सपौल में शायरों ने कहा, हमारे दिल की हर धड़कन पर हिदुस्तान लिखा है..
मुशायरे में अररिया से आए हजरत मोलाना अब्दुला सालिम कमर साहब चतुर्वेदी ने अपनी गजल-आंधी चली थी शमा बुझाने तमाम रात जलते रहे थे ख्वाब सुहाने पढ़ी तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा महफिल गूंज उठा।
सुपौल। पिपरा प्रखंड के जोल्हनियां स्थित नफील टोला में मंगलवार की शाम आयोजित मुशायरे में अररिया से आए हजरत मोलाना अब्दुला सालिम कमर साहब चतुर्वेदी ने अपनी गजल-आंधी चली थी शमा बुझाने, तमाम रात जलते रहे थे ख्वाब सुहाने पढ़ी तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा महफिल गूंज उठा। उन्होंने सुनाया कि 'कहीं पर राम लिखा है कहीं रहमान लिखा है, कहीं पर लिखा गीता और कहीं कुरान लिखा है, मुसलमान और हिदू कहके हमको बांटने वालों, हमारे दिल की हर धड़कन पर हिदुस्तान लिखा है सुनाकर लोगों का दिल जीत लिया। तबीस रोशन ने 'सारा शिकवा गिला भुला देते, रंगे इंसानियत दिखा देते सुनाया। परवेज रोशन ने 'ना सुमन चाहिए ना चमन चाहिए, कोई सूरज ना कोई गगन चाहिए सुनाकर तालियां बटोरी। कैशर अली ने 'नफरतों की सरहद से कुछ कर दिया जाए, आओ शहर-ए-उल्फत का अब तो रुख किया जाए सुनाया। चर्चित शायर तबीस रोशन ने शायरी प्यासों को अक्सर बताया जाता है, दरिया से रिश्ता भी निभाया जाता है सुनाकर तालियां बटोरीं। परवेज रोशन ने मेरी खामोश निगाहों के इशारे समझो, वरना होंठों से मैं इजहार नहीं कर सकती सुनाई। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि उर्दू किसी मजहब की भाषा नहीं है। इसे मजहब की दीवारों में नहीं बांधा जाए। गैर मुस्लिम लोग भी उर्दू पढ़ने-समझने के लिए आगे आएं। राज्य के सरकारी विद्यालयों में उर्दू की पढ़ाई अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। जरूरत है अपने बच्चों को उर्दू सिखाने की। उर्दू के अखबार, उर्दू की अच्छी किताबें जरूर खरीदें ताकि उर्दू के खिदमतगारों का हौसला बढ़े। मौके पर मुखिया लक्ष्मीकांत भारती, अशोकलाल मंडल, पूर्व मुखिया हेमनारायण मंडल, शिवजी मंडल, मु. मसरूद्दीन, पैक्स अध्यक्ष अरुण प्रसाद, अमरेंद्र कुमार, मु.इस्लाम आदि मौजूद थे।
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