Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमात जाति को सरकार दें अनुसूचित जाति-जनजाति का दर्जा

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 20 Sep 2019 12:43 AM (IST)

    प्रखंड क्षेत्र के दिघिया पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रांगण में सरवन कुमार राय की अध्यक्षता में बुधवार को अमात विकास समिति के सदस्यों की एक बैठक संपन्न हुई। बैठक में अमात जाति के विकास के मुद्दे पर चर्चा किया गया।

    अमात जाति को सरकार दें अनुसूचित जाति-जनजाति का दर्जा

    सुपौल। प्रखंड क्षेत्र की दिघिया पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रांगण में सरवन कुमार राय की अध्यक्षता में बुधवार को अमात विकास समिति के सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में अमात जाति के विकास के मुद्दे पर चर्चा की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. महानारायण राय ने अमात जाति समुदाय से कहा कि 17 जाति को अनुसूचित जाति व जनजाति में शामिल करने का प्रयास विभिन्न संगठनों द्वारा बहुत दिनों से किया जा रहा था। जिसमें सबसे आर्थिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि में से कमजोर अमात जाति है। दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 10 जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के वास्ते बिहार सरकार अपना अनुमोदन केंद्र सरकार को भेज चुकी है। अमात जाति को पुन: बिहार सरकार द्वारा छोड़ दिया गया है। जिसका पुरजोर विरोध संगठन कर रही है। भारत सरकार द्वारा पिछड़ी जाति की स्थिति का आकलन करने के लिए वर्ष 1953-55 में कमीशन का गठन किया गया। इस कमीशन में अमात जाति को जनजाति कहते हुए अत्यंत पिछड़ा जाति में वर्गीकृत किया गया। यद्यपि भारत सरकार इस कमीशन की रिपोर्ट को राजनीतिक कारणों से स्वीकार नहीं किया था। वर्ष1971 में बिहार सरकार द्वारा पिछड़ी जाति के आकलन के लिए मुंगेरी लाल कमीशन गठित किया। इस कमीशन की रिपोर्ट में अमात जाति को खेतिहर मजदूर तथा उच्च वर्ग के लोगों की सेवा करने वाला बताया था। कहा कि हमारा कोई सक्षम प्रतिनिधि नहीं है। जो हमारे समाज की समस्या को लोकसभा व विधानसभा में सरकार के समक्ष रख सके। इसी कारण अमात जाति की उपेक्षा हो रही है। जिस कारण अमात विकास समिति अपने स्तर से सभी जिलों में कार्यक्रम करके अमात जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग सरकार से कर रही है। उन्होंने कहा कि अमात जाति अनुसूचित जनजाति है। विभिन्न आयोगों ने अपने रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। गांव एवं पंचायत के लोगों को संगठन की मजबूती के लिए एकत्रित होना होगा। राज्य स्तर पर अपने संगठन के बलबूते बिहार सरकार के समक्ष एक बार फिर अपनी मांगों को रखने की जरूरत है। बैठक को राष्ट्रीय अध्यक्ष कंटीर कुमार राय, प्रो. गौरीशंकर राय, जयकांत राय, राजू राय, रितेश राय, रामचंद्र राय, शंभू राय, शिबू राय, दिनेश राय, विनोद कुमार राय, कुशेश्वर राय, राधेश्याम मंडल, हरिश्चंद्र राय, धर्मनाथ राय, अशोक कुमार राय आदि ने भी संबोधित किया।