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    पप्पू यादव सुपौल में अग्निकांड पीड़ि‍तों से मिले, बोले- आपदा पीड़ितों के लिए सरकार के पास नहीं है ढंग की योजना

    By Rajesh Kumar SinghEdited By: Prateek Jain
    Updated: Sat, 01 Apr 2023 06:48 PM (IST)

    Pappu Yadav In Supaul जिले के पिपरा प्रखंड के जोल्हनिया के दसियाबही में बीते दिनों भीषण अग्निकांड में कई दर्जन घर जलकर राख हो गए थे। अग्निपीड़ितों का ...और पढ़ें

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    पीड़ितों को राहत सामग्री देते पूर्व सांसद पप्पू यादव।

    सुपौल, जागरण संवाददाता: जिले के पिपरा प्रखंड के जोल्हनिया के दसियाबही में बीते दिनों भीषण अग्निकांड में कई दर्जन घर जलकर राख हो गए थे।

    अग्निपीड़ितों का हाल जानने जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव जोल्हनिया पहुंचे।

    पीड़ि‍त परिवारों को मिलेगा सीएम आवास: पप्‍पू यादव 

    इस दौरान उन्होंने जहां अग्निपीड़ितों की मदद की वहीं मंत्री से बात की। उन्होंने कहा कि सरकार के पास आपदा के शिकार लोगों के लिए कोई ढंग की योजना नहीं है।

    पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार के लोगों के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के लिए मंत्री से बात भी की।

    उन्होंने कहा कि जिनका घर जला है, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर दिया जाएगा। पीड़ितों की संख्या लगभग 67 है।

    परिवारों को दी आर्थि‍क मदद

    बताया कि चार बच्ची की शादी के लिए उन्होंने पार्टी की ओर से 10-10 हजार रुपये की मदद की। सभी परिवार को पैसे, मूढ़ी-चूड़ा, कपड़े आदि की व्यवस्था की। रोजेदारों के लिए भी उन्होंने मदद की। पप्‍पू यादव ने कहा कि सरकार की नीति खराब है। सरकार के पास आपदा के शिकार लोगों के लिए कोई ढंग की योजना नहीं है।

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    बता दें कि दसियावही गांव में मंगलवार की दोपहर अगलगी की यह भीषण घटना हुई थी। घटना की जानकारी अग्निशामक दस्ते को मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचा, लेकिन आग इतनी जबरदस्त लग चुकी थी कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था।

    आग बुझाने के लिए करनी पड़ी थी मशक्‍कत

    ग्रामीण एवं अग्निशामक दल के द्वारा लगभग एक घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। घटना की जानकारी पर अधिकारियों ने भी वहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था।

    इधर, प्रशासन द्वारा भी पीड़ितों को मदद पहुंचाई गई है। स्थानीय स्तर पर भी मदद के लिए हाथ पीड़ितों तक पहुंच रहे हैं। दुख की इस घड़ी में मददगारों को देख पीड़ितों के आंसू छलक पड़ते हैं और वे दिल से दुआएं देते हैं।