आसमान से हो रही बर्बादी की बारिश, मक्का की फसल नष्ट; फूट-फूट कर रो रहे किसान
सुपौल जिले में लगातार बारिश से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। मक्का की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है जिससे किसान फूट-फूटकर रो रहे हैं। कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के सपने टूट गए हैं। बर्बाद किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है ताकि वह भुखमरी से बच सके।
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल)। विगत दो तीन दिनों से हो रही बारिश बर्बादी के निशान छोड़ने लगी है। प्रकृति के कहर ने किसानों को आंसू बहाने को मजबूर कर दिया है। खेतों से लेकर घर तक मक्का का मंजर देखकर किसान फफककर रोने लगे हैं।
खून-पसीने की मेहनत और कर्ज लेकर सजाए गए अरमान धराशायी हो रहे हैं। मक्का की फसल से तरक्की के सपने गढ़ रहे किसानों के सपने ढहने लगे हैं। बारिश से मक्का की फसल बर्बाद हो रही है।
किसान प्रशांत कुमार, सत्यनारायण सहनोगिया, प्रो. शिवनंदन यादव, विशंभर साह आदि ने बताया कि मक्का की खेती करने वाले किसान हताश हैं। बारिश से फसल नष्ट हो रही है। छोटे और मझौले किसान अधिक प्रभावित हुए हैं।
इन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मक्का की खेती होती है। किसान अभी मक्का की तैयारी में जुटे थे। लेकिन लगातार बारिश होने से खेतों में तोड़कर रखी गई तथा तैयार की गई मक्का की फसल बरसात के पानी में पूरी तरह भीग गई है।
साथ ही गहरी जमीन में तोड़कर रखी गई मक्का तथा मूंग की फसल पानी में डूबी हुई है। बर्बाद किसानों ने सरकार से अविलंब सर्वेक्षण कराकर फसल क्षति की भरपाई की मांग की है।
किसानों ने कहा कि यदि सरकार से उचित मुआवजा नहीं मिला, तो भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाएगी। साथ ही कर्ज के बोझ तले दबे किसान बर्बाद हो जाएंगे।
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