Updated: Fri, 25 Jul 2025 06:29 PM (IST)
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने राघोपुर में बिहार बदलाव सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के लोगों ने मंदिर और जाति के नाम पर वोट दिया। उन्होंने जनता से अपील की कि वे नेताओं को देखकर नहीं बल्कि शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें। किशोर ने दिसंबर 2025 से हर बुजुर्ग को पेंशन और गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने का वादा किया।
संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल)। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने शुक्रवार को निर्मली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राघोपुर के लखीचंद साहू उच्च विद्यालय मैदान में आयोजित बिहार बदलाव सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बिहार के नागरिकों ने प्रधानमंत्री मोदी को मंदिर के लिए वोट दिया, जो अब बन चुका है।
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उन्होंने आगे कहा कि जाति के नाम पर वोट देने पर नीतीश कुमार ने जाति गणना कराई। पीएम मोदी बिहार के लोगों का वोट लेकर और देश भर का पैसा लेकर अपने राज्य गुजरात में फैक्ट्रियां स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपने अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट नहीं दिया, जिसके कारण आपके बच्चे गुजरात में जाकर उन फैक्ट्रियों में मजदूरी कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। उन्होंने कहा कि अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए नेताओं के चेहरों को देखकर वोट न करें, बल्कि शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें।
पीके ने कहा कि इस साल छठ के बाद युवाओं को मजदूरी के लिए अपने घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें बिहार में ही 10-12 हजार रुपये का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार के लोगों को लालू जी से सीखना चाहिए कि बच्चों की चिंता क्या होती है। उन्होंने बताया कि लालू जी का बेटा 9वीं पास भी नहीं है, फिर भी वह चाहते हैं कि उनका बेटा राजा बने। दूसरी ओर, बिहार के कई लोग जिनके बच्चे मैट्रिक, बीए, एमए कर चुके हैं, उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है।
उन्होंने वादा किया कि दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को दो हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं होगा, तब तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी, और उनकी फीस सरकार भरेगी, ताकि गरीब बच्चे भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सकें।
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