बिहार में अस्पताल की सीढ़ियों पर गर्भवती ने जना बच्चा... सुपौल की महिला की डिलीवरी का VIDEO VIRAL
Bihar News बिहार के सुपौल में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाह व्यवस्था के चलते अस्पताल की सीढ़ियों पर गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया। प्रसव पीड़ा से छटपटाती इस महिला को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करने की बजाय रेफर करने की बात सामने आ रही है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ है। एएनएम ने नार्मल डिलीवरी नहीं होने की बात कहकर रेफर कर दिया।

संवाद सूत्र, मरौना (सुपौल)। Bihar News मरौना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला को अस्पताल लाया गया, लेकिन तुरंत बेहतर इलाज के बजाय उसे सीढ़ियों पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। यह घटना न सिर्फ लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आम जनता को अभी भी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कैसे जूझना पड़ता है।
दरअसल गनौरा पंचायत के कोनी गांव निवासी एक महिला को रविवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद स्वजन उसे मरौना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए। ड्यूटी पर तैनात एएनएम चांदनी कुमारी एवं मधुबाला कुमारी ने जांच कर यह कहकर मौखिक रेफर कर दिया कि नार्मल डिलीवरी संभव नहीं है। स्वजन महिला को अस्पताल से बाहर ले ही जा रहे थे कि इसी दौरान अस्पताल की सीढ़ियों पर ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।
स्वजन ने तत्काल मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों को आवाज दी, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। इस पूरी घटना का वीडियो मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने बना लिया, जो अब इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। सिविल सर्जन डा. ललन ठाकुर ने कहा कि प्रसारित वीडियो को संज्ञान में लिया गया है। संबंधित अस्पताल से रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रारंभिक जानकारी में यह सामने आया है कि महिला की जांच के दौरान गर्भ में बच्चा उल्टा पाया गया था। इसलिए अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा गया था, लेकिन उसी दौरान प्रसव हो गया। सिविल सर्जन का यह भी कहना है कि स्वजन ने किसी प्रकार की आपत्ति नहीं जताई है।
डेंगू किट से करें मरीजों की जांच
समाहरणालय स्थित सभागार में डेंगू, कालाजार और एचआइवी नियंत्रण को लेकर सदर सुपौल, किशनपुर, राघोपुर, बसंतपुर, त्रिवेणीगंज एवं निर्मली प्रखंड अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सकों एवं जिलास्तरीय पदाधिकारियों की अंतरविभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी सावन कुमार ने की। बैठक में निर्देशित किया गया कि बुखार के मरीजों की जांच में सतर्कता बरती जाए। दोबारा आने वाले बुखार पीड़ितों की डेंगू किट से जांच अनिवार्य रूप से की जाए। सभी प्रखंडों में पर्याप्त मात्रा में जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने कहा कि बुखार से ग्रसित मरीजों का 10 दिनों का विश्लेषण किया जाना चाहिए। निजी चिकित्सकों के साथ बैठक कर डेंगू के लक्षण, बचाव और इलाज के तरीकों पर चर्चा करना भी आवश्यक बताया गया। सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधकों एवं अस्पताल प्रबंधकों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने संस्थानों में स्थापित डेंगू वार्ड की मच्छरदानी सहित फोटो वाट्सएप ग्रुप पर साझा करें।
बैठक में यह भी तय किया गया कि सिविल सर्जन की अध्यक्षता में जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जीविका डीपीएम के साथ डेंगू, कालाजार एवं एचआइवी पर चर्चा की जाएगी। इसी प्रकार की प्रक्रिया प्रखंड स्तर पर भी अपनाई जाएगी। इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष राघवेंद्र झा राघव, उप विकास आयुक्त सारा अशरफ, जिला पंचायती राज पदाधिकारी गयानंद यादव, सिविल सर्जन, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी, जिला योजना समन्वयक, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक, जिला स्वास्थ्य समिति के प्रतिनिधि एवं सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे।

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