Updated: Wed, 06 Aug 2025 06:29 PM (IST)
बिहार सरकार ने सुपौल जिले के सरायगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र के लिए 250 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। इस परियोजना के लिए 1 अरब 51 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की गई है। स्थानीय लोगों में खुशी है और उनका मानना है कि इससे रोजगार मिलेगा और पलायन कम होगा। सरकार ने पारदर्शिता के साथ भूमि अधिग्रहण करने और किसानों को मुआवजा देने की बात कही है।
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। कोसी क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग आखिरकार पूरी होने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार सरकार (Bihar Government) के उद्योग विभाग ने सुपौल जिले के सरायगढ़ पंचायत के सरायगढ़ मौजा में 250 एकड़ भूमि को औद्योगिक क्षेत्र के लिए अधिग्रहित कर लिया है। इस अधिग्रहण से न केवल सरायगढ़ बल्कि पूरे कोसी अंचल में रोजगार और आर्थिक विकास की संभावनाओं को बल मिलेगा।
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इस संबंध में उद्योग विभाग, बिहार सरकार, पटना के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने एक आधिकारिक प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरायगढ़ के साथ-साथ पिपरा प्रखंड के बिशनपुर गांव में भी 248 एकड़ 6 डिसमिल भूमि का अधिग्रहण औद्योगिक उपयोग के लिए किया गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा 1 अरब 51 करोड़ 74 लाख 50 हजार 547 रुपये की लागत को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसे राज्य की मंत्री परिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। सरायगढ़ और बिशनपुर इन दोनों जगहों पर एक साथ भूमि अधिग्रहण की खबर से कोसी अंचल में उत्साह की लहर दौड़ गई है।
स्थानीय लोगों ने जताई खुशी, उद्योग स्थापना में तेजी की मांग
सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड निवासी युवा उद्यमी पप्पू कुमार कहते हैं, यह कदम पूरे कोसी के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है। अगर सरकार ईमानदारी से उद्योग लगवाए, तो हमारे बच्चे दिल्ली, पंजाब या महाराष्ट्र की ओर रोज़गार के लिए नहीं भागेंगे।
वहीं, बिशनपुर की रेखा देवी ने कहा, हमने पहली बार देखा है कि सरकार ने इस इलाके के भविष्य को लेकर गंभीरता दिखाई है, लेकिन अधिग्रहण के बाद अब इंतजार है असली कार्य शुरू होने का।
पलायन पर लगाम, स्थानीय उत्पादों को मिलेगा बाजार
कोसी क्षेत्र लंबे समय से बाढ़, पिछड़ेपन और पलायन की त्रासदी झेलता आया है, लेकिन अब उद्योग लगने से जहां स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। वहीं, कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर सरकार फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, या प्लाईवुड जैसे उद्योग स्थापित करती है, तो यहां की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
सरकार की योजना में पारदर्शिता पर अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने प्रेस नोट में स्पष्ट किया है कि भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की गई है और सभी प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान नियमानुसार किया जाएगा। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जिन किसानों की जमीन ली गई है, उन्हें उचित लाभ मिले और वे खुद भी उद्योगों में हिस्सेदार बन सकें।
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