक 26 मई 2006 के द्वारा विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया। सरकार के निर्णय के आलोक में अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त सह विशेष सचिव पथ निर्माण विभाग ने बिहार पटना ने अपने कार्यालय ज्ञापांक 477 दिनांक 31 जनवरी 2008 के द्वारा मनोज कुमार रंजन कनीय अभियंता को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

    महेश दास कनीय अभियंता भवन प्रमंडल सुपौल के पदस्थापन काल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण की विशेष मरम्मती कार्य हेतु 5 मार्च 2003 को एक लाख 36 हजार का अग्रिम कार्यपालक अभियंता से प्राप्त किया। अग्रिम राशि 30 महीनों से अपने पास रख कर अभियंता द्वारा कार्य स्थल पर कार्य नहीं कर सरकारी राशि का गबन किया गया। निगरानी विभाग एवं लोकायुक्त बिहार पटना के आदेश के अनुपालन में अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त सह विशेष सचिव ने अपने कार्यालय आदेश ज्ञापांक 513 दिनांक 1 फरवरी 2008 के द्वारा महेश दास कनीय अभियंता को तात्कालिक प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया।

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    11 वर्ष पूर्व बर्खास्त अभियंता को विभागीय पदाधिकारी मानते हैं अभियता

    सरकार के अवर सचिव भवन निर्माण विभाग बिहार पटना ने अपने कार्यालय पत्रांक 1460 दिनांक 7 फरवरी 2019 के द्वारा कार्यपालक अभियंता सुपौल को पत्र लिख कर उपकारा वीरपुर एवं जिमनाजियम तथा स्टेडियम निर्माण में सरकारी राशि के गबन के दोषी अभियंता से वसूली हेतु नीलाम पत्र दायर करने का आदेश दिया गया है। पत्र में स्पष्ट रूप से मनोज कुमार रंजन एवं महेश दास को कनीय अभियंता मान कर क्रमश: 14 लाख 52 हजार 827 रुपया तथा 8 लाख 38 हजार 799 रुपया वसूली का आदेश दिया गया है। कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल सुपौल ने अपने कार्यालय पत्रांक 1022 दिनांक 28 जुलाई 2008 के द्वारा थानाध्यक्ष वीरपुर को प्राथमिकी दर्ज कराया गया है। उसमें भी मनोज कुमार रंजन एवं महेश दास को कनीय अभियंता ही बताया गया है। अधीक्षण अभियंता ने अपने कार्यालय पत्रांक 625 दिनांक 7 जुलाई 2008 के द्वारा कार्यपालक अभियंता को पत्र लिख कर दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। पत्र में मनोज कुमार रंजन एवं महेश दास को कनीय अभियंता भवन प्रमंडल सुपौल बताया गया है। वीरपुर थाना कांड संख्या 125/2008 दिनांक 5 अगस्त 2008 में अभियुक्त के नाम में कनीय अभियंता भवन प्रमंडल सुपौल अंकित किया गया है।

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    सूचना अधिकार के तहत मामला हुआ उजागर

    भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के अनिल कुमार सिंह के द्वारा 16 जुलाई 2019 एवं 31 जुलाई 2019 के द्वारा सूचना अधिकार के तहत कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल सुपौल से कनीय अभियंता मनोज कुमार रंजन एवं महेश दास के संबंध में जानकारी मांगी गई। कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग, भवन प्रमंडल सुपौल के द्वारा अपने पत्रांक 1425 दिनांक 29 जुलाई 2019 को जो सूचना उपलब्ध कराया गया है उसमें आज भी मनोज कुमार रंजन एवं महेश दास को कनीय अभियंता मान कर दिया गया है। जबकि कार्यपालक अभियंता भवन प्रमंडल सुपौल ने अपने कार्यालय पत्रांक 1531 दिनांक 9 अगस्त 2019 के द्वारा जो सूचना आवेदक अनिल कुमार सिंह को उपलब्ध कराई गई है उसमें स्पष्ट है कि कनीय अभियंता मनोज कुमार रंजन को 31 जनवरी 2008 एवं कनीय अभियंता महेश दास को 01 फरवरी 2008 से ही पथ निर्माण विभाग बिहार पटना ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है।