सुपौल में अतिक्रमण हटाने गई प्रशासन की टीम पर पथराव, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
सुपौल के राघोपुर में जमीन विवाद को लेकर 14 वर्षों से चली आ रही कानूनी लड़ाई का अंत हुआ। न्यायालय के आदेश पर बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाया गया। प्रदर्शनक ...और पढ़ें
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अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस। (जागरण)
संवाद सूत्र, राघोपुर (सुपौल)। जमीन विवाद को लेकर पिछले 14 वर्षों से चली आ रही कानूनी लड़ाई का अंत रविवार को प्रशासन की कड़ी कार्रवाई के साथ हुआ।
मु. अख्तर अली की जमीन को लेकर वर्ष 2011 से न्यायालय में लंबित मामले में कोर्ट के आदेश पर बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण मुक्त कराया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए पथराव के जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
यह मामला वर्ष 2011 से न्यायालय में विचाराधीन था। जमीन खाली कराने हेतु निष्पादन की प्रक्रिया 2018 में ही शुरू हुई थी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसमें विलंब होता रहा। अंततः न्यायालय ने 21 दिसंबर (शनिवार) को जमीन खाली कराने का ठोस आदेश जारी किया।
कोर्ट के इसी आदेश के आलोक में स्थानीय प्रशासन ने रविवार को सुरक्षा बलों की मौजूदगी में कार्रवाई शुरू की। कार्रवाई के दौरान न्यायालय द्वारा गठित 3 सदस्यीय टीम एक नाजीर और दो प्रोसेस सर्वर मौके पर मौजूद थे।
मजिस्ट्रेट के रूप में बसंतपुर सीओ हेमंत अंकुर, राघोपुर सीओ रश्मि प्रिया और थानाध्यक्ष अमित कुमार राय के नेतृत्व में जैसे ही बुलडोजर ने अवैध निर्माण को ढहाना शुरू किया, वहां मौजूद अतिक्रमणकारियों और उनके समर्थकों ने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया।
जमकर चले ईंट-पत्थर
देखते ही देखते स्थिति बिगड़ गई और उपद्रवियों ने पुलिस टीम पर जमकर ईंट-पत्थर फेंके। स्थिति को नियंत्रण से बाहर होता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई में लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस के सख्त रुख के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और उपद्रवी पीछे हटने को मजबूर हुए।
उपद्रवियों को खदेड़ने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच जमीन को पूरी तरह खाली कराई गई। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कानून के आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकारी कार्य में बाधा डालना और अवैध कब्जा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में भी ऐसी गतिविधियों पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी।

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