सुपौल में 14 करोड़ में बना अस्पताल भवन बारिश में बेहाल, ओपीडी से ओटी तक पानी ही पानी
सुपौल के त्रिवेणीगंज में भारी बारिश के कारण अनुमंडलीय अस्पताल का नया भवन जलमग्न हो गया। 14 करोड़ से अधिक की लागत से बने इस भवन में ओपीडी ओटी और प्रसव कक्ष सहित सभी जगह पानी भर गया। मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। भवन की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पहले भी शिकायतें की गई थीं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज (सुपौल)। शनिवार की शाम हुई भारी बारिश ने अनुमंडलीय अस्पताल के नए मॉडल भवन की गुणवत्ता की पोल खोल दी। विगत वर्षों 14 करोड़ 36 लाख की लागत से बना यह बहुचर्चित भवन कुछ घंटों की बारिश में ही पूरी तरह जलमग्न हो गया।
अस्पताल का ओपीडी, ओटी, प्रसव कक्ष, इमरजेंसी और एक्स-रे रूम सहित हर जगह फर्श पर पानी जमा था। डॉक्टर, नर्स और मरीजों को पानी में पैर रखकर काम करना पड़ा।
बारिश के बाद अस्पताल परिसर का नजारा किसी बड़े जलजमाव ग्रस्त क्षेत्र जैसा था। न मरीजों के लिए सूखी जगह बची थी, न स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल। वार्ड में भर्ती मरीजों की स्थिति और भी दयनीय रही।
चारों तरफ पानी ही पानी
बेड पर ही रहकर समय गुजारने की मजबूरी थी। क्योंकि हर ओर पानी भरा हुआ था। जरूरी काम से ही मरीज एवं उनके परिजनों बेड से उतरना मुनासिब समझ रहे थे। वहीं, सबसे अधिक परेशानी कर्मियों को हो रही थी। उन्हें पानी से होकर मरीजों की सेवा करनी पड़ी। यह स्थिति सिर्फ पहली बार नहीं हैं। बल्कि हर साल का स्थायी संकट बन चुका है।
लेकिन इसको लेकर अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं हैं। जिसका खामियाजा अस्पताल कर्मियों के अलावा मरीजों एवं उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज एवं परिजनों गीता देवी, प्रभा देवी, समीना खातून, निफत प्रवीण, फरहा प्रवीण, मनोज पंडित और मुकेश कुमार मुन्ना आदि ने बताया कि हर कमरे में पानी भर गया है और खड़ा रहना तक मुश्किल हो गया है।
यहां तक कि ओटी और प्रसव कक्ष में पानी जमा है। एक्स-रे कक्ष में तैनात गजेन्द्र कुमार ने बताया कि अस्पताल का कोई कोना बारिश के पानी से अछूता नहीं है। वहीं, ड्यूटी पर मौजूद जीएनएम सुनैना कुमारी ने बताया कि थोड़ी देर पहले हालात और भी खराब थे। हम लोग बारिश के जमे पानी में खड़े होकर ड्यूटी कर रहे हैं।
गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल
स्थानीय लोगों के अनुसार, भवन निर्माण के समय ही गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे थे। वर्ष 2021 में तैयार हुए इस भवन में दो साल के भीतर ही सीलन और पानी रिसाव की समस्याएं सामने आने लगी थीं। विभाग को शिकायतें दी गईं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परिणामस्वरूप पुनः तेज बारिश ने करोड़ो की लागत से बने अस्पताल भवन पर सवाल खड़े कर दिए।
स्वास्थ्य प्रबंधक अदीब अहमद ने बताया कि भवन वर्ष 2022 में विभाग को हैंडओवर किया गया था। पहले भी बारिश के दौरान हल्की परेशानी हुई थी, जिसे ठीक कराया गया। इस बार ऐसी समस्या पहली बार हुई हैं। संभवतः नाला जाम हो गया हो, जिससे पानी का निकास नहीं हो पाया।
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