देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है कृषि : डीएओ
सरकार ने दाखिल-खारिज के वादों को समय सीमा के अंदर निष्पादन के लिए इसे आरटीपीएस में शामिल किया ताकि लोगों को इसके लिए ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़े। लेकिन अंचलाधिकारी की उदासीनता कहिए या कर्मियों की मनमानी जनता को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में ऐसे सैकड़ों मामले हैं जो निर्धारित समय सीमा खत्म होने के बाद भी कई महीनों से लंबित पड़े हैं।
सुपौल। कृषि विभाग के सौजन्य से प्रखंड अन्तर्गत भगवती स्थान खूंट कोरियापट्टी में शुक्रवार को किसान चौपाल आयोजित किया गया। वार्ड सदस्य संघ के जिला सचिव सजेन यादव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने कहा कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। किसानों के किसानी पर ही देश विकसित राष्ट्र बनेगा। गांव की हरियाली और किसान परिवार की खुशहाली के बिना राष्ट्र संपन्न नहीं हो सकता। कहा कि प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ उपहार वन हैं। पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए पौधरोपण आवश्यक है। भारतीय किसानों की माली हालत में सुधार के लिए कृषि से सम्बंधित आधुनिक तकनीक का ज्ञान आवश्यक है। चौपाल का संचालन करते हुए बिहार राज्य किसान सलाहकार संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमन कुमार ने कहा कि जल संरक्षण के अभाव में पानी का स्तर धीरे-धीरे नीचे जा रहा है। भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण अतिआवश्यक है। मानव सचेत नहीं हुआ तो भविष्य में तृतीय विश्व युद्ध पानी को लेकर होगा। जल है तो जीवन है। इसलिए पानी को जरूरत के हिसाब से ही खर्च करें। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना बुढ़ापे का सहारा है। गांव में लगेंगे चौपाल तभी किसान होंगे खुशहाल। इस योजना का लाभ 18 से 40 वर्ष तक के लघु व सीमांत किसानों को मिलेगा। यह योजना गरीब किसान के लिए सुरक्षा कवच है। किसानों का 60 वर्ष आयु पूर्ण होने के बाद 03 हजार रुपया प्रतिमाह पेंशन दिया जाएगा। इस योजना के लाभ हेतु बैंक पासबुक, आधार कार्ड, किसान पंजीयन, बीपीएल प्रमाण-पत्र, आयु प्रमाण-पत्र, जमीन का कागजात व नामित का नाम आवश्यक है। 18 वर्ष वाले किसान को मासिक योगदान 55 रुपया और 40 वर्ष वाले किसान को 200 रुपया मासिक प्रीमियम देना होगा। उतना ही केंद्र सरकार की योगदान राशि रहेगी। प्रखंड तकनीकी प्रबंधक पंकज कुमार ने कहा कि पर्यावरण प्रकृति का एक सुदर्शन कवच है। सुखद जीवन और बेहतर स्वास्थ्य के लिए मिट्टी संरक्षण आवश्यक है। मिट्टी जांचोपरांत आवश्यकतानुसार जैविक खादों के प्रयोग से फसल की अच्छी पैदावार होती है। इसे बचाने के लिए जैविक उत्पाद पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। कृषि समन्वयक सुमन कुमारी ने कहा कि महिला ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका निर्णायक रही है। कृषि के क्षेत्र में महिलाओं को स्वावलंबी और सशक्त बनने की जरूरत है। किसान चौपाल में कृषि कर्मियों द्वारा कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, किसान पुरस्कार कार्यक्रम योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना, कृषि यांत्रीकरण योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम, बीज ग्राम योजना, मुख्यमंत्री तीव्र बागवानी विकास योजना, प्रमाणित बीज वितरण योजना, जैविक खेती प्रोत्साहन कार्यक्रम आदि योजनाओं की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। किसान चौपाल में गिरधारी यादव, राजीव कुमार, विमल यादव, संतोष मुखिया, चंद्रकिशोर यादव, शिव नारायण पौद्दार, पृथ्वीलाल रजक, परमानन्द कुमार पप्पू, सुलेन मल्लाह, देवनारायण यादव, सदानन्द ठाकुर, रूपेश कुमार, जयप्रकाश साह, घनश्याम यादव, श्याम किशोर सुशील, अनन्त सागर यादव, जय प्रकाश यादव, मनोहर कुमार, महेन्द्र यादव, प्रीतम कुमार चौधरी आदि उपस्थित थे।