Supaul News: एक्शन में शिक्षा विभाग, एकसाथ 248 टीचरों को भेजा नोटिस
शिक्षा विभाग ने 248 शिक्षकों को एक साथ शो-कॉज नोटिस जारी किया है। इन शिक्षकों ने 29 मार्च 2025 को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई थी। मांगे गए स्पष्टीकरण में विद्यालय प्रधानाध्यापक के अलावा प्रभारी प्रधानाध्यापक और सहायक शिक्षक शामिल हैं। इससे पहले भी समीक्षा के दौरान पहली बार 1228 तथा दूसरी बार 385 शिक्षकों से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगे जा चुके हैं।

जागरण संवाददाता, सुपौल। विभाग के सख्त निर्देश के बाद भी ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षक उपस्थिति दर्ज करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जब कभी भी विभाग द्वारा ऑनलाइन हाजिरी की समीक्षा की जाती है तो सैकड़ों शिक्षकों की हाजिरी पोर्टल पर शून्य दिखाई पड़ती है।
फिलहाल विभाग ने एक बार फिर ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों की खबर ली है। 29 मार्च को पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले ऐसे 248 शिक्षकों से विभाग ने स्पष्टीकरण की मांग की है।मांगे गए स्पष्टीकरण में विद्यालय प्रधानाध्यापक के अलावा प्रभारी प्रधानाध्यापक और सहायक शिक्षक शामिल हैं।
पहले भी मांगा गया था स्पष्टीकरण
इससे पहले भी समीक्षा के दौरान पहली बार 1228 तथा दूसरी बार 385 शिक्षकों से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगे जा चुके हैं।
इसको लेकर जारी पत्र में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना राहुल चंद चौधरी ने कहा है कि 29 मार्च काे ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों द्वारा बनाई गई हाजिरी की जब विभाग द्वारा समीक्षा की गई तो जिले के 248 शिक्षकों की उपस्थित पोर्टल पर शून्य पाई गई।
मतलब इस दिन जिले के 248 शिक्षकों ने व्यवस्था को धता बताते हुए पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति बनाई ही नहीं। डीपीओ ने शिक्षकों के इस आचरण को कार्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता करार करते हुए ऐसे शिक्षकों से 24 घंटा के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है।
डीपीओ ने कहा है कि ऐसे शिक्षक विद्यालय अवधि के बाद अपने-अपने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब देना सुनिश्चित करेंगे तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिक्षकों से प्राप्त स्पष्टीकरण की समीक्षा उपरांत मंतव्य के साथ 48 घंटा के अंदर कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
इन प्रखंडो के शिक्षकों की उपस्थिति पाई गई शून्य
डीपीओ ने जिन 248 शिक्षकों की उपस्थिति पोर्टल पर शून्य पाई है उसमें बसंतपुर प्रखंड के 12, छातापुर प्रखंड के 25, किशनपुर प्रखंड के 12, मरौना के 15, निर्मली के 06, पिपरा के 24, प्रतापगंज के 22, राघोपुर के 21, सरायगढ़ के 11, सुपौल के 69 तथा त्रिवेणीगंज प्रखंड के 34 शिक्षक शामिल हैं।
इससे पूर्व भी विभाग ने बड़ी संख्या में पोर्टल पर हाजिरी दर्ज नहीं करने वाले शिक्षकों से स्पष्टीकरण की मांग की थी। दरअसल, विभाग ने शिक्षकों की उपस्थिति समय से सुनिश्चित करने को लेकर गत वर्ष एक अक्टूबर से ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है।
दो बार दर्ज करनी होती है उपस्थिति
इस दौरान शिक्षकों को दो बार उपस्थिति दर्ज करनी होती है। पहली बार जब वे विद्यालय पहुंचते हैं और दूसरी बार जब वह विद्यालय छोड़ते हैं। इन दोनों समय में फेस स्कैन के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जाती है।
इधर जब हाल के दिनों में विभाग ने पोर्टल की समीक्षा करनी शुरू कर दी है तो सरकार की इस नई व्यवस्था की असलियत सामने आने लगी है।
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