Mango Farming In Supaul: 35 हेक्टेयर में लगेगा आम का बगीचा, किसानों को मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान
जिला उद्यान पदाधिकारी बताती हैं कि एक हेक्टेयर में एक सौ पौधे लगते हैं इस हिसाब से 35 सौ पौधे लगाए जाने हैं। एक किसान अधिकतम दो हेक्टेयर और न्यूनतम 0.10 हेक्टेयर में पौधे लगाने के लिए अनुदान दिया जाएगा। एक हेक्टेयर पर 30 हजार रुपये अनुदान का प्रविधान है जो तीन किस्तों में देय होगा। पहले साल 18 हजार और दूसरे-तीसरे साल छह-छह हजार का भुगतान किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, सुपौल। जिले में आम की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग ने नई तैयारी की है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में 35 हेक्टेयर में आम के बागान लगाए जाने का लक्ष्य मिला है। इसपर किसानों को 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा।
20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान की राशि अनुशंसित है। अनुदान की राशि तीन किस्तों में दी जाएगी। पहले साल 60 फीसद और दूसरे और तीसरे साल 20-20 फीसद अनुदान की राशि दी जाएगी। इसके लिए विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है।
'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर होगा किसानों का चयन
किसानों का चयन 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर किया जाएगा। आम के उत्पादन में जिले का महत्वपूर्ण स्थान है। इसका कारण यहां की मिट्टी और जलवायु भी है। यहां के बागों में तरह-तरह के किस्मों के आम पाए जाते हैं। बाहर के व्यापारी भी यहां आम खरीदने आते हैं। हालांकि, बढ़ती जनसंख्या और बाजारीकरण के दौर में काफी संख्या में पौधे काटे भी गए हैं।
इसे देखते हुए विभाग ने इसको बढ़ावा देने का फैसला लिया है। इसमें पौधे विभाग की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे। ये आम की किस्म बंबई और मालदह के होंगे। देसी किस्म होने के कारण इनके पौधों के रखरखाव में अधिक खर्च और परेशानी की बात भी नहीं रहेगी। पूर्व से ये किस्में यहां बहुतायत उपलब्ध हैं।
जिला उद्यान पदाधिकारी ने दी जानकारी
जिला उद्यान पदाधिकारी डॉ. अमृता कुमारी बताती हैं कि एक हेक्टेयर में एक सौ पौधे लगते हैं इस हिसाब से 35 सौ पौधे लगाए जाने हैं। एक किसान अधिकतम दो हेक्टेयर और न्यूनतम 0.10 हेक्टेयर में पौधे लगाने के लिए अनुदान दिया जाएगा। एक हेक्टेयर पर 30 हजार रुपये अनुदान का प्रविधान है जो तीन किस्तों में देय होगा। पहले साल 18 हजार और दूसरे और तीसरे साल छह-छह हजार का भुगतान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इच्छुक किसान विभाग के पोर्टल हार्टिकल्चर.बीआइएच.जीओवी.इन (https://horticulture.bihar.gov.in/) पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ किसानों को किसान पंजीयन रसीद, जमीन का अद्यतन रसीद और फोटो अपलोड करना होगा।
विभाग की इस नई योजना से जहां आम की फसल का रकबा बढ़ेगा वहीं पर्यावरण संरक्षण में भी यह मददगार साबित होगी।
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