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    Bihar Teacher News: बिहार के इस जिले में आठ शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ी; शिक्षा विभाग ने मांगा जवाब

    Updated: Thu, 19 Sep 2024 03:56 PM (IST)

    Bihar Teacher बिहार के सुपौल जिले में प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था में अनियमितता देखी गई है। कई विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना में हेराफेरी और शिक्षकों की अनुशासनहीनता की शिकायतें मिली हैं। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने दो विद्यालयों के आठ शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई निरीक्षण में अनियमितताओं के पाए जाने के बाद की गई है। जवाब नहीं देने पर इन शिक्षकों पर एक्शन हो सकता है।

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    बिहार के इस जिले में आठ शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ी (जागरण)

    संवाददाता जागरण, सुपौल। Supaul News:  लाख कोशिश के बाद भी जिले में प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था में कोई खास सुधार होते नहीं दिख रहा है। स्थिति यह है कि अधिकांश विद्यालयों में विभाग द्वारा जारी निर्देशों का एक तो पालन नहीं किया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों के बीच परोसे जाने वाले एमडीएम योजना में हेराफेरी को लेकर कई तरह के हथकंडे अपनाये जाते हैं।

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    स्थिति है कि विद्यालय प्रधान 12.40 बजे अपराह्न तक बच्चों की उपस्थित पंजी में दर्ज नहीं करते। ऐसा इसलिए करते हैं ताकि एमडीएम योजना में मन माफिक ढंग से बच्चों की उपस्थिति बढ़ा-चढ़ा कर दिखा कर योजना को कमाई का जरिया बनाया जाए।

    फिलहाल कुछ ऐसे ही अनियमितता को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुपौल ने दो विद्यालय के आठ शिक्षकों से स्पष्टीकरण की मांग की है। दरअसल, 14 नवंबर को सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय सोनक तथा 12 नवंबर को प्राथमिक विद्यालय डीह टोला लाउढ़ का निरीक्षण राज्य प्रखंड सावधान सेवी नीरज कुमार राज द्वारा किया गया।

    प्राथमिक विद्यालय डीहटोला लाउढ के निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि करीब 12:40 बजे विद्यालय प्रधान उपस्थिति बनाकर विद्यालय से गायब थे। वहीं जब विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक, शिक्षिका से पाठ्यटीका की मांगी गई तो किसी ने भी उपलब्ध नहीं कराया। इसके अलावा निरीक्षण के समय तक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पंजी में दर्ज नहीं की गई थी।

    जाहिर सी बात है कि मध्याह्न भोजन योजना में हेराफेरी को लेकर ऐसा किया गया था। वहीं प्राथमिक विद्यालय सोनक की भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी। यहां के शिक्षकों ने भी पाठ्यटीका उपलब्ध नहीं कराया। यहां भी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पंजी में दर्ज नहीं की गई थी।

    ऐसे में डीपीओ ने कहा है कि समय से बच्चों की उपस्थिति दर्ज नहीं करना मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितता की ओर इशारा करता है जो सरकारी कार्य के नियम के विरुद्ध है। कहा है कि शिक्षकों का यह आचरण जान-बूझकर घोर अनुशासनहीनता तथा उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना को दर्शाता है।

    डीपीओ ने प्राथमिक विद्यालय डीह टोला लाउढ़ के प्रभारी प्रधानाध्यापिका अनिता कुमारी समेत शिक्षक आभाष कुमार सिंह, श्वेता सुमन, नीतू कुमारी, नेहा निधि तथा प्राथमिक विद्यालय सोनक के प्रभारी प्रधानाध्यापक अलीशा खातून, सत्यनेश कुमार, कल्पना कुमारी से स्पष्टीकरण की मांग की है।