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    किसानों के लिए खुशखबरी! अब गांव में ही मिलेगी मिट्टी जांच की सुविधा, सरकार दे रही 100 प्रतिशत अनुदान

    सुपौल के किसानों के लिए खुशखबरी है! अब उन्हें मिट्टी की जांच के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे। सरकार गांवों में ही मिनी लैब स्थापित करेगी जिसके लिए किसानों को अनुदान मिलेगा। इन लैबों में मिट्टी के 12 तत्वों की जांच होगी और किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड भी मिलेगा जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा।

    By Sunil Kumar Edited By: Krishna Parihar Updated: Wed, 20 Aug 2025 06:46 PM (IST)
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    अब प्रत्येक प्रखंड के एक गांव में होगी मिट्टी जांच प्रयोगशाला

    संवाददाता जागरण, सुपौल। अब अन्नदाताओं को मिट्टी जांच कराने को लेकर जिला कृषि कार्यालय स्थित मिट्टी जांच प्रयोगशाला का चक्कर नहीं काटना होगा। यह सुविधा उन्हें अब अपने ही प्रखंड के किसी राजस्व गांव में मिलेगी। इसके लिए गांवों में मिनी लैब स्थापित किए जाएंगे।

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    नए प्राविधान के अनुसार निजी तौर पर मिनी लैब स्थापित करने का मौका किसानों को दिया जा रहा है। जिले के प्रत्येक प्रखंड में प्रति परियोजना की लागत एक लाख 50 हजार रुपये है। इस पर इच्छुक लाभुक को शत-प्रतिशत अनुदान मिलेगा।

    चयनित किसान को आदेश मिलते ही जांच लैब तैयार करना होगा। इसके लिए ग्लास वेयर, केमिकल, कम्प्यूटर, प्रिंटर आदि का सेटअप तैयार करना होगा। लैब तैयार होने की सूचना विभाग को देनी होगी, जहां से गठित टीम प्रयोगशाला के मानकों की जांच करेगी।

    इसके बाद अनुदान की राशि डीबीटी के माध्यम से दी जाएगी। फिलहाल जिले में इच्छुक लोगों से विभाग ने आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं।

    प्रयोगशाला में 12 तत्वों की होगी जांच

    ग्रामीण स्तर पर खुलने वाली मिनी मिट्टी जांच प्रयोगशाला में सभी 12 तत्वों की जांच हो सकेगी। प्रयोगशाला में मिट्टी में पाए जाने वाले नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक, आयरन, बोरान, मैग्नीज, कॉपर, मालीबेडनम व क्लोरीन की जांच होगी।

    वैज्ञानियों की मानें तो मिट्टी की अच्छी सेहत के लिए 16 तत्वों की आवश्यकता होती है। मिट्टी को कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन वातावरण व जल से उपलब्ध होते हैं, शेष पोषक तत्व अन्य स्त्रोत से पूरा होता है।

    किसानों को उपलब्ध हो सकेगा स्वायल हेल्थ कार्ड

    विभाग की मानें तो ग्रामीण स्तर पर खुलने वाले मिनी मिट्टी जांच प्रयोगशाला में विभिन्न उपकरणों की आवश्यकता नहीं होगी। यहां किट के माध्यम से खेतों की मिट्टी जांच कर करीब आधे घंटे में किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड उपलब्ध हो सकेगा। जबकि मिट्टी जांच की प्रक्रिया में लैब में चार से पांच दिनों का समय लगता है।

    सरकारी स्तर पर दिया जाएगा अनुदान

    मृदा जांच की सुलभता को लेकर किसानों के माध्यम से मिनी लैब स्थापित किया जाना है। लैब स्थापना को लेकर किसानों को सरकारी स्तर पर अनुदान दिया जाएगा।

    गांवों में मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना का उद्देश्य है कि मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार एवं किसानों की आय में वृद्धि करने के साथ ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार का सृजन करना। साथ ही मिट्टी जांच में लगने वाले समय को कम करना और किसानों को उनके द्वार पर मिट्टी जांच की सुविधा उपलब्ध कराना है।

    जिले के सभी प्रखंडों के एक एक राजस्व गांव में मिनी मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। इसके लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। इस लैब की स्थापना के लिए विभाग द्वारा शत-प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। यहां किसान निशुल्क मिट्टी जांच करवा कर स्वायल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। - अमितेश कुमार सहायक निदेशक रसायन  मिट्टी जांच प्रयोगशाला, सुपौल